लखनऊ में हाउस टैक्स में OTS योजना लागू ..? 3.16 लाख लोगों को फायदा मिलेगा; मोबाइल फूड वैन का डेढ़ गुना हुआ किराया
लखनऊ के व्यापारी और आम लोगों को हाउस टैक्स में बड़ी राहत मिलने वाली है। सोमवार को नगर निगम सदन की कार्रवाई शुरू होने के बाद महापौर संयुक्ता भाटिया ने एक प्रस्ताव दिया। इसमें हाउस टैक्स और जलकल आवासीय और कॉमर्शियल में OTS यानी एकमुश्त समाधान योजना लागू करने को कहा गया। नगर निगम ने इसको पास भी कर दिया है। अब शासन के पास प्रस्ताव जाएगा। इस पर सहमति बनने के बाद हाउस टैक्स का पूरा ब्याज माफ होगा।
मेयर संयुक्ता भाटिया ने बताया कि इसको लेकर वह खुद नगर विकास मंत्री से बात करेंगी। उम्मीद है कि जुलाई में OTS को लागू कर दिया जाएगा। इस योजना में 3 लाख 16 हजार लोगों को फायदा मिल रहा है। इसमें 2 लाख 77 हजार घर और 39 हजार 500 दुकान या कॉमर्शियल बिल्डिंग शामिल हैं। उधर, सदन में मौजूद पार्षदों ने इस योजना का नाम बदलकर ‘महापौर एक मुश्त समाधान योजना’ करने को कहा।
सड़क पर गाड़ी खड़ी की, तो देना होगा शुल्क
नगर निगम ने और भी कई जगह टैक्स लगाने को मंजूरी दी है। इसमें प्राइवेट संस्थान अगर अपनी कार सड़क पर खड़ी करते हैं, तो उनको हर साल 4 हजार रुपए किराया देना होगा। इसके अलावा शहर में चलने वाले मोबाइल फूड वैन का किराया भी बढ़ा दिया गया है। पहले छोटी फूड वैन से सालाना 18 हजार और बड़ी से 24 हजार किराया लिया जाता था। अब छोटी वैन के लिए 27 हजार और बड़ी के लिए 36 हजार रुपए किराया देना होगा।
ट्रैवल वाले वाहनों को भी देना होगा किराया
गाड़ी के प्रकार | एक साल का किराया (रुपए) |
छोटी कार | 2500 |
टेम्पो, ऑटो, ई- रिक्शा | 2000 |
बड़ी कार | 4000 |
बड़ी बस व ट्रक | 6000 |
मिनी बस व ट्रक | 5000 |
छोटा माल ढुलाई वाहन | 4000 |
ट्रैवल एजेंसियों के कार्यालय के लिए यह रहेगा शुल्क
एजेंसी के प्रकार | साल का किराया (रुपए) |
बड़ी ट्रैवल एजेंसी | 12000 |
छोटी ट्रैवल एजेंसी | 8000 |
लग्जरी कार की एजेंसी | 24000 |
हालांकि, ट्रैवल एजेंसी और वाहनों का यह किराया अभी लागू नहीं हो रहा है। इसके लिए बाकी नियमावली भी बनेगी। अधिकारियों का कहना है कि अभी रेट तय हो गया है। जुलाई के अंत या अगस्त से इसको लागू किया जाएगा।
सड़क पर गाड़ी खड़ी करने वाले 4000 रुपए सालाना शुल्क देंगे
सड़क किनारे खड़े होने वाले वाहनों से भी पैसा लिया जाएगा। इसमें निजी संस्थान और प्रतिष्ठानों द्वारा जिस जगह गाड़ी खड़ी की जाती है, उस जोन के अधिकारी किराया वसूल करेंगे। नगर निगम ने इसके लिए 4000 रुपए सालाना रेट तय किया गया है।
कबाड़ एकत्र करने वालों के लिए लागू हुआ शुल्क
नगर निगम ने कबाड़ी एकत्र करने वालों से भी सालाना शुक्ल लेने का नियम बना दिया है। शहर में 181 स्थल ऐसे हैं, जहां कबाड़ वाले अपना सामान एकत्र करते है। इसमें क्षेत्रफल के हिसाब से वसूली होगी। नगर आयुक्त अजय द्विवेदी ने बताया कि छोटे स्थल से 30 हजार, मीडियम स्थल से 45 हजार और बड़े स्थल से 60 हजार रुपए की वसूली होगी। इसमें भी क्षेत्रफल तय करना अभी बाकी है।
गरीबों को मुफ्त मिलेगा इलाज
यह भी तय किया गया था कि सभी जोन कार्यालयों में जनता के लिए फ्री जांच केंद्र स्वास्थ्य विभाग और एनजीओ की सहायता से खोले जाएंगे। अनुसुइया रसोई के लिए बजट में 1 करोड़ रुपए का प्रावधान पास किया गया था।
महिला बाजार के लिए 7 करोड़ मंजूर
शहर में बनने वाले महिला बाजार के लिए कार्यकारिणी में सात करोड़ रुपए मंजूर किए गए हैं। यह ‘महिला बाजार’ चारबाग में बनेगा। पिछले साल 8 मार्च को विशेष महिला सदन के दौरान इसकी मांग उठी थी।
इन मदों से होगी आय
- भवन कर से 310 करोड़ रुपए
- वाहनों पर अन्य गाड़ियां पर कर 20 लाख
- कुत्तों के लाइसेंस से दस लाख
- विज्ञापन शुल्क सात करोड़
- प्रेक्षागृहों से शुल्क एक करोड़
- पार्किंग ठेकों से दस करोड़
- विभिन्न लाइसेंस शुल्क से तीन करोड़
- यूजर चार्ज से 55 करोड़
- म्यूनिसिपल बांड जारी होने से एक अरब
- 14वां और 15वें वित्त आयोग से 2.96 अरब
सड़कों की मरम्मत और नवीनीकरण पर खर्च होंगे 160 करोड़
- रोड कटिंग पर सात करोड़ रुपए।
- ठेका सफाई और विभागीय संविदा सफाई कर्मियों की 140 करोड़ रुपए।
- अन्य सार्वजनिक निर्माण नाला निर्माण व अन्य निर्माण दो करोड़ रुपए।
- शहरी निर्धनों और मलिन बस्तियों में अनुरक्षण कार्य पर दो करोड़ रुपए।
- पार्कों की दीवार का निर्माण, मरम्मत, रंगाई पुताई और कम्पोस्ट पिट का निर्माण दो करोड़ रुपए।
- वेंडिंग जोन के संचालन और अनुरक्षण पर दो करोड़ रुपए।
- नालों की सफाई पर तीन करोड़ रुपए।
- बाढ़ पम्प की मरम्मत पर 5.80 करोड़ रुपए रुपए।
- पेट्रोल और डीजल पर 50 करोड़ रुपए।
- नए कूड़ाघरों के निर्माण पर दो करोड़ रुपए।
- मूत्रालय और शौचालय के निर्माण पर एक करोड़ रुपए।
- नगरीय ठोस अपशिष्ट पर पचास करोड़।
- स्ट्रीट लाइटों के सामानों की खरीद पर एक करोड़।
- नये निर्माण कार्य पर पांच करोड़।
- स्ट्रीट लाइटों की मरम्मत पर पचास लाख।
- शहरी निर्धन और मलिन बस्तियों में स्ट्रीट लाइटों पर 10 लाख।
- अस्थायी प्रकाश व्यवस्था दो करोड़।
- स्ट्रीट लाइटों के बिंदुओं के अनुरक्षण पर 11 करोड़।
- कल्याण मंडप के निर्माण पर डेढ़ करोड़।
- लावारिस शवों के निस्तारण पर दस लाख।
- श्मशान घाट और कब्रिस्तान की मरम्मत पर 30 लाख।
- नगर निगम के स्कूलों के भवन निर्माण पर एक करोड़।