अमेरिका में बना प्लास्टिक खाने वाला एंजाइम … यह एक हफ्ते में प्लास्टिक को मिट्टी में मिलाएगा, करोड़ों टन कचरा रिसाइकल करेगा

प्लास्टिक के एक टुकड़े को मिट्टी में मिलने में 20 से 500 साल तक का वक्त लगता है। इससे पर्यावरण को जो नुकसान होता है, उससे पृथ्वी को रिकवर करना बेहद मुश्किल है। मगर अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास के वैज्ञानिकों ने इस समस्या का हल ढूंढ निकाला है। उन्होंने एक ऐसा एंजाइम बनाया है, जो मात्र एक हफ्ते में ही प्लास्टिक को खाकर डीकंपोज कर सकता है।

यह रिसर्च नेचर जर्नल में प्रकाशित हुई है। वैज्ञानिकों ने इस एंजाइम को बनाने के लिए मशीन लर्निंग का इस्तेमाल किया। एंजाइम एक तरह का प्रोटीन होता है, जो किसी बायोलॉजिकल प्रोसेस को तेज करने वाला कैटालिस्ट है। रिसर्चर्स के मुताबिक, यह एंजाइम खास पॉलीथीन टैरीपिथालेट (PET) नाम के प्लास्टिक को डीकंपोज करने के लिए बनाया गया है। PET दुनिया के 12% कचरे का जिम्मेदार है।

डीकंपोज PET से बनेगा ‘वर्जिन प्लास्टिक’

नए एंजाइम की मदद से मिट्टी में मिल चुके प्लास्टिक को उसके ओरिजिनल फॉर्म में दोबारा लाया जा सकता है।
नए एंजाइम की मदद से मिट्टी में मिल चुके प्लास्टिक को उसके ओरिजिनल फॉर्म में दोबारा लाया जा सकता है।

वैज्ञानिकों की मानें तो यह एक अनोखी रिसर्च है। नया एंजाइम न सिर्फ PET को महज कुछ दिन में डीकंपोज करने में मदद करता है, बल्कि इस प्रोसेस से पहले जैसा प्लास्टिक भी बनाया जा सकता है। प्रोफेसर हाल एल्पर के मुताबिक, इसे ‘वर्जिन प्लास्टिक’ नाम दिया है। यानी, मिट्टी में मिल चुके प्लास्टिक को उसके ओरिजिनल फॉर्म में दोबारा लाया जा सकता है।

बता दें कि साल 2005 से प्लास्टिक को जल्दी डीकंपोज करने के लिए अब तक 19 एंजाइम्स बनाए जा चुके हैं, लेकिन यह एंजाइम अपने आप में अनूठा है। यह अलग-अलग तापमान और परिस्थितियों में भी समान काम कर सकता है। सभी एंजाइम्स को पर्यावरण में मौजूद उन बैक्टीरिया से निकाला जाता है, जो प्लास्टिक पर ही पाए जाते हैं।

प्लास्टिक पॉल्यूशन में आएगी कमी

इस एंजाइम की मदद से कचरे में मौजूद प्लास्टिक बॉटल और और कंटेनर रिसाइकल किए जाएंगे।
इस एंजाइम की मदद से कचरे में मौजूद प्लास्टिक बॉटल और और कंटेनर रिसाइकल किए जाएंगे।

प्रोफेसर एल्पर कहते हैं कि सबसे पहले इस एंजाइम की मदद से कचरे में मौजूद प्लास्टिक बॉटल और और कंटेनर रिसाइकल किए जाएंगे। इससे करोड़ों टन PET प्लास्टिक को डीकंपोज कर दोबारा इस्तेमाल किया जा सकेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *