Delhi: उपराज्यपाल और चुनी हुई सरकार में शुरू हुई तकरार, मनीष सिसोदिया ने अस्पतालों में भ्रष्टाचार की भाजपा की शिकायत को बताया फर्जी

आप नेता मनीष सिसोदिया ने आरोप लगाया कि भाजपा नेता मनोज तिवारी की एक पुरानी शिकायत को दिल्ली के नवनियुक्त राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने जांच के लिए भेजा है ….

दिल्ली की चुनी हुई सरकार की उपराज्यपाल से तकरार शुरू हो गई है। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भाजपा की उस शिकायत को फर्जी करार दिया है, जिसके आधार पर उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने निर्माणाधीन अस्पतालों में कथित भ्रष्टाचार की जांच की सिफारिश भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) से की है।

भाजपा की शिकायत को राजनीति प्रेरित बताते हए सिसोदिया ने उपराज्यपाल पर नियमों को दरकिनार करने का भी आरोप लगाया है। साथ ही नसीहत भी दी है कि उपराज्यपाल एमसीडी, पुलिस और डीडीए में हो रहे भ्रष्टाचार की जांच कराएं। इस बारे में उन्होंने उपराज्यपाल को एक पत्र भी लिखा है।

मीडिया से मंगलवार बात करते हुए मनीष सिसोदिया ने कहा कि भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने करीब एक साल पहले अस्पताल बनाने में भ्रष्टाचार को लेकर पूर्व उपराज्यपाल अनिल बैजल से शिकायत की थी। तत्कालीन उपराज्यपाल ने जांच में शिकायत को राजनीति से प्रेरित पाया था। सिसोदिया के मुताबिक, सवाल जांच का नहीं है। भाजपा सैकड़ों बार जांच करवा सकती है। पिछले आठ सालों में भाजपा ने कई जांचें कराई भी हैं, जिसमें उनको कुछ भी नहीं मिला है। असल दिक्कत जांच के फेर में फंसकर जनता के काम रुक जाने की है।

मनीष सिसोदिया का आरोप है कि भाजपा काम रुकवाने की नीयत से अधिकारियों को जांच के दायरे में फंसाने की कोशिश कर रही है।  भाजपा की जिन राज्यों में सरकारें हैं, वहां तो वो काम नहीं करती हैं, लेकिन दिल्ली सरकार के काम में अड़ंगा जरूर लगा देती हैं। अधिकारियों में डर फैलाने और काम रुकवाने के लिए भाजपा फर्जी शिकायतें कर रही है। वहीं, उपराज्यपाल भी सभी नियम कायदे-कानूनों को दरकिनार करते हुए इन फर्जी और पुरानी शिकायतों पर एसीबी को जांच के आदेश दे देते हैं।

मनीष सिसोदिया का दावा है कि ‘भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम’ के सितम्बर 2021 के तात्कालिक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के अनुसार, किसी भी अधिकारी के खिलाफ जांच करने का आदेश देने के लिए राज्य सरकार की मंजूरी जरूरी है। लेकिन नए उपराज्यपाल ने इसका उल्लंघन करते हुए बिना राज्य सरकार की मंजूरी लिए यह केस एसीबी को सौंप दिया है।

सिसोदिया ने सवाल किया कि नए उपराज्यपाल क्यों अपने पहले के उपराज्यपाल के निर्णय को गलत मान रहे हैं। मनीष सिसोदिया ने इस बारे में उपराज्यपाल को पत्र भी लिखा है। इसमें कहा गया है कि यदि उपराज्यपाल को दिल्ली में भ्रष्टाचार रोकना है, तो वो भाजपा के नेताओं की जगह आम जनता से शिकायतें मांगें और देखे कि कैसे एमसीडी, दिल्ली पुलिस और डीडीए ऊपर से नीचे तक भ्रष्टाचार से लिप्त हैं। उन्होंने उपराज्यपाल से गुजारिश की कि वह जितनी चाहें, जांच करवा लें। लेकिन आम लोगों के हक में कराए जाने वाले कामों में रोक न लगाएं।

भाजपा ने सिसोदिया के आरोपों पर आपत्ति जताई

दिल्ली प्रदेश भाजपा ने अस्पतालों के मामले में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के आरोपों पर आपत्ति जताई है। प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष आदेश गुप्ता, सांसद मनोज तिवारी एवं प्रदेश प्रवक्ता प्रवीन कपूर ने कहा कि अस्पताल बनाने के मामले में उपराज्यपाल वीके सक्सेना की ओर से एसीबी को जांच के आदेश देने से आम आदमी पार्टी में हड़कंप मच गया है।

आदेश गुप्ता ने कहा कि एक संवैधानिक पद पर बैठे उपराज्यपाल वीके सक्सेना के आदेश के ऊपर सवाल खड़े करना मनीष सिसोदिया की बौखलाहट का प्रमाण है। वहीं मनोज तिवारी ने कहा कि मनीष सिसोदिया अस्थाई अस्पतालों के निर्माण के मामले में अपनी सरकार के भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए ओछी पत्रबाजी कर रहे है, जबकि न्यायालय भी इस मामले की जांच के आदेश दिए है।

उन्होंने कहा कि वह उपराज्यपाल को पत्र लिख कर भ्रमित कर रहे है। जबकि प्रवीण शंकर कपूर ने मनीष सिसोदिया की ओर से उपराज्यपाल को पत्र लिखकर सार्वजनिक करने पर सवाल खड़ा किया। उन्होंने कहा कि इस प्रकरण से आम आदमी पार्टी की घबराहट का प्रमाण मिल रहा है।

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