बुलडोजर से कुछ भी तोड़ने का नियम क्या है?
UP में 2 कंडीशन पर चलता है बुलडोजर, प्रयागराज में कानून के मुताबिक गिराया जावेद का घर….
10 मई को प्रयागराज के करेली इलाके में जिला प्रशासन की टीम दो मंजिला घर से सामने इकट्ठा हुई। अधिकारियों ने मकान की दीवार पर नोटिस चिपकाया। इसमें लिखा था, “जेके आशियाना कॉलोनी में 1500 वर्गफीट में बने दो मंजिला आलीशान मकान को 12 जून की सुबह 11 बजे तक खाली कर दिया जाए।” ये मकान प्रयागराज हिंसा के मास्टरमाइंड जावेद अहमद उर्फ पंप का था, जिसके खिलाफ प्रयागराज विकास प्राधिकरण यानी PDA से बिना नक्शा पास कराए मकान बनाने का आरोप है।
12 जून की सुबह 11:30 बजे एकबार फिर से उस मकान से सामने टीम पहुंचती है। घर में घुसती है, कुछ सामान निकालती है। हां, थोड़ा समय मतलब हद से हद आधे घंटे का वक्त इसलिए भी दिया कि घर से जरूरी सामान निकालना चाहे, तो निकाल लें।
इस बार टीम के साथ 2 बुलडोजर भी थे। शाम 4:30 बजे तक मकान को बुलडोजर ने जमींदोज कर दिया। जावेद के घर पर हुई कार्रवाई के बाद बुलडोजर पर फिर से बातें शुरू हो गई हैं। लोग इंटरनेट पर बुलडोजर चलाने के नियम के बारे में सर्च कर रहे हैं।
चलिए बुलडोजर की कार्रवाई से जुड़े नियमों को जानते हैं…
यूपी पुलिस के मुताबिक 2 कंडीशन में जिला प्रशासन चला सकता है बुलडोजर
पहली कंडीशन: अगर कोई शख्स किसी सरकारी जमीन पर कब्जा कर वहां खुद की संपत्ति का निर्माण कर ले, तब सरकारी जमीन को खाली करवाने और अवैध निर्माण को गिराने के लिए बुलडोजर चलाया जाता है। इसके लिए बाकायदा जिला प्रशासन की तरफ से कब्जेदार को पहले घर खाली कराने का नोटिस भेजा जाता है। कार्रवाई वाले दिन जहां बुलडोजर चलना है, उस जमीन के 1 किमी के एरिया में पुलिस फोर्स तैनात किया जाता है।
लखनऊ हाईकोर्ट के एडवोकेट प्रिंस लेनिन कहते हैं, “उत्तरप्रदेश रेगुलेशन बिल्डिंग ऑपरेशन एक्ट 1958 के प्रावधानों के तहत गैरकानूनी ढंग से बनी बिल्डिंग के मालिक को नोटिस भेजा जाता है। एक्ट के सेक्शन 10 में लिखा गया है कि नोटिस का जवाब देने में 2 महीने से ज्यादा का समय नहीं लगना चाहिए। हालांकि, ये अथॉरिटी पर निर्भर करता है कि वो 2 महीने का टाइम देती है या 2 दिन का।”
दूसरी कंडीशन: अगर अपराधी क्राइम करने के बाद लगातार फरार हो, पुलिस वॉरंट जारी होने के बाद भी वह सरेंडर ना कर रहा हो। तब प्रशासन दंड प्रक्रिया संहिता यानी CRPC के सेक्शन 83 के तहत उसकी संपत्ति पर कुर्की का आदेश देता है।
एडवोकेट प्रिंस बताते हैं, “CRPC के नियम के तहत केवल संपत्ति की कुर्की हो सकती है। कई बार क्रिमिनल लंबे समय तक फरार रहता है और उसे अपनी संपत्ति से मतलब नहीं होता। इस कंडीशन में प्रशासन कई बार बिल्डिंग डिमोलिश कर देता है।”
अब आपको बताते हैं कि बीते 5 साल में क्या हुआ?
2017 से अप्रैल 2022 तक 2081 करोड़ की अवैध संपत्तियों पर हुआ एक्शन
अप्रैल में सीएम योगी के सामने दिए गए प्रेजेंटेशन में बताया गया कि 2017 में बीजेपी सरकार बनने के बाद ही मुख्तार अंसारी, अतीक अहमद, खान मुबारक, अनिल दुजाना जैसे 25 माफियाओं के खिलाफ अभियान चलाकर 2081 करोड़ की अवैध संपत्ति जब्त की गई। इसमें अवैध संपत्तियों पर बुलडोजर चलने के साथ-साथ, कुर्की की कार्रवाई भी शामिल है।
प्रयागराज के बाद मुरादाबाद में भी चल सकता है बुलडोजर
मुरादाबाद में भी प्रशासन बुलडोजर के साथ पहुंचा। 12 जून की दोपहर को। पुलिस फोर्स और अधिकारी भी मौके पर थे। बुलडोजर मुगलपुरा से जामा मस्जिद चौराहे पहुंचा। यहां नगर निगम ने हिंसा में शामिल लोगों की अवैध संपत्तियों को ध्वस्त करने की तैयारी की। जामा मस्जिद वाले इलाके में हिंसा में शामिल 90 लोगों पर पुलिस ने FIR दर्ज की है।
इनमें से अभी तक 34 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। 12 जून को जामा मस्जिद चौराहे पहुंचकर प्रशासन ने चिह्नित की गई जगहों पर अवैध अतिक्रमण हटाने के लिए 1 दिन का समय दिया है। इसके बाद नगर निगम अवैध संपत्तियों पर बुलडोजर चलाएगा। यानी, मंगलवार को यहां भी कुछ इमारतें जमींदोज होंगी।
प्रयागराज में जावेद के बाद 36 और उपद्रवियों के घर किए जाएंगे ध्वस्त
- प्रयागराज में हुई हिंसा में पुलिस का दावा है कि जावेद अहमद ही मास्टरमाइंड है।
- थाना करेली क्षेत्र के जेके आशियाना में 39 सी/2 ए/1 में जावेद अहमद का मकान था।
- 12 जून की देर शाम तक तक जावेद के मकान का लगभग 100% हिस्सा गिरा दिया गया।
- करेली में जगह-जगह बैरिकेडिंग हुई। आसपास के इलाके में CCTV कैमरे लगाए गए।
- प्रयागराज में 36 और उपद्रवियों के घरों को चिह्नित किया गया है, जिन्हें बाद में ध्वस्त किया जाएगा।