फिरोजाबाद में ईंट भट्टों पर नहीं हो रहा उत्पादन …? 135 ईंट भट्ठों पर ताला, जीएसटी की दरें और काेयला महंगा होने से मलिक परेशान

फिरोजाबाद में ईंट भट्ठा उद्योग संकट के दौर से गुजर रहा है। GST की दरें बढ़ने के साथ ही कोयला के दाम दो गुना हो गए है। देशव्यापी हड़ताल से जिले के ईंट भट्ठाें पर ताला पड़ गया है। एक महीने से उत्पादन पूरी तरह बंद है। उत्पादन बंद होने से महंगी ईंट खरीदनी पड़ रही हैं।

जिले में हैं 135 ईंट भट्ठे
जिले में 135 ईंट भट्ठे संचालित हैं। इनमें से अधिकांश जसराना, सिरसागंज और मक्खनपुर क्षेत्र में हैं। भट्ठों पर काम करने वाले श्रमिक भी पलायन कर गए हैं। जिससे भट्ठों पर अब सन्नाटा पसरा हुआ है। इसके पीछे कई कारण बताए जा रहे हैं। भट्ठा संचालकों का कहना है कि वे सरकार को करोड़ों रुपये रायल्टी भी देते हैं। इसके बाद भी उन्हें कोई सुविधा नहीं दी जाती। मिट्टी का खनन और परिवहन करने में भी परेशानियां आती हैं।

 
जीएसटी और मिट्टी की किल्लत बन रही वजह।

आए दिन पकड़े जाते हैं ट्रैक्टर-ट्रॉली
पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी जब मन आता है ट्रैक्टर-ट्रॉली और जेसीबी मशीन पकड़ लेते हैं। इसके बाद लाखों रुपये का अर्थदंड लगाया जाता है। सरकार कोयले की आपूर्ति भी नहीं कर पा रही है। बाजार में कोयले का भाव पिछले वर्ष की तुलना दो गुणा हो गया है। इसके साथ ही सरकार ने जीएसटी की दरें पांच गुणा तक बढ़ा दी हैं, जिससे ईंट उत्पादन की लागत काफी बढ़ गई है।

जीएसटी की दरें कम करने की मांग
जीएसटी की दरें कम करने, कोयले की भाव पर नियंत्रण करने और खनन की बेहतर व्यवस्था की मांग भट्ठा संचालक सरकार से लंबे समय से कर रहे हैं। इसके बाद भी कोई सुनवाई न होने पर देशव्यापी हड़ताल की गई है। जनपद ईंट निर्माता समिति फिरोजाबाद के अध्यक्ष संत बीएस यादव का कहना है कि सरकार ईंट भट्ठों की अनदेखी कर रही है। हमारी किसी मांग पर ध्यान नहीं दिया जा रहा। इसलिए हमें विवश होकर अनिश्चितकालीन हड़ताल करनी पड़ी है, जो देशव्यापी है। अब मांगे पूरी होने के बाद ही उत्पादन शुरू किया जाएगा।

23 जून से बंद पड़े हैं सभी ईंट भट्ठे

  • 60-70 करोड़ रुपये का सालाना कारोबार है जिले में ईंट भट्ठे का
  • 8 से 12 हजार रुपये प्रति टन कोयले का भाव था वर्ष 2021 में
  • 16 हजार से 22 हजार रुपये प्रति टन भाव है कोयले का इन दिनों
  • एक प्रतिशत से बढ़ाकर पांच प्रतिशत कर दी गई है जीएसटी की दर

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