जावेद पंप का घर गिराए जाने पर हाईकोर्ट में याचिका …? छोटी बेटी ने कहा- अम्मी के नाम था मकान, पुलिस अधिकारी हमारे यहां चाय पीने आते रहे हैं

प्रयागराज में हिंसा के मुख्य आरोपी जावेद पंप के घर को बुलडोजर से जमींदोज करने पर सवाल उठ रहे हैं। जावेद के पक्ष के लोगों का कहना है कि घर जावेद की पत्नी के नाम था। दूसरी तरफ, प्रयागराज डेवलपमेंट अथॉरिटी का कहना है कि घर किसके नाम था यह मैटर नहीं करता। वह अवैध निर्माण था इसलिए गिरा दिया गया। इस बीच, जावेद की बड़ी बेटी आफरीन फातिमा ने अपने ट्विटर अकाउंट पर देश के स्थान पर अंग्रेजी में लिंचिस्तान लिखा है।

आइए इस मामले पर जावेद के पक्ष और प्रशासन के पक्ष और तंजीम उलेमा-ए-इस्लाम के पक्ष को जानते हैं। सबसे पहले जावेद का पक्ष।

जावेद की छोटी बेटी ने कहा- घर मां के नाम था
जावेद मोहम्मद की 19 साल की बेटी सुमैया फातिमा ने घर गिराए जाने के बाद कहा, मेरे पापा ने हमेशा प्रशासन का साथ दिया है। जिस घर को गिराया गया है उसी में अक्सर पुलिस के अधिकारी चाय पीने के लिए आते रहे हैं। लेकिन अब उन्होंने भी अपना रंग बदल दिया है। सुमैया ने बताया कि जिस घर पर बुलडोजर चलाया गया है वह अब्बू के नहीं अम्मी परवीन फातिमा के नाम पर है।

ये जावेद की बड़ी बेटी आफरीन फातिमा हैं। जेएनयू में पढ़ाई कर रही हैं। कैंपस में कार्रवाई का विरोध किया था।
ये जावेद की बड़ी बेटी आफरीन फातिमा हैं। जेएनयू में पढ़ाई कर रही हैं। कैंपस में कार्रवाई का विरोध किया था।

बड़ी बेटी ने ट्विटर में लिखा लिंचिस्तान
जावेद की बड़ी बेटी आफरीन फातिमा ने अपने ट्विटर अकाउंट पर देश के स्थान पर अंग्रेजी में लिंचिस्तान लिखा है। आफरीन JNU स्कॉलर है। उसने बातचीत में बताया कि उनके पिता और परिवार के लोगों को पुलिस बिना वारंट के उठा ले गई। पुलिस ने कई आरोप लगाए हैं। आफरीन ने सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है।

ये आफरीन फातिमा का ट्विटर अकाउंट है, देश के स्थान पर लिंचिस्तान लिख रखा है।
ये आफरीन फातिमा का ट्विटर अकाउंट है, देश के स्थान पर लिंचिस्तान लिख रखा है।

जावेद की पत्नी को उनके पिता ने गिफ्ट में दिया था घर
इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकीलों ने जावेद के घर पर बुलडोजर कार्रवाई के खिलाफ कोर्ट में एक याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि वह घर जावेद की पत्नी परवीन फातिमा के नाम था, उन्हें उनके पिता ने यह घर दिया था। जबकि प्रशासन ने नोटिस जावेद के नाम पर जारी किया था। वकीलों ने कोर्ट से मांग की है कि प्रशासन मकान का दोबारा निर्माण करवाए और परिवार को मुआवजा दें।

सीमा आजाद ने नोटिस पर खड़े किए सवाल
सोशल एक्टिविस्ट सीमा आजाद ने प्रयागराज डेवपलपमेंट आथारिटी यानी पीडीए के द्वारा जारी नोटिस पर सवाल खड़े किए। उन्होंने सोशल मीडिया पर 39/सी/2ए/1 करेली के पते पर जलकल विभाग की रसीद और गृहकर के नोटिस को शेयर किया। उनका कहना है कि अगर वह अवैध था तो अब तक गृहकर किस बात का लिया जा रहा था। सीमा ने बैक डेट में नोटिस निकालने का भी आरोप लगाया है।

यह उस घर की हाउस टैक्स जमा करने की रशीद है जिसे प्रशासन ने गिरा दिया।
यह उस घर की हाउस टैक्स जमा करने की रशीद है जिसे प्रशासन ने गिरा दिया।

15 साल घर था, कोई कार्रवाई क्यों नहीं?
तंजीम उलेमा-ए-इस्लाम के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा, “जावेद का घर बदले की कार्रवाई के चलते गिराया गया। 15 साल से वह उसी जगह पर बना था तब पीडीए कहां था, अधिकारी-कर्मचारी उसी रास्ते से हजारों बार गए क्या किसी ने ध्यान नहीं दिया?”

मौलाना शहाबुद्दीन ने कहा, “इस्लाम में बीवी की संपत्ति पर शौहर का कोई अधिकार नहीं होता। बीवी के बच्चों का अधिकार होता है। जावेद को जिस मामले में आरोपी बनाया गया है उस मामले से पत्नी का कोई संबंध नहीं है। ऐसी ही कार्रवाई चलेगी तो फिर कोर्ट क्या फैसला सुनाएगा।”

मौलाना शहाबुद्दीन ने कहा, सरकार ने बदले की कार्रवाई की है। घर पत्नी के नाम था और नोटिस पति के नाम भेजी गई।
मौलाना शहाबुद्दीन ने कहा, सरकार ने बदले की कार्रवाई की है। घर पत्नी के नाम था और नोटिस पति के नाम भेजी गई।

अब प्रशासन का पक्ष जानते हैं
प्रयागराज जिले के डीएम संजय खत्री ने कहा, प्रशासन ने सभी दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए कार्रवाई की है। जिस घर को तोड़ा गया वह अवैध तरीके से बनाया गया था। उसका नक्शा पास नहीं करवाया गया था। जिले के एसएसपी अजय कुमार ने दावा किया कि जावेद के घर पर 315 बोर का तमंचा, 12 बोर का अवैध तमंचा और कई कारतूस मिले हैं। कुछ ऐसे डॉक्यूमेंट भी मिले जो न्यायपालिका पर तल्ख टिप्पणी करते हैं।

अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने बुलडोजर चलाए जाने के नियमों को लेकर प्रेस रिलीज जारी की। जिसमें लिखा,

  • यूपी नगर नियोजन एवं विकास अधिनियम 1973 के नियमों के अनुसार एक्ट की धारा 27 के तहत भवन गिराने का आदेश देने का उल्लेख है।
  • यूपी गैंगेस्टर एक्ट की धारा 14ए के तहत अवैध रूप से कमाई की गई संपत्ति को गिराया या जब्त किया जा सकता है।
  • सरकारी जमीन पर अतिक्रमण, अवैध कब्जे को रोकने के लिए राजस्व संहिता की धारा 67 में ऐसा प्रावधान है।
  • यदि सरकारी संपत्ति पर अवैध कब्जा किया हुआ व्यक्ति बेदखली के आदेश का पालन करने से इंकार करता है तो प्राधिकारी इसके लिए बल का प्रयोग कर सकते हैं।
  • स्थानीय लोग कार्रवाई को लेकर जो बात सबसे ज्यादा बोल रहे हैं वह ये कि, कार्रवाई पत्थरबाजी की घटना के अगले ही दिन क्यों हुई? घर तो उस जगह पर 15 साल से था और उसका गृहकर दिया जा रहा था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *