मनीष सिसोदिया के घर के बाहर इकट्ठे हुए बीजेपी कार्यकर्ता …?

शराब नीति को लेकर बर्खास्तगी और गिरफ्तारी की मांग उठाई, केजरीवाल बोले- मेरा डिप्टी कट्टर ईमानदार है….

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और आबकारी मंत्री मनीष सिसोदिया के घर के बाहर बीजेपी नेता शनिवार सुबह से प्रदर्शन कर रहे हैं। वे डिप्टी सीएम को बर्खास्त करने और गिरफ्तारी की मांग पर अड़े हैं। दरअसल, दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने आबकारी नीति-2021-22 में नियमों और प्रक्रिया का उल्लंघन करने के आरोपों की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की है। ऐसे में दिल्ली के आबकारी मंत्री होने के नाते मनीष सिसोदिया जांच के दायरे में आ गए हैं।

बीजेपी की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने मनीष सिसोदिया की बर्खास्तगी की मांग करते हुए कहा कि केजरीवाल शराब माफियाओं को पैसे दे रहे हैं। उनकी न जाने क्या मजबूरी है कि वो बिना कैबिनेट अप्रूवल के शराब माफिया को पैसे दे देते हैं। दिल्ली में शराब मफिया को हजारों करोड़ का फायदा मिल रहा है। मनीष सिसोदिया को बर्खास्त किया जाना चाहिए।

बीजेपी नेता का कहना है जब तक मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी नहीं होती ये आंदोलन जारी रहेगा। इस मामले पर मनीष सिसोदिया ने कहा कि ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केजरीवाल से डर गए हैं। अभी आप नेताओं पर और फर्जी मुकदमें दर्ज होंगे, क्योंकि पार्टी का प्रभाव पूरे देश में बढ़ रहा है।

दिल्ली सीएम बोले- मेरा डिप्टी कट्टर ईमानदार
दिल्ली सीएम केजरीवाल भी अपने डिप्टी के समर्थन में उतर आए हैं। उन्होंने मनीष सिसोदिया को कट्टर ईमानदार करार दिया है। दिल्ली सीएम ने यह भी कह दिया कि सिसोदिया को कुछ ही दिनों में फर्जी मामले में गिरफ्तार किया जा सकता है, लेकिन अदालत के सामने यह मामला टिक नहीं पाएगा। वहीं, दिल्ली पुलिस ने डिप्टी सीएम के घर के बाहर प्रदर्शन कर रहे कई नेताओं को हिरासत में ले लिया है।

क्या है मामला
उपराज्यपाल वीके सक्सेना का कहना है कि उन्हें शीर्ष राजनीतिक स्तर पर वित्तीय लेन-देन के ठोस संकेत मिले हैं। इसमें आबकारी मंत्री ने नियमों से इतर जाकर न सिर्फ फैसले लिए, बल्कि उन्हें लागू भी कर दिया। उन्होंने इन नियमों से आबकारी नीति अधिसूचित की, जिसके व्यापक वित्तीय असर हैं।

उपराज्यपाल का दावा है कि आबकारी विभाग ने कोविड-19 महामारी में 144.36 करोड़ रुपए की छूट दी। उसने एयरपोर्ट जोन के लाइसेंस के सबसे कम बोली लगाने वाले को 30 करोड़ रुपए की बयाना राशि भी वापस कर दी, क्योंकि वह हवाई अड्डा प्राधिकारियों से अनापत्ति प्रमाणपत्र हासिल नहीं कर पाया।

उपराज्यपाल का कहना है कि यह दिल्ली आबकारी नियमावली-2010 के नियम 48(11)(बी) का स्पष्ट उल्लंघन है। इसमें साफ कहा गया है कि सफल बोली लगाने वाले को लाइसेंस के लिए सभी औपचारिकताएं पूरी करनी होगी। ऐसा न करने पर उसकी जमानत जब्त हो जाएगी।

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