ज्ञानवापी में त्रिशूल, डमरू, नाग और पान… सर्वे रिपोर्ट
ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में हुए सर्वे की रिपोर्ट इंडिया टीवी के हाथ लगी है। कोर्ट कमिश्नर विशाल सिंह की सर्वे रिपोर्ट में दीवार पर त्रिशूल के खुदे हुए चिन्ह के बारे में जिक्र किया गया। साथ ही इस रिपोर्ट में त्रिशूल की आकृतियों के बारे में भी बताया गया है, जिन्हें पेंट से ढकने की कोशिश की गई।
कोर्ट कमिश्नर विशाल सिंह की इस सर्वे रिपोर्ट में लिखा है कि दीवार पर त्रिशूल आदि साफ दिखाई दे रहे हैं। मस्जिद के पहले गेट के पास उत्तर दिशा में वादी के अधिवक्ता ने तीन डमरू के चिन्ह दिखाई देने की बात कही है, जिसे प्रतिवादी के वकील ने गलग बताया।
इस रिपोर्ट में वादी पक्ष द्वारा प्रवेश द्वार से आगे पूर्वी दिशा की दीवाल पर लगभग 20 फीट ऊपर त्रिशूल के निशान की बात कही गई है। इससे आगे लगभग 7 फीट की ऊंचाई पर दिखाई पड़ रहे त्रिशूल के निशान और मुख्य गुम्बद के दाहिने तरफ भी बने ताखा के अंदर त्रिशूल खुदा हुआ मिला और उसकी भी फोटोग्राफी करायी गई।
दीवाल पर स्वास्तिक और हाथी के चिन्ह
इस रिपोर्ट में आगे लिखा है कि मस्जिद के स्टोर रूम के बाहर की दीवाल पर भी स्वास्तिक के कई निशान कायम हैं और स्टोर रूम मस्जिद के दक्षिण-पश्चिम कोने पर करीब 8×10 फीट का, जिसके दरवाजे में सिर्फ भुन्नासी लाक लगा हुआ है। ज्ञानवापी परिसर की इस सर्वे रिपोर्ट के पांचवे पन्ने में मस्जिद के अंदर पश्चिमी दीवाल में हाथी के सूड़नुमा आकृति के चिन्ह दिखने के बारे में लिखा है।
गुम्बद के पत्थर में फूल, पत्ती और कमल
विशाल सिंह की रिपोर्ट में लिखा है कि दक्षिण दिशा में तीसरे गुम्बद के अंदर जाने पर एक पत्थर पाया गया जिसे गुम्बद के अंदर उतरने के लिए प्रयोग किए जाने का अनुमान लगाया गया। इस तीसरे गुम्बद में भी 2.5 फीट चौड़ी दीवाल, 3 फीट की गैलरी और 2.5 फीट ऊंचा और लगभग 21 फीट बेस की व्यास की शिखर नुमा शंकुकार स्ट्रक्चर मिला। इस पत्थर पर फूल, पत्ती और कमल की कलाकृतियां दिखाई दीं।
खंभो पर बने घंटी और कलश
पश्चिमी दीवाल के बाहर पश्चिम दिशा की तरफ उभरे हुए आर्क विश्वेशर मंडप के भाग हैं। वीडियोग्राफी कराते हुए दो बड़े खंभो का भी जिक्र किया गया है। वादी पक्ष द्वारा इसे उत्तर में भैरव और और दक्षिण में गणेश मंदिर की दीवारें बताई गईं। रिपोर्ट में लिखा है कि पश्चिमी दीवाल विवादित स्थल पर हाथी के सूड़ की टूटी हुई कलाकृतियां और दीवाल के पत्थरों पर स्वास्तिक, त्रिशूल और पान के चिन्ह और उसकी कलाकृतियां बहुत अधिक मात्रा में खुदी हुई हैं। इसके साथ घंटियां जैसी कलाकृतियां भी खुदी हैं। इसमें लिखा है कि तहखाने में 4-4 खम्भे पुराने तरीके के थे, जिनकी ऊंचाई लगभग 8-8 पीट थी और नीचे से लेकर ऊपर तक घंटी, कलश फूल की आकृति पिलर के चारों तरफ बनी थी।