महंगाई ने मारा: तीन माह में बढ़े 7.1 करोड़ गरीब, भूख से बेहाल….?
देखते ही देखते चले गए गरीबी में…
कम आय वाले देशों में परिवार अपनी घरेलू आय का 42% भोजन पर खर्च करते हैं, लेकिन जैसे-जैसे पश्चिमी देशों ने रूस पर प्रतिबंध लगाए, वैसे-वैसे ईंधन और मुख्य खाद्य पदार्थों जैसे गेहूं, चीनी और खाना पकाने के तेल की कीमत बढ़ गई। यूक्रेन के अवरुद्ध बंदरगाहों और कम आय वाले देशों को अनाज निर्यात करने में असमर्थता ने कीमतों को और आसमान पर पहुंचा दिया, जिससे लाखों लोग देखते ही देखते गरीबी में चले गए।
युद्ध के पहले 3 महीनों में बढ़ गया संकट
अनुमान है कि रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद पहले तीन महीनों में 5.16 करोड़ से अधिक लोग गरीबी में गिर गए, जो एक दिन में 1.90 डॉलर या इससे कम पर जीवनयापन कर रहे थे। इसने विश्व स्तर पर गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों की तादाद को दुनिया की 9% आबादी तक पहुंचा दिया है।