बीजेपी विधायक आकाश विजयवर्गीय ने बल्ले से की थी अधिकारी की पिटाई, कोर्ट ने अफसर को दोबारा बुलाया

इंदौर के BJP विधायक आकाश विजयवर्गीय ने साल 2019 में नगर निगम के एक भवन निरीक्षक की क्रिकेट के बल्ले से कथित तौर पर पिटाई की थी, अब इस मामले में शिकायतकर्ता को गवाही के लिए दोबारा बुलाए जाने की अर्जी विशेष अदालत ने शुक्रवार को मंजूर कर ली है…
  • आकाश विजयवर्गीय ने अधिकारी पर चलाया था बल्ला
  • नगर निगम के अधिकारी को गवाही के लिए फिर से बुलाया
  • इंदौर से BJP विधायक और कैलाश विजयवर्गीय के बेटें हैं आकाश

इंदौर के BJP विधायक आकाश विजयवर्गीय ने साल 2019 में नगर निगम के एक भवन निरीक्षक की क्रिकेट के बल्ले से कथित तौर पर पिटाई की थी, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। अब इस मामले में शिकायतकर्ता को गवाही के लिए दोबारा बुलाए जाने की अर्जी विशेष अदालत ने शुक्रवार को मंजूर कर ली है। अभियोजन के एक अधिकारी ने बताया कि विधायकों और सांसदों से जुड़े मामलों की सुनवाई करने वाली एक विशेष अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनी। इसके बाद कोर्ट ने अभियोजन की वह अर्जी मंजूर कर ली जिसमें शिकायतकर्ता बिल्डिंग इंस्पेक्टर धीरेंद्र सिंह बायस को दंड प्रक्रिया संहिता (CRPC) की धारा 311 के तहत गवाही के लिए फिर से बुलाने की गुजारिश की गई थी।

चार अगस्त को होगी अगली सुनवाई

विशेष अदालत में इस अर्जी पर बहस के दौरान आकाश विजयवर्गीय के वकीलों ने कहा कि शिकायतकर्ता जब एक बार अदालत में अपना बयान दर्ज करा चुका है, तो उसे गवाही के लिए दोबारा बुलाए जाने का कोई मतलब नहीं है। विशेष अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए चार अगस्त की तारीख तय की है। बहुचर्चित मामले में आरोपों का सामना कर रहे भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बेटे हैं।

विजयवर्गीय ने अधिकारी को बल्ले से पीटा था 
अधिकारियों ने बताया कि 37 साल के भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय ने इंदौर के गंजी कम्पाउंड इलाके के एक जर्जर मकान को ढहाने की कार्रवाई के विरोध के दौरान 26 जून 2019 को धीरेंद्र सिंह बायस को क्रिकेट के बल्ले से कथित तौर पर पीट दिया था। राज्य में कमलनाथ की अगुवाई वाली पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हुई इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था और इसके बाद भाजपा विधायक को गिरफ्तार किया गया था।

वह फिलहाल इस मामले में जमानत पर बाहर हैं। मुकदमे की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने बताया कि बायस की दोबारा गवाही के दौरान विशेष न्यायालय से अदालत कक्ष में संबंधित वीडियो चलाने की मंजूरी देने का अनुरोध किया जा सकता है और वकीलों द्वारा शिकायतकर्ता से वीडियो के बारे में सवाल किए जा सकते हैं।

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