प्राइवेट अस्पताल, होटलों के साथ मिलकर दे रहे वैक्सीनेशन पैकेज, केंद्र सरकार ने राज्यों से कहा- तुरंत लें एक्शन
केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इस बारे में चिट्ठी लिखकर कहा है कि इस तरह की चीजे तुरंत बंद की जानी चाहिए
केंद्र सरकार (Central Gpvernment) का कहना है कि कुछ प्राइवेट अस्पताल (PVT Hospitals) होटलों के साथ मिलकर लोगों को वैक्सीनेशन पैकेज (Vaccination Package) दे रहे हैं जो की गाइडलाइंस की अवेहलना है. केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इस बारे में चिट्ठी लिखकर कहा है कि इस तरह की चीजे तुरंत बंद की जानी चाहिए क्योंकि इस तरह की चीजें नेशनल कोविड वैक्सीनेशन प्रोग्राम की गाइडलाइंस की उल्लंघन कर रही हैं.
केंद्र सरकार ने अपने पत्र में कहा, ‘हमें पता चला है कि कुछ प्राइवेट अस्पताल होटलों के साथ मिलकर लोगों को वैक्सीनेशन पैकेज दे रहे हैं. इस तरह के कदम नैशनल कोविड वैक्सीनेशन प्रोग्राम के लिए जारी की गई गाइलाइन का उल्लंघन कर रहे हैं और इन्हें तुरंत बंद किया जाना चाहिए. चिट्ठी में इस तरह के पैकेज देने वालों के खिलाफ कार्रवाई की बात भी कही गई है.
सरकार की तरफ से जारी की गई गाइडलाइन के मुताबिक टीकाकरण अभियान के लिए केवल 4 ऑप्शन उपलब्ध हैं. इनमें सरकारी कोविड वैक्सीनेशन सेंटर, सरकारी अस्पतालों द्वारा चलाया जा रहा प्राइवेट कोविड वैक्सीन सेंटर, सरकारी अस्पतालों और प्राइवेट अस्पतालों द्वारा कार्यालयों में के लिए सराकरी ऑफिसों में वैक्सीनेशन सेंटर और बुजुर्गो-दिव्यागों के लिए ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी में, RWA ऑफिस, कम्यूनिटी सेंटर, पंचायत भवन, स्कूल-कॉलेजों में वैक्सीनेशन सेंटर.
वहीं दूसरी ओर कोविन वेबसाइट पर टीकाकरण के लिए पंजीकरण और टीका लगाए जाने का अनुपात पिछले सप्ताह जहां 11:1 था, वह सुधरकर अब 6.5 : 1 हो गया है. कोरोना से मुकाबले के लिए प्रौद्योगिकी और डाटा प्रबंधन पर शक्ति प्राप्त समूह के अध्यक्ष डॉ. आर. एस. शर्मा ने इस बात की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि कुल 24.4 करोड़ पंजीकरण और 16.7 करोड़ लोगों को कम से कम एक खुराक लग जाने से अनुपात में सुधार आया है.
प्रौद्योगिकी और डाटा प्रबंधन पर शक्ति प्राप्त समूह के अध्यक्ष डॉ. आर. एस. शर्मा ने कहा कि समय के साथ अनुपात में सुधार आएगा क्योंकि टीके की बड़े पैमाने पर आपूर्ति हो रही है. वैक्सीनेशन के समय की अनुपलब्धता के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि 28 अप्रैल को 18 से 44 वर्ष तक के लोगों के लिए पंजीकरण शुरू होने के बाद यह समस्या आनी शुरू हुई