MP के बड़े कपड़ा मार्केट में पानी-सड़क मूलभूत समस्या:बैरागढ़ में 3.5 Km लंबा BRTS बना मुसीबत; कोलार में पानी-सड़क बड़ा मुद्दा
भोपाल
- पिछले चुनाव में 10 में से 8 पार्षद बीजेपी के जीते थे
- इस चुनाव में पार्षद के 44 कैंडिडेट्स मैदान में
राजधानी में इन दिनों चारों ओर नगरीय निकाय चुनाव का शोर है, लेकिन इस शोर में जनता से जुड़े मुद्दे जैसे खो गए हैं। हर वार्ड में कोई न कोई गंभीर समस्या है, जो बरसों से दूर नहीं हुई। ऐसे ही हाल हैं बैरागढ़ (संत हिरदाराम नगर) और कोलार के। 6 लाख से ज्यादा आबादी वाले इन इलाकों में सड़क-पानी, सीवेज जैसी मूलभूत सुविधाएं लोगों से कोसों दूर है। बैरागढ़ में प्रदेश का बड़ा कपड़ा मार्केट है।
हर रोज एवरेज 10 करोड़ रुपए का कारोबार होता है, लेकिन यहां की सबसे बड़ी समस्या करीब 3.5 Km लंबा BRTS कॉरिडोर है। वहीं, कोलार में पानी बड़ा मुद्दा बना है। अभी भी कोलार के कई ऐसे इलाके हैं, जहां पानी की लाइन ही नहीं बिछाई जा सकी है। ऐसे में टैंकर लोगों की प्यास बुझा रहे हैं। गर्मी में एक परिवार हर महीने एवरेज 3 से 4 हजार रुपए तक खर्च कर रहा है। 10 वार्डों में पार्षद के 44 कैंडिडेट्स मैदान में हैं। इनकी किस्मत का फैसला 1 लाख 87 हजार वोटर करेंगे।
नगर निगम चुनाव के शोर के बीच …… टीम दोनों बड़े और प्रमुख इलाकों में पहुंची। इनमें कुल 10 वार्ड हैं। बैरागढ़, कोलार के साथ गांधीनगर, एयरपोर्ट, करोंद आदि इलाके जुड़े हैं। जानिए यहां की मुख्य समस्या, क्या चाहते हैं लोग और क्या है उम्मीदवारों के वादे…।
बैरागढ़ : 50 साल पुरानी बसाहट में सीवेज सिस्टम नहीं, BRTS जाम कर रहा ट्रैफिक
प्रदेश के बड़े थोक कपड़ा बाजारों में बैरागढ़ प्रमुख है। सीहोर, राजगढ़, विदिशा, रायसेन, बैतूल, बालाघाट, शाजापुर जिले तक के व्यापारी-आम लोग कपड़ा खरीदी करने आते हैं। यहां आते ही बीआरटीएस कॉरिडोर से सामना होता है। इंदौर-भोपाल हाईवे से बैरागढ़ में एंट्री होते ही कॉरिडोर शुरू हो जाता है।
व्यापारियों का कहना है कि इसकी वजह से सुबह से रात तक ट्रैफिक जाम के हालात बनते हैं। इसे हटाने की प्रमुख मांग है। दूसरी ओर, बैरागढ़ में करीब 50 साल पुरानी बसाहट है, लेकिन सीवेज सिस्टम कमजोर है। अंदरूनी इलाकों की सड़कें भी जर्जर है। यही मुद्दे वोट मांगने आने वाले उम्मीदवारों के सामने उठा रहे हैं।
गांधीनगर में पानी की समस्या
वार्ड-1 में आने वाले गांधीनगर के लोग पानी की समस्या से जूझ रहे हैं। कई इलाकों में कनेक्शन नहीं है। इस कारण गर्मी के दिनों में लोगों को खासी परेशानी होती है। मुख्य रोड तो ठीक लेकिन अंदरूनी रास्तों की हालत ठीक नहीं है। रहवासी इलाकों की सड़कें काफी जर्जर है। बारिश के दिनों में लोग गुजर नहीं पाते हैं।
कोलार: पानी की किल्लत, जर्जर सड़कें
राजधानी के उप नगर कहे जाने वाले कोलार में पानी की किल्लत और जर्जर सड़कें ही नजर आती हैं। गर्मी के दिनों में पानी के लिए लोग तरस जाते हैं, तो बारिश में जर्जर सड़क और जलभराव की समस्या मुसीबत खड़ी करते हैं। गेहूंखेड़ा, पुलिस हाउसिंग सोसायटी, नयापुरा समेत कई इलाके ऐसे हैं, जहां अब भी पानी की लाइन नहीं बिछाई गई है।
कहीं लाइन बिछ भी गई है, तो उनमें पानी नहीं आता। पुलिस हाउसिंग सोसायटी की नीलम सिंह ने बताया कि ट्यूबवेल के जरिए पानी की आपूर्ति करते हैं, लेकिन गर्मी में ट्यूबवेल से पानी नहीं आता। इस कारण मार्च से जुलाई तक पानी खरीदना पड़ता है। हर महीने का 3 हजार रुपए का खर्च बढ़ गया है।
एक साल भी नहीं टिक पाई सड़क
पुलिस हाउसिंग सोसायटी में पिछले साल ही सीसी रोड का निर्माण हुआ था, जो एक साल भी नहीं टिक पाया है। सड़क जर्जर होने लगी है। इससे उसकी क्वालिटी पर सवाल खड़े हो रहे हैं। डी-मार्ट के बीच के एरिये में पक्की सड़क है ही नहीं तो नयापुरा, ललिता नगर में सड़कें जर्जर है।
इन इलाकों में भी परेशानी
चूना भट्टी से लेकर बैरागढ़ चिचली के बीच सर्व-धर्म, बीमा कुंज, गुड शेफर्ड, ललिता नगर, नयापुरा, आम्र बिहार, बंजारी आदि इलाके आते हैं। बारिश की शुरुआत के साथ ही मुख्य रोड की हालत बिगड़ने लगी है। गड्ढे होने से राहगीर परेशान हैं। वहीं, कॉलोनियों की सड़कें भी जर्जर हो गई है। कुछ इलाकों में पानी की समस्या भी है।
किस वार्ड में कितने मतदाता
वार्ड | वार्ड का नाम | पुरुष | महिला | अन्य | कुल मतदाता |
01 | महात्मा गांधी | 10,818 | 10,032 | 01 | 20,851 |
02 | एयरपोर्ट | 9,365 | 9,002 | 00 | 18,367 |
03 | भौंरी | 5,760 | 5,423 | 00 | 11,183 |
04 | हेमू कालानी | 10,959 | 10,695 | 01 | 21,655 |
05 | साधु वासवानी | 8,813 | 8,770 | 00 | 17,583 |
80 | सर्व-धर्म कोलार | 10,811 | 10,185 | 00 | 20,996 |
81 | कान्हा कुंज | 7,154 | 6,506 | 00 | 13,665 |
82 | दानिशकुंज | 10,469 | 9,980 | 01 | 20,450 |
83 | सनखेड़ी | 13,730 | 12,539 | 02 | 26,271 |
84 | रतनपुर सड़क | 8,418 | 7,556 | 00 | 15,974 |
इन इलाकों में भी समस्याओं का अंबार
वार्ड-1 के गांधीनगर, गोदरमऊ, पीपलनेर, वार्ड-2 के एयरपोर्ट रोड, करोंद, आशाराम चौराहा, वार्ड-3 के काली मंदिर इलाके, कोलूखेड़ी, पारस सिटी समेत आसपास के इलाकों में पानी और सड़क की मुख्य समस्या है। शहर के अंतिम छोर पर बसे कई इलाकों में अब भी लाइन नहीं बिछी है। वहीं, वार्ड-80 से 84 तक सर्व-धर्म, मंदाकिनी, नयापुरा, ललितानगर, बैरागढ़ चिचली समेत कई 50 से अधिक कॉलोनियों में जर्जर सड़कें लोगों को परेशान कर रही है।
10 में से 8 पर BJP का कब्जा
बैरागढ़, गांधीनगर, एयरपोर्ट और कोलार में कुल 10 वार्ड हैं। पिछले चुनाव में यहां पर बीजेपी के 8 पार्षद जीते थे, जबकि कांग्रेस को 2 में जीत मिली थी।