बिहार के चंदन ने कर्ज लेकर कोरोना में बनाया होटल वालों के लिए ऐप,18 महीने में 100 करोड़ की हो गई कंपनी

साल 2020 की शुरुआत की बात है। केरल के कोच्चि में दोस्त के साथ मिलकर एक होटल लीज पर लिया था। करीब 1.5 करोड़ रुपए इसमें लग गए। बड़े-बड़े होटल इंडस्ट्री वालों से बढ़िया तालमेल था। कॉर्पोरेट सेक्टर में भी अच्छी पैठ थी। उम्मीद थी कि बंपर कमाई होगी, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था।

अभी प्रोजेक्ट पूरा भी नहीं हुआ था कि कोरोना आ धमका। लॉकडाउन लगा और एक झटके में सबकुछ खत्म हो गया। कई महीने डिप्रेशन में रहा। लोगों ने कहा कि अब घर लौट जाओ, आगे आपके लिए कोई स्कोप नहीं है।

लेकिन मैं जानता था कि अंत हमेशा अंत नहीं होता है। खुद को संभाला और इंटरनेट पर अलग-अलग आइडियाज को खंगालना शुरू कर दिया। तब मुझे पता चला कि कोरोना में छोटे होटल वाले सबसे मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं। क्योंकि उनके पास बुकिंग के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म उपलब्ध नहीं हैं।

बस यही से मेरे सफर की शुरुआत हुई और अपना ऐप डेवलप कराया। महज 18 महीने में ही मेरी कंपनी का वैल्यूएशन 100 करोड़ रुपए हो गया।

यह कहानी है बिहार के भागलपुर के रहने वाले चंदन पांडे की। वे WB होटल्स एंड रिसॉर्टस नाम की कंपनी के को-फाउंडर हैं। देश के 22 राज्यों में 700 से ज्यादा होटल वाले उनके क्लाइंट हैं।

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अपनी पढ़ाई-लिखाई को लेकर चंदन पांडे बताते हैं, मुंबई के नेवल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से होटल मैनेजमेंट का कोर्स किया था। उस वक्त नेवी ने डिफेंस सर्विस के लिए कैटरिंग ऑफिसर तैयार करने के लिए इस कोर्स को शुरू किया था, लेकिन सरकार का कहना था कि इस रैंक के ऑफिसर तैयार करने के लिए UPSC के अलावा कोई दूसरा प्लेटफॉर्म नहीं हो सकता है। सरकार और नेवी की इस रस्साकशी में सरकार जीत गई। यानी नेवी में जाने का सपना टूट गया।

खैर तीन साल बाद पढ़ाई पूरी हुई और मुंबई के एक अमेरिकन होटल में जॉब लगी। साल 1999 से 2001 तक वहां काम किया। इसके बाद देश के बड़े-बड़े होटल्स में ट्रेनी से लेकर टॉप पोजिशन्स पर काम किया। साल 2015 तक नौकरियों का यह सिलसिला चलता रहा।

चंदन बताते हैं, उनका इस दौरान कॉर्पोरेट सेक्टर में अच्छा नेटवर्क हो चुका था। लिहाजा मैंने सोचा कि नौकरी छोड़कर क्यों न इवेंट मैनेजमेंट कंपनी खोली जाए? जिसके बाद 2015 में एक इवेंट मैनेजमेंट कंपनी खोल ली। 2 साल में ही इवेंट मैनेजमेंट कंपनी का टर्नओवर एक करोड़ रुपए का हो गया, लेकिन उनका मन इस सेक्टर में नहीं लग रहा था। लिहाजा उन्होंने कंपनी बंद कर दी।

दरअसल, चंदन फिर से होटल इंटस्ट्री में आना चाह रहे थे। इसके लिए उन्होंने ब्लू रॉक नाम की हॉस्पिटैलिटी वेंचर फंड कंपनी जॉइन की। इस कंपनी का काम बड़े ब्रांड्स के लिए होटल ऑपरेट करना था। चंदन के लिए यहां काम करना काफी फायदेमंद रहा। बहुत कुछ उन्हें सीखने-समझने को मिला।

इसके बाद चंदन ने तय किया कि वे होटल इंडस्ट्री में ही खुद का कुछ करेंगे। वे कहते हैं कि होटल इंडस्ट्री में हर स्तर पर काम करने की वजह से मुझे सभी तरह के अनुभव मिल चुके थे। इसलिए मैंने नौकरी छोड़ दी और एक पार्टनर के साथ 2020 में वेस्ट ब्रीज नाम से कोच्चि में एक होटल लिया, लेकिन वो प्रोजेक्ट कोरोना की भेंट चढ़ गया।

चंदन कहते हैं- बड़े होटल्स ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए अपना कारोबार कर रहे थे, लेकिन छोटे होटल्स वाले इस टेक्नोलॉजी को न तो समझते हैं, न मानते हैं और न ही वो इसका खर्च उठा पाते हैं।बस उन्हीं को ध्यान में रखकर मैंने WB होटल्स एंड रिसॉर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की शुरुआत की।

अपने फंड जुटाने के प्रोसेस को लेकर वो बताते हैं, अपने एक पार्टनर के साथ शुरुआत में 50 लाख रुपए का इंवेस्ट किया था। यानी चंदन और उनके पार्टनर ने 25-25 लाख रुपए इंवेस्ट किए थे। इसके लिए भी चंदन और उनके पार्टनर को 15-15 लाख रुपए अपने परिवार से लेने पड़े थे। उसके बाद कंपनी के ग्रोथ को देखते हुए कई एंजेल इन्वेस्टर्स ने उनकी कंपनी में इन्वेस्ट किए। जिससे 18 महीने बाद ही उनकी कंपनी का वैल्यूएशन 100 करोड़ का हो गया।

चंदन कहते हैं, कंपनी की ग्रोथ को देखते हुए एंजेल इन्वेस्टर्स ने हमारी कंपनी में इन्वेस्ट किया था। दरअसल, एंजेल इन्वेस्टर्स यह देखकर पैसा लगते हैं कि बीते एक-डेढ़ सालों में कंपनी का ग्रोथ स्केल कैसा रहा? आगे का भविष्य क्या है? आइडिया क्या है? प्लानिंग क्या है? बिजनेस मॉडल क्या है? चंदन बताते हैं कि अब वेंचर कैपिटिलिस्ट से इन्वेस्टमेंट की हमारी बात चल रही है। अगले एक साल में इसे एक हजार करोड़ रुपए करने का टारगेट है।

उनकी कंपनी किस तरह से काम करती है? इस सवाल पर चंदन कहते हैं, मेरे पास इंजीनियर्स की बड़ी फौज है जो ऐप-वेबसाइट और कस्टमर से जुड़ी समस्याओं को देखती है। 75 रेगुलर और 100 फ्रीलांसर्स की ऐसी टीम है जो देशभर में घूमती है और छोटे-छोटे होटल्स को बताती है कि उनकी कंपनी के साथ जुड़ने से उनका कितना फायदा होगा। जो होटल चंदन की कंपनी से जुड़ जाते हैं, उनके नाम के आगे WB लग जाता है।

अपने बिजनेस मॉडल को लेकर चंदन का कहना है कि छोटे होटल्स अपने कमरे ऑनलाइन नहीं बेच पाते हैं। क्योंकि ये टेक्नोलॉजी से वाकिफ नहीं होते हैं। चंदन की कंपनी होटल ओनर को कस्टमर तक पहुंच बनाती है। होटल इसके बदले 10% से 15% चंदन की कंपनी को पे करते हैं।

अगर आप भी इस तरह के स्टार्टअप की प्लानिंग कर रहे हैं तो इन 5 बातों का रखें ध्यान

  • कोरोना के बाद भी हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री तेजी से ग्रो कर रही है। अगले साल तक इसका मार्केट साइज करीब 1,210 हजार करोड़ रुपए तक पहुंच जाएगा।
  • इस सेक्टर में करियर बनाने के लिए बेहतर प्रोफेशनल ट्रेनिंग की जरूरत होती है। HTI, IIHM, NMIMS जैसे संस्थानों से इसका कोर्स किया जा सकता है।
  • इसमें बैचलर्स और मास्टर्स लेवल पर कोर्स किया जा सकता है। इसकी एवरेज फीस करीब 50 हजार से 1 लाख रुपए सालाना होती है।
  • आप इस फील्ड में छोटे लेवल पर बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो 5-10 लाख रुपए की जरूरत होगी। एग्रीगेटर्स से टाइअप करके अपना दायरा बढ़ा सकते हैं।
  • आप चाहें तो इस फील्ड में काम करने वाले छोटे स्टार्टअप्स के साथ शेयरिंग भी कर सकते हैं। इससे आपको काम समझने में ज्यादा दिक्कत नहीं होगी।

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