यूपी में अफसरशाही भारी या सरकार! …?
योगी सरकार के 5 विभागों में अफसर बनाम मंत्री; जानें किन अधिकारियों का है दबदबा….
योगी सरकार में राज्य मंत्री दिनेश खटीक के इस्तीफे का मामला शांत हो गया। मगर 5 से ज्यादा विभागों में IAS अधिकारियों और मंत्रियों के बीच खींचतान सामने आ गई है। प्रदेश में योगी सरकार 2.0 के 100 दिन पूरे हो गए हैं। लेकिन पिछली सरकार से तैनाती पाए अधिकारी मंत्रियों पर भारी पड़ रहे हैं।
आइए इस खींचतान को समझते हैं…
जल शक्ति विभाग : “अधिकारी मेरी सुनवाई नहीं करते”
जल शक्ति विभाग के राज्य मंत्री दिनेश खटीक ने गृह मंत्री अमित शाह को लेटर लिखा। जिसमें जिक्र था, “दलित होने के नाते अधिकारी मेरी सुनवाई नहीं करते हैं।” दिनेश खटीक ने गृहमंत्री और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से दिल्ली में मुलाकात की। लखनऊ में सीएम योगी से मिले। फिर उनका स्टेटमेंट आया, “पहले जैसा फिर से काम करता रहूंगा।”
स्वास्थ्य विभाग : “ट्रांसफर गलत हुए”
अब जिक्र स्वास्थ्य विभाग का। डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने अपने विभाग में हुए तबादलों पर रिपोर्ट तलब की है। बृजेश पाठक ने अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद को पत्र लिखकर कहा, “ट्रांसफर नीति लागू है। कई ट्रांसफर गलत हुए हैं।” मामला इतना बढ़ गया कि मुख्यमंत्री ने पूरे मामले की जांच बैठा दी। फिलहाल रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंप दी गई है। लेकिन अभी तक स्वास्थ्य विभाग में कार्रवाई नहीं की गई।
माध्यमिक शिक्षा विभाग : सचिव मंत्री से आगे नजर आईं
भाजपा सरकार में माध्यमिक शिक्षा विभाग की स्वतंत्र प्रभार मंत्री गुलाब देवी के विभाग में आराधना शुक्ला को लेकर टकराव की स्थिति सामने आ रही है। अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला गुलाब देवी के कई अभियान में उनसे आगे नजर आईं।
पीडब्ल्यूडी विभाग : यहां OSD समेत 5 पर कार्रवाई
अब पीडब्ल्यूडी विभाग में चल रही खींचतान को भी जानिए। योगी सरकार ने पीडब्ल्यूडी विभाग में हुए ट्रांसफर के लिए OSD अनिल पांडेय समेत 5 बड़े अफसरों पर कार्रवाई की। हालांकि पीडब्ल्यूडी मंत्री जितिन प्रसाद ने दावा किया है, “जो दोषी हैं, उनपर कार्रवाई हो गई है। अधिकारियों को हटा दिया गया है।”
आबकारी विभाग : सचिव मंत्री के आदेश पलटते हैं
आबकारी विभाग के मंत्री नितिन अग्रवाल और अपर मुख्य सचिव आबकारी संजय भूसरेड्डी के बीच भी सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है। केंद्र सरकार की प्रतिनियुक्ति से वापस यूपी लौटे आईएएस संजय भूसरेड्डी पूरी तरीके से आबकारी विभाग पर कंट्रोल किए हुए हैं। विभाग के मंत्री नितिन अग्रवाल के कई आदेशों को संजय भूसरेड्डी पलट देते हैं। आबकारी विभाग के सूत्र बताते हैं मंत्री के कई मामलों को लेकर संजय भूसरेड्डी सवाल उठा चुके हैं।
“सरकार में मंत्री संविदा पर हैं”
कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अजय लल्लू कहते हैं,”जीरो टॉलरेंस की पॉलिसी की कार्रवाई कागजी है। अब वो सामने आ रही है। सरकार में मंत्री संविदा पर हैं। ये कहावत चरितार्थ हो रही है। अधिकारी परमानेंट होकर काम कर रहे हैं। पूरी सरकार पर अधिकारियों का कब्जा है। आप किसी भी विभाग में उठाकर देख लीजिए मंत्री खुद अपने विभाग की समीक्षा बैठक की जानकारी नहीं रख पाता है।
“इस सरकार में सारे अधिकार ब्यूरोक्रेसी के पास हैं”
सपा प्रवक्ता राहुल सिंह कहते हैं, “बीते 2 दशक में ऐसी सरकार नहीं देखी गई, जहां मंत्री खुद अपने विभाग की सुनवाई के लिए गृह मंत्री को लेटर लिखे। अब सरकार की पोल खुलती जा रही है। इसलिए लखनऊ से लेकर दिल्ली तक डैमेज कंट्रोल किया जा रहा है। इस सरकार में मंत्रियों के पास सिर्फ प्रोटोकाल है, अधिकार नहीं। सारे अधिकार ब्यूरोक्रेसी के पास मौजूद हैं।