स्वास्थ्य मंत्री अपने ही विभाग के ट्रांसफर से नाखुश …?

तबादला नीति को अनदेखा करके दागी, बीमार और मृतकों का किया ट्रांसफर….?

यूपी के स्वास्थ्य विभाग में हुए ट्रांसफर पर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने सवाल उठाए। ये विभाग उन्हीं के प्रभार में है। सोमवार को उन्होंने विभाग के अपर मुख्य सचिव से स्पष्टीकरण मांगा है। जारी लेटर में उन्होंने सत्र में सभी ट्रांसफर के कारण सहित डिटेल देने के लिए कहा है।

ये नाराजगी इसलिए है, क्योंकि इन ट्रांसफर में तबादला नीति को अनदेखा किया गया है। अब ACS चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन रिपोर्ट तैयार करके डिप्टी सीएम के सामने रखेंगे।

सबसे पहले 2 उदाहरण, जिसमें मरने के बाद ट्रांसफर दिए…

लीवर के इलाज के लिए ट्रांसफर मांगा, मरने के बाद किया
इस बार ट्रांसफर सेशन में 25 जिलों में नए CMO तैनात हुए। इनमें से कई के खिलाफ विभागीय जांच चल रही है। कुछ पर आरोप साबित हो चुके हैं। कुछ ऐसे हैं, जो हार्ट पेशेंट है। कुछ ऐसे डॉक्टरों को CMO बनाया गया है, जो शासनादेश के विपरीत है। छानबीन में सामने आया कि लीवर की बीमारी की वजह से पिछले 5 साल से तबादला मांग रहे दीपेंद्र सिंह का मौत के बाद ट्रांसफर किया गया।

मरने के बाद बना दिया CMO फतेहपुर
डॉ. दीपेंद्र को प्रयागराज के मोतीलाल नेहरू चिकित्सालय में सर्जन के पद पर भेजने का लेटर जारी हुआ। 17 जून को दीपेंद्र सिंह मौत हो चुकी थी। उनकी तेरहवीं के अगले दिन मनचाही जगह पर तैनाती का संदेश आया। इसी तरह बाराबंकी में तैनात डिप्टी CMO डॉ. सुधीर चंद्रा की 12 जून को बीमारी की वजह से मौत हो गया। इसके बाद भी उनका तबादला CMO फतेहपुर के लिए कर दिया गया।

ये वो ट्रांसफर लिस्ट है, जिसके जारी होने के बाद गड़बड़ियों पर सवाल उठ रहे हैं।
ये वो ट्रांसफर लिस्ट है, जिसके जारी होने के बाद गड़बड़ियों पर सवाल उठ रहे हैं।

पोस्टिंग की गड़बड़ियों के टॉप 10 मामले

  1. डॉ. सुधाकर पांडे 8 महीने पहले सीएमओ गोरखपुर थे। सीएम की नाराजगी के बाद उनका ट्रांसफर बुंदेलखंड के महोबा में बतौर वरिष्ठ परामर्शदाता किया। फिर इनको मुख्य चिकित्साधिकारी महोबा बनाया गया। उसके ठीक 6 माह बाद फिर इनको झांसी का सीएमओ बनाया गया है।
  2. डॉ. जयंत कुमार को CMO बलिया बनाया गया है। श्रावस्ती में तैनाती के दौरान अनुशासात्मक कार्रवाई हुई। जांच में वो दोषी भी पाए गए।
  3. डॉ. मंजीत सिंह अपर मुख्य चिकित्साधिकारी बदायूं में तैनात थे। इनको मुख्य चिकित्साधिकारी हाथरस बनाया गया है। इनके खिलाफ 3 बार अनुशासनिक कार्रवाई हो चुकी है।
  4. डॉ. नीना वर्मा महिला CMS पर श्रावस्ती में तैनाती के दौरान दो कार्रवाई हो चुकी हैं। विधानसभा की कमेटी ने इनकी जांच की। दोषी पाया। नीना को सीएमओ महराजगंज बनाया गया।
  5. डॉ. गिरेंद्र मोहन शुक्ला को CMO प्रतापगढ़ बनाया गया। आरोप है कि इससे पहले संतकबीरनगर ट्रांसफर होने पर 1 साल तक ज्वाइंन नहीं किया। इनको सीएमओ प्रतापगढ़ बनाया गया।
  6. डॉ. विनोद कुमार अग्रवाल 8 साल तक सोनभद्र में डीटीओ रहे। जनप्रतिनिधि एवं नोडल की शिकायत पर इनको वहां से हटाया गया। इनको सीएमओ सिद्धार्थनगर बनाया गया है।
  7. डॉ. धनेश कुमार गर्ग मुख्य चिकित्सा अधिकारी ललितपुर थे। शिकायत के आधार पर हटाए गए। अब 6 माह बाद दोबारा इनको सीएमओ महोबा बनाया गया।
  8. डॉ. सुनील हृदय रोग के पेशेंट हैं। इन्हें 6 स्टंट लगे हैं। अगले महीने इनका प्रमोशन हो जाएगा। इन्हें सीएमओ फतेहपुर बनाया गया है।
  9. डॉ. आभा मिश्रा इनको मुख्य चिकित्साधिकारी ललितपुर बनाया गया है। अगले महीने इनका भी प्रमोशन होना है।
  10. डॉ. तरन्नुम रजा अस्वस्थ हैं। इनको सीएमओ संभल बनाया गया है। जबकि उन्हें पद नहीं देना चाहिए था।
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने ये लेटर जारी करके स्पष्टीकरण मांगा है।
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने ये लेटर जारी करके स्पष्टीकरण मांगा है।

रिटायरमेंट वाले अधिकारियों को भी प्रशासनिक पोस्ट दीं

  • डॉ. विमल कुमार बैसवार संयुक्त निदेशक परिवार कल्याण को सीएमओ देवरिया बनाया गया है। इनके रिटायमेंट में 10 महीने बचे हैं। शासनादेश कहता है कि सर्विस के 1 साल से कम बचे होने पर अधिकारी को प्रशासनिक पद नहीं दिया जा सकता है।
  • डॉ. हरिदास अग्रवाल 26 साल तक गोंडा में रहे। यह रिटायरमेंट के करीब है। इनको सीएमओ बस्ती बनाया गया है।

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