Shinzo Abe Died … नजदीक से गोली लगी, 15 मिनट तक एंबुलेंस नहीं पहुंची,
मौके से घटना को अंजाम देने वाले एक संदिग्ध आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपी जापान का ही रहने वाला है। हालांकि, जिस तरह से ये पूरा घटनाक्रम हुआ है, उसको लेकर अब बड़ी विदेशी साजिश की आशंका जताई जाने लगी है। आरोप लग रहा है कि जापान के पूर्व पीएम शिंजो आबे पर हमले की साजिश चीन ने रची है। हालांकि, अब तक इसकी पुष्टि नहीं हुई है और न ही किसी भी तरह का कोई आधिकारिक बयान सामने आया है।
आइए जानते हैं कि आखिर क्यों चीन पर उठ रहे सवाल और पूर्व पीएम शिंजो आबे का कौन-कौन दुश्मन है?
![Shinzo Abe Died: नजदीक से गोली लगी, 15 मिनट तक एंबुलेंस नहीं पहुंची, जानें आबे की हत्या से खड़े हो रहे पांच बड़े सवाल शिंजो आबे पर हमला करने वाला आरोपी पकड़ा गया।](https://spiderimg.amarujala.com/cdn-cgi/image/width=414,height=233,fit=cover,f=auto/assets/images/2022/07/08/750x506/shaja-aab-para-hamal-karana-val-aarapa-pakaugdha-gaya_1657274694.jpeg)
जिस शख्स ने शिंजो आबे पर हमला किया, उसकी उम्र 41 साल है। उसका नाम तत्सुका यामागामी है। वह जापान की नेवी का ऑफिसर रहा है। हमलावर ने पूर्व पीएम को बहुत नजदीक से गोली मारी है। द जापान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, शिंजो आबे को गोली मारने वाला संदिग्ध आरोपी नारा शहर का ही रहने वाला है। वह जापान के नेवी का पूर्व अफसर रहा है। जापानी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, आरोपी ने पूछताछ में हत्या का प्रयास करने की बात कबूली है। उसने बताया है कि वह आबे से ‘असंतुष्ट’ था। वह पत्रकार बनकर कार्यक्रम स्थल तक पहुंचा था। वह साथ में हैंडगन लेकर गया था। हमलावर ने बंदूक को कैमरे की तरह रखा हुआ था।
![Shinzo Abe Died: नजदीक से गोली लगी, 15 मिनट तक एंबुलेंस नहीं पहुंची, जानें आबे की हत्या से खड़े हो रहे पांच बड़े सवाल शिंजो आबे को मारी गई गोली](https://spiderimg.amarujala.com/cdn-cgi/image/width=414,height=233,fit=cover,f=auto/assets/images/2022/07/08/750x506/shinzo-abe-shot_1657258480.jpeg)
हमने ये जानने के लिए रक्षा विशेषज्ञ कर्नल (रिटायर्ड) मनजीत सिंह से बात की। उन्होंने इस घटना से जुड़े कई पहलुओं पर खुलकर बात की। कर्नल मनजीत ने शिंजो आबे पर हुए हमले पर पांच बड़े सवाल खड़े किए। जो विदेशी साजिश की तरफ इशारा कर रही है।
![Shinzo Abe Died: नजदीक से गोली लगी, 15 मिनट तक एंबुलेंस नहीं पहुंची, जानें आबे की हत्या से खड़े हो रहे पांच बड़े सवाल शिंजो आबे पर हमला करने वाला गिरफ्तार](https://spiderimg.amarujala.com/cdn-cgi/image/width=414,height=233,fit=cover,f=auto/assets/images/2022/07/08/750x506/shinzo-abe-shot_1657254169.png)
![Shinzo Abe Died: नजदीक से गोली लगी, 15 मिनट तक एंबुलेंस नहीं पहुंची, जानें आबे की हत्या से खड़े हो रहे पांच बड़े सवाल शिंजो आबे को मारी गई गोली](https://spiderimg.amarujala.com/cdn-cgi/image/width=414,height=233,fit=cover,f=auto/assets/images/2022/07/08/750x506/shinzo-abe-shot_1657253789.png)
![Shinzo Abe Died: नजदीक से गोली लगी, 15 मिनट तक एंबुलेंस नहीं पहुंची, जानें आबे की हत्या से खड़े हो रहे पांच बड़े सवाल शी जिनपिंग और शिंजो आबे](http://spiderimg.amarujala.com/assets/images/2022/07/08/750x506/sha-janapaga-oura-shaja-aab_1657274866.jpeg)
![Shinzo Abe Died: नजदीक से गोली लगी, 15 मिनट तक एंबुलेंस नहीं पहुंची, जानें आबे की हत्या से खड़े हो रहे पांच बड़े सवाल शिंजो आबे को मारी गई गोली](http://spiderimg.amarujala.com/assets/images/2022/07/08/750x506/shinzo-abe-shot_1657259264.jpeg)
शिंजो आबे को मारी गई गोली
जिस बंदूक से आबे पर हमला किया गया है, वो एक होममेड हथियार है। इसे डक्ट टेप और पाइप्स को मिलाकर तैयार किया गया था। देखने में ये बिल्कुल कैमरे के जैसी दिखती है और इसे करीब से देखने पर दो पाइप साफ नजर आ रहे हैं। ऐसे में सवाल ये भी है कि आखिर ये हथियार बनाने में आरोपी की मदद किसने की?
![Shinzo Abe Died: नजदीक से गोली लगी, 15 मिनट तक एंबुलेंस नहीं पहुंची, जानें आबे की हत्या से खड़े हो रहे पांच बड़े सवाल चीन के राष्ट्रपति और जापान के पूर्व पीएम पर हमला करने वाला आरोपी](http://spiderimg.amarujala.com/assets/images/2022/07/08/750x506/cana-ka-rashhatarapata-oura-japana-ka-parava-paema-para-hamal-karana-val-aarapa_1657274988.jpeg)
![Shinzo Abe Died: नजदीक से गोली लगी, 15 मिनट तक एंबुलेंस नहीं पहुंची, जानें आबे की हत्या से खड़े हो रहे पांच बड़े सवाल चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग](http://spiderimg.amarujala.com/assets/images/2022/05/29/750x506/cana-ka-rashhatarapata-sha-janapaga_1653829856.jpeg)
शिंजो आबे पर हमले के बाद चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने एक लेख प्रकाशित किया है। इसमें कथित विशेषज्ञों के हवाले से दावा किया कि इस हमले से निश्चित रूप से जापान के दक्षिणपंथी भड़क जाएंगे। साथ ही ज्यादा सक्रिय होकर जंग कर सकते हैं। यही नहीं जापान में आर्थिक संकट और सामाजिक मतभेद पैदा हो सकता है। आबे के उत्तराधिकारी इस घटना का इस्तेमाल अपने मुक्त और स्वतंत्र हिंद- प्रशांत क्षेत्र को बढ़ावा देने, क्वॉड में सक्रिय भागीदारी और पूर्वी एशिया में नाटो के प्रवेश को बढ़ावा देने के लिए कर सकते हैं।
ग्लोबल टाइम्स ने आगे लिखा, ‘इससे जापान के दक्षिण पंथी और ज्यादा सक्रिय हो सकते हैं और युद्ध को फिर से शुरू करा सकते हैं। वह भी आर्थिक संकट और सामाजिक मतभेद के बीच। अबे पर यह हमला जापान के शांतिवादी संविधान में बदलाव को बढ़ावा दे सकता है। इससे विदेश नीति पर काफी प्रभाव पड़ेगा जैसे चीन और अमेरिका के साथ संबंध।’
ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर चीन पूर्व पीएम शिंजो आबे से इतना चिढ़ता क्यों था? यही सवाल हमने रिटायर्ड कर्नल मनजीत से पूछा। उन्होंने कहा, ‘जापान को दुनिया के सबसे ताकतवर देशों में शामिल कराने में शिंजो आबे की सबसे बड़ी भूमिका रही है। उनकी चीन से कभी नहीं पटी। यहां तक कि साल 2020 में जब पूरी दुनिया कोविड-19 से जूझ रही थी तो आबे दुनिया के पहले नेता थे, जिन्होंने इसके लिए साफ तौर पर चीन को जिम्मेदार ठहराया था। उन्होंने कहा था कि यह बात सच है कि कोरोना वायरस अक्टूबर 2019 में चीन के वुहान से निकला और अब पूरी दुनिया में फैल गया है।’
कर्नल मनजीत आगे कहते हैं, ‘ताइवान के मसले पर भी शिंजो आबे हमेशा चीन का विरोध करते थे। वह ताइवान की मदद भी करते थे। आबे ने कहा था कि चीन को अपने पड़ोसियों को डराना बंद करना पड़ेगा और जमीन हथियाने की अपनी नीति को छोड़ना पड़ेगा। यहां तक की उन्होंने यह भी कहा था कि अगर जमीन पर कब्जा करने की नीति के तहत चीन कोई मिलिट्री एक्शन लेता है तो यह उसके लिए आत्मघाती साबित होगा।’
![Shinzo Abe Died: नजदीक से गोली लगी, 15 मिनट तक एंबुलेंस नहीं पहुंची, जानें आबे की हत्या से खड़े हो रहे पांच बड़े सवाल शिंजो आबे](http://spiderimg.amarujala.com/assets/images/2022/07/08/750x506/shaja-aab_1657275081.jpeg)
- शिंजो आबे ही वह शख्स थे, जिन्होंने 2007 में ऑस्ट्रेलिया, जापान, भारत और अमेरिका के साथ मिलकर क्वाड की शुरुआत की। यह संगठन चीन की बढ़ती साम्राज्यवाद की नीति के खिलाफ बनाया गया था।
- चीन हमेशा से जापान के पूर्व में स्थित सेनकाकू द्वीप पर अपना हक जताता है। उसकी सेनाएं अक्सर यहां पर गश्त करती रहती हैं। वहीं, शिंजो आबे इसके विरोध में हमेशा डटे रहे।
- शिंजो आबे ने जापान की मिलिट्री को भी काफी मजबूत किया। साल 2019 में जापान आंठवां देश था जिसने अपनी सेनाओं पर सबसे ज्यादा खर्च किया। जापान की मिलिट्री के आधुनिकीकरण का श्रेय भी आबे को ही जाता है।
- आर्थिक तौर पर भी शिंजो आबे हमेशा चीन को टक्कर देने की कोशिश में जुटे रहे। जापानी अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए उनकी नीतियों को ‘आबेनॉमिक्स’ नाम दिया गया था। दो बार के कार्यकाल में उन्होंने चीन को आर्थिक रूप से घेरने की कोशिशें की और सफल रहे