गाजियाबाद पहुंची पहली रैपिड रेल … ?

गुजरात से 950 km सफर करके ट्रेलर पर लाए गए छह कोच, दुहाई डिपो में जुड़ेगी ट्रेन…

देश की पहली रीजनल रैपिड रेल का इंतजार खत्म होने वाला है। गुजरात से तकरीबन 950 किलोमीटर सफर तय करके पहली रैपिड रेल के छह कोच उत्तर प्रदेश के जिला गाजियाबाद में पहुंच गए हैं। ये कोच छह बड़े ट्रेलर पर रखकर लाए गए हैं। अब एक-दो दिन बाद ये कोच ट्रेलर से उतारकर दुहाई डिपो के भीतर तैयार रेल पटरियों पर खड़े करके आपस में जोड़े जाएंगे।

इन्हीं ट्रेलर से गुजरात से करीब 950 किमी का सफर तय करके रैपिड रेल के कोच पहुंचे हैं।
इन्हीं ट्रेलर से गुजरात से करीब 950 किमी का सफर तय करके रैपिड रेल के कोच पहुंचे हैं।

गुजरात से गाजियाबाद का सफर करीब एक हफ्ते में पूरा हुआ है। हरियाणा के धारूहेड़ा, मानेसर, गुरुग्राम से सफर तय करते हुए ये छह ट्रेलर ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे के रास्ते गाजियाबाद के दुहाई डिपो पर सोमवार सुबह पहुंच गए हैं। NCRTC प्रवक्ता पुनीत वत्स ने बताया, पहली रैपिड रेल आ गई है। इसे ट्रेलर से उतारने और जोड़ने में अभी कुछ वक्त लग सकता है।

छह बड़े ट्रेलर पर रैपिड रेल के कोच रखकर बड़ी सावधानी के साथ लाए गए हैं।
छह बड़े ट्रेलर पर रैपिड रेल के कोच रखकर बड़ी सावधानी के साथ लाए गए हैं।

इस साल के अंत में होगा ट्रायल

उल्लेखनीय है कि 7 मई को गुजरात के एलस्टॉम कंपनी के प्लांट में आयोजित कार्यक्रम में पहली रैपिड रेल भारत सरकार को सौंपी गई थी। एलस्टॉम कंपनी में कुल 40 कंपलीट ट्रेनें तैयार की जा रही हैं। इस तरह की 39 ट्रेनें और आनी हैं। इसी साल के अंत तक फर्स्ट फेज में साहिबाबाद से दुहाई डिपो के बीच रैपिड रेल का ट्रायल होगा और साल-2023 में यह रन करने लगेंगी।

इस ट्रेन के कोच में अधिक लेगरूम यानी पैर फैलाने की पर्याप्त जगह के साथ ही ऊपर सामान रखने की भी व्यवस्था होगी।
इस ट्रेन के कोच में अधिक लेगरूम यानी पैर फैलाने की पर्याप्त जगह के साथ ही ऊपर सामान रखने की भी व्यवस्था होगी।

रैपिड रेल की खासियतें

  • लंबी नाक और प्लग-इन-दरवाजे के साथ एयरोडायनेमिक प्रोफाइल है, जो तेज रफ्तार पर हवा का खिंचाव कम करेगा।
  • एंट्री और एक्जिट पर यात्रियों के लिए अधिकतम स्थान के लिए चौड़े गलियारे के साथ पूरी तरह से वातानुकूलित कोच।
  • टिंट वाले बड़े खिड़की के शीशे बाहर का मनोरम दृश्य देंगे। एर्गोनॉमिक रूप से डिजाइन की गई 2X2 ट्रांसवर्स सीटिंग।
  • हर ट्रेन में एक ‘प्रीमियम क्लास कार’ जो आरामदेह, सुविधाजनक और यूजर फ्रेंडली होगी। इसमें अधिक लेगरूम मिलेगा।
  • कोट हैंगर के साथ चौड़ी सीटें होंगी और वेंडिंग मशीन भी होगी। महिलाओं के लिए आरक्षित एक कोच लगाया गया है।
  • एनर्जी एफिशिएंट, रोशनी-आधारित ऑटो नियंत्रण परिवेश प्रकाश प्रणाली। हर सीट पर मोबाइल चार्जिंग को यूएसबी पोर्ट।
  • सीसीटीवी निगरानी, आधुनिक पैसेंजर अनाउंसमेंट और डिजिटल पैसेंजर इनफॉर्मेशन सिस्टम के साथ वाई-फाई भी।
  • दिव्यांगों के लिए व्हीलचेयर की जगह और आपातकालीन चिकित्सा परिवहन के लिए स्ट्रेचर की जगह होगी।
  • डायनेमिक रूट मैप डिस्प्ले, आपातकालीन संचार सुविधाओं के साथ ही ​​​इंडोर और आउटडोर सर्विलांस सिस्टम।
  • उन्नत सुरक्षा के लिए उन्नत ETCS स्तर II सिग्नलिंग, स्वचालित ट्रेन संचालन और प्लेटफॉर्म पर स्क्रीन डोर।
  • अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा मानकों पर आधारित डिजाइन। सुरक्षा और खतरे के आकलन के आधार पर उपयुक्त एसआईएल स्तर।
  • ट्रेन के अंदर और आग लगने की घटनाओं के रोकथाम के लिए फायर डिटेक्शन सिस्टम लगाया गया है।

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