कितनी मुश्किल है द्रौपदी मुर्मू के देश की सबसे युवा राष्ट्रपति बनने की राह, जानें क्या कहते हैं आंकड़े

लोकसभा, राज्यसभा और विधानसभा की संख्या के मुताबिक, सत्तारूढ़ भाजपा की अगुआई वाले एनडीए के पास मौजूदा समय में करीब पांच लाख 26 हजार वोट हैं। इनमें दो लाख 17 हजार अलग-अलग विधानसभा और तीन लाख नौ हजार सांसदों के वोट हैं ….
राष्ट्रपति चुनाव का पूरा गणित।
राष्ट्रपति चुनाव का पूरा गणित ….
झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति चुनाव के लिए एनडीए की ओर से उम्मीदवार होंगी। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मंगलवार को राष्ट्रपति चुनाव के लिए उनके नाम का एलान किया। इससे पहले मंगलवार को ही विपक्ष ने अपने राष्ट्रपति उम्मीदवार के नाम का एलान कर दिया था। विपक्ष के ओर से टीएमसी सांसद यशवंत सिन्हा मुर्मू के सामने होंगे। मुर्मू अगर चुनाव जीतती हैं तो वो देश की सबसे युवा राष्ट्रपति होंगी। इस पद पर पहुंचने वाली देश की पहली आदिवासी भी होंगी।

मुर्मू के लिए राष्ट्रपति पद पर पहुंचने की राह कितनी मुश्किल है? एनडीए के आंकड़ें क्या कहते हैं? एनडीए से इतर और किन दलों से मुर्मू को समर्थन मिल सकता है? आइये जानते हैं… 

क्या कहते हैं एनडीए के आंकड़े?
लोकसभा, राज्यसभा और विधानसभा की संख्या के मुताबिक, सत्तारूढ़ भाजपा की अगुआई वाले एनडीए के पास मौजूदा समय में करीब पांच लाख 26 हजार वोट हैं। इनमें दो लाख 17 हजार अलग-अलग विधानसभा और तीन लाख नौ हजार सांसदों के वोट हैं। एनडीए में भाजपा के साथ जेडीयू, एआईएडीएमके, अपना दल (सोनेलाल), एलजेपी, एनपीपी, निषाद पार्टी, एनपीएफ, एमएनएफ, एआईएनआर कांग्रेस जैसे 20 छोटे दल शामिल हैं।

मौजूदा आंकड़ों के हिसाब से एनडीए को अपने राष्ट्रपति उम्मीदवार को जीत दिलाने के लिए और 13 हजार वोटों की जरूरत पड़ेगी। 2017 में जब एनडीए ने रामनाथ कोविंद को उम्मीदवार बनाया था, तब आंध्र प्रदेश के वाईएसआर कांग्रेस और ओडिशा की बीजद ने भी समर्थन दिया था। इसके अलावा एनडीए में न होते हुए भी जदयू ने समर्थन दिया था। वहीं, पिछली बार एनडीए का हिस्सा रही शिवसेना और अकाली दल अब अलग हो चुके हैं।

बीजद के पास 31 हजार से ज्यादा वैल्यू वाले वोट हैं और वाईएसआरसीपी के पास 43,000 से ज्यादा वैल्यू वाले वोट हैं। इनमें से किसी एक के समर्थन से भी एनडीए आसानी से जीत हासिल कर सकती है। ओडिशा से आने वालीं मुर्मू को बीजद का समर्थन मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। ऐसा होता है तो एनडीए आसानी से बहुमत का आंकड़ा पार कर लेगी।

विपक्ष के पास कितने वोट?

कांग्रेस की अगुआई वाले यूपीए के पास अभी दो लाख 59 हजार वैल्यू वाले वोट हैं। इनमें कांग्रेस के अलावा डीएमके, शिवसेना, आरजेडी, एनसीपी जैसे दल शामिल हैं। कांग्रेस के विधायकों के पास 88 हजार 208 वैल्यू वाले वोट हैं। वहीं, सांसदों के वोट की वैल्यू 57 हजार 400 है।

वहीं, पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी टीएमसी, उत्तर प्रदेश का मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी, आंध्र प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी वाईएसआर कांग्रेस, दिल्ली और पंजाब की सत्ताधारी पार्टी आम आदमी पार्टी, केरल की सत्ताधारी पार्टी लेफ्ट, तेलंगाना की सत्ताधारी पार्टी टीआरएस, एआईएमआईएम जैसे दलों के वोट की वैल्यू करीब दो लाख 61 हजार है।

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