शीतकालीन सत्र में आज हंगामा होने के आसार, 35 विधेयकों को पारित कराना चाहती है सरकार
संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान सोमवार का दिन काफी अहम रहेगा, क्योंकि महाराष्ट्र में सरकार गठन के मद्देनजर जब संसद सत्र की अगली बैठक शुरू होगी तो हंगामा होना तय है। सरकार के औचित्य-अनौचित्य को लेकर सतापक्ष और विपक्ष में कड़वी-तीखी झड़प की आशंका है। महाराष्ट्र में हाथ आई सत्ता छिन जाने से शिवसेना हमलावर होगी तो अपनी किरकिरी होने से कांग्रेस भी सरकार के खिलाफ आक्रामक होगी। एनसीपी के लिए यह मुश्किल समय होगा, क्योंकि उसकी टूट से ही यह स्थिति बनी है। वहीं एक और राज्य में सत्ता हाथ आने से भाजपा पलटवार करने की कोशिश करेगी।
महाराष्ट्र में बनते-बिगड़ते समीकरणों के बीच 23 नवंबर शनिवार (3 नवंबर) को एनसीपी के प्रमुख नेता और पार्टी प्रमुख शरद पवार के भतीजे अजीत पवार ने भाजपा को एनसीपी के समर्थन का पत्र दे दिया और भाजपा के देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में सरकार ने शपथ ग्रहण कर ली। इससे पूरा विपक्ष बौखला गया है। इसकी झलक दो दिन के साप्ताहिक अवकाश के बाद शुरू संसद के सत्र में देखने को मिलेगी। इसी बीच आज ही दिन में इस मामले में उच्चतम न्यायालय का फैसला आना है। संसद में सत्तापक्ष और विपक्ष के तेवर की तीक्ष्णता इस बात पर भी निर्भर करेगी कि शीर्ष न्यायालय इस मुद्दे पर क्या आदेश देता है।
संसद में लंबित विधेयक
हंगामे का चाहे जो परिणाम निकले लेकिन इतना तय है कि ऐसे में देश का भारी नुकसान होगा। हंगामे से जहां समय बर्बाद होगा वहीं संसद में लंबित विधेयकों को और लंबित हो जाने की आशंका है। फिलहाल संसद में 43 विधेयक लंबित हैं। इनमें से 27 विधेयक पेश करने, विचार करने और पारित करने के लिए सूचीबद्ध किए गए हैं जबकि छह विधेयक वापस लिए जाने हैं।
35 विधेयकों को पारित कराना चाहती है सरकार
इस सत्र में नागरिकता (संशोधन) विधयेक 2019 पर चर्चा उसी प्रकार सरकार के मुख्य एजेंडा में शामिल है, जिस प्रकार मानसून सत्र के दौरान जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 को प्रमुखता दी थी। भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में केंद्र सरकार इस सत्र के दौरान नागरिकता (संशोधन) विधयेक समेत 35 विधेयकों को पारित करवाना चाहेगी।