आरपीएफ के कमांडेंट की अपील:चलती ट्रेन में न चढ़ें और न ही उतरें, आरपीएफ जवानों ने खुद को खतरे में डालकर 5 माह में 11 यात्रियों की बचाई जान

आरपीएफ के जवानों ने खुद की जान की परवाह न करते हुए चलती ट्रेन से उतरने व चढ़ने के दौरान गिरने वाले 10 यात्रियों की जान 5 माह के दौरान बचाई है। ऐसे जवानों की कमांडेंट आलोक कुमार ने प्रशंसा की है। उन्होंने जवानों से कहा कि प्लेटफार्म पर ऐसी ही मुस्तैदी के साथ तैनात रहते हुए यात्रियों की सुरक्षा करना है। यात्रियों को जागरूक करना है कि चलती ट्रेन में न चढ़ें और न उतरें।

महिला यात्री की जान बचाने के प्रयास में यात्री ने खुद की जान गंवाई
14 फरवरी को समता एक्सप्रेस में उड़ीसा जा रहा मुजफ्फरपुर निवासी मोहम्मद आफताब (26) ने महिला यात्री बबीता की जान बचाने के प्रयास में खुद की जान गंवा दी थी। बबीता चलती ट्रेन में ग्वालियर से सवार हुई थी। वहीं आंध्रप्रदेश जाने के लिए 8 मार्च को फरीदकोट निवासी गुरविंदर सिंह समता एक्सप्रेस से चलती ट्रेन में हड़बड़ी में उतरा। इससे वह ट्रेन के नीचे चला गया और उसका एक पैर कट गया।

आरपीएफ के जवानों की बदौलत ऐसे बची यात्रियों की जान

ट्रेन से यात्री कूदा, प्लेटफॉर्म व ट्रेन के बीच फंसा
26 अप्रैल को श्रीधाम एक्सप्रेस जबलपुर से मथुरा जा रहा यात्री सिवनी निवासी राज कश्यप चलती ट्रेन से कूद गया। तभी उसका संतुलन बिगड़ गया। इससे वह प्लेटफॉर्म व ट्रेन के बीच फंस गया। तभी प्लेटफॉर्म नंबर दो पर तैनात आरपीएफ के आरक्षक लवेंद्र कुमार व अमित कुमार ने देख लिया। वे अपनी जान की परवाह किए बिना ट्रेन में चढ़ गए और चेनपुलिंग कर दी। हालांकि इस दौरान यात्री के सिर पर चोट लग गई, लेकिन उसकी जान बच गई।

ट्रेन में चेनपुलिंग कर यात्री की बचाई जान
28 मार्च को रायपुर से निजामुद्दीन की यात्रा कर रहा यात्री जसवीर सिंह प्लेटफॉर्म नंबर दो पर पानी लेने उतरा था। उसने चलती ट्रेन में चढ़ने का प्रयास किया, लेकिन तभी वे प्लेटफार्म पर घिसटने लगा। आरपीएफ के प्रधान आरक्षक ललित कुमार व अमित ने जसवीर की जान बचाई। वहीं 12 जून को ट्रेन से उतरते समय एक महिला घायल हो गई। उन्हें आरपीएफ के एसआई शैलेंद्र सिंह ठाकुर व कांस्टेबल सुभाष कुमार ने अस्पताल में भर्ती कराया।​​​​​​​

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