जब श्रीलंकाइयों ने दी थी सरकार को चुनौती:महंगाई-भुखमरी के खिलाफ बच्चे तक सड़कों पर उतरे, कमांडर बन गया था जिगोलो…

श्रीलंका में 3 महीने से राजनीतिक और आर्थिक संकट है। अब हालात यह हैं कि विद्रोह कर चुकी आम जनता राष्ट्रपति भवन तक जा पहुंची है। राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के देश छोड़कर भागने की खबरें हैं। प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे इस्तीफा दे चुके हैं। 3 महीने पहले जब पड़ोसी देश में हालात बिगड़े, तब भास्कर ने अपने रिपोर्टर को जमीनी हालात जानने के लिए भेजा था। सामने आईं कुछ चौंकाने वाली सच्चाइयां। हम आपको वो रिपोर्ट्स दे रहे हैं, जिन्हें सबसे ज्यादा पढ़ा गया। आप भी आज के संदर्भ में इन्हें पढ़ सकते हैं।

पहली रिपोर्ट: जब तंगहाली से परेशान कमांडर को घर चलाने के लिए जिगोलो बनना पड़ा

अस्पताल में दवाएं नहीं। पेट्रोल पंप पर पेट्रोल। खाने-पीने की दिक्कतों के बीच महंगाई आसमान छू रही थी। सभी लोगों का दुख एक जैसा था और वजह भी। बस किरदार अलग-अलग थे। भास्कर रिपोर्टर को ऐसा ही एक किरदार मिला, जो कभी श्रीलंका की सेना में कमांडो था, लेकिन घर चलाने के लिए राजधानी कोलंबो के एक स्पा में जिगोलो बन गया।

दूसरी रिपोर्ट: जो मुस्लिम ईस्टर ब्लास्ट के बाद विलेन बना दिए गए, उन्होंने दी चुनौती

21 अप्रैल 2019 को ईस्टर के मौके पर श्रीलंका सीरियल ब्लास्ट से थरथरा उठा था। इस हमले के लिए इस्लामी चरमपंथियों को जिम्मेदार माना गया, लेकिन दंश झेला देश की 10 फीसदी मुस्लिम आबादी ने। तमाम तरह प्रतिबंध लगे, वो अलग-थलग पड़ गए। श्रीलंका के खराब आर्थिक हालात ने उन्हें भी सभी के साथ एकजुट कर दिया था। सरकार को इस मुस्लिम आबादी ने भी चुनौती दी।

तीसरी रिपोर्ट: जब बच्चों ने सड़कों पर लगाए गोटा गो बैक के नारे

श्रीलंका ने 14 अप्रैल को नया साल मनाया। यह उनका सिंहली नववर्ष था। इस मौके पर हमेशा जश्न और उल्लास के नजारे देखने को मिलते थे, लेकिन पिछली बार सूरत बदली हुई थी। दिन रात लोगों ने सड़कों पर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। बड़े तो बड़े बच्चों ने भी भविष्य की दुहाई देते हुए गोटा गो बैक के नारे लगाए थे। 

चौथी रिपोर्ट: जब चीन ने पोर्ट पर आने से श्रीलंकाइयों को रोक दिया

दुनिया को श्रीलंका से जोड़ता हमबनटोटा पोर्ट। ताइवान की सरकार ने यहां पुनर्वास के लिए जू ची नाम से गांव बसाया था। यहां स्थानीय लोग रहते हैं जो अधिकतर मुसलमान हैं। ये दक्षिणी तट पर श्रीलंका का आखिरी गांव है। गांव से 5 किलोमीटर दूर चीन के निवेश से बन रहा है हमबनटोटा पोर्ट। ये बंदरगाह और इसके आसपास का बड़ा इलाका चीन के नियंत्रण में है। यहां आसपास के लोगों को जाने की अनुमति नहीं है। श्रीलंका में पॉलिटिकल और इकोनॉमिक क्राइसिस के बीच चीन ने मदद तक नहीं की और लोगों की आजीविका का रास्ता भी रोक दिया।

पांचवीं रिपोर्ट: भारतीयों को मिलने लगा सम्मान, पहले चीनियों को तवज्जो देते थे

जब श्रीलंकाइयों पर संकट आया तो उन्हें कई सच्चाइयों का सामना करना पड़ा। उन्हें चीन की चालबाजियां भी समझ में आने लगीं और भारतीयों के प्रति उनका नजरिया काफी बदल गया। क्योंकि, मुश्किल दौर में भारतीयों ने न केवल मदद की, बल्कि साथ भी खड़े हुए।

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