ग्वालियर : एडीजी साहब! 24 घंटे बाद भी नहीं बदली ग्वालियर की तस्वीर

24 घंटे बाद ही एडीजी के आदेश अफसरों ने हवा में उड़ा दिए। नईदुनिया ने ठीक 24 घंटे बाद उसी समय उन बाजार में पहुंचकरहकीकतजानी।

…… रविवार को उन स्थानों पर पहुंचा, जहां एक दिन पहले एडीजी ने व्यवस्था बनाने दिए थे निर्देश

ग्वालियर । शहर के प्रमुख बाजार महाराज बाड़ा से लेकर सराफा बाजार और दौलतगंज। जहां ट्रैफिक सुधार के लिए ग्वालियर जोन के एडीजी डी.श्रीनिवास वर्मा पुलिस अफसर और एक सैंकड़ा पुलिसकर्मियों के साथ सड़क पर उतरे। सड़कों पर गाड़ियां हटाने से लेकर सड़क घेरकर कारोबार करने वालों पर सख्ती से कार्रवाई के निर्देश दिए, वहां 24 घंटे बाद ही एडीजी के आदेश ट्रैफिक पुलिस के अफसरों ने हवा में उड़ा दिए। नईदुनिया ने ठीक 24 घंटे बाद उसी समय उन बाजारों में पहुंचकर हकीकत जानी, जहां-जहां एडीजी वर्मा को लेकर अफसर गए थे। हर जगह हालात बिलकुल उल्टे मिले। जहां एडीजी के आने से पहले पूरा ट्रैफिक शनिवार को व्यवस्थित कर दिया गया, वहीं रविवार को सड़क किनारे दुकानों का सामान रखा था। सड़क पर बेतरतीब गाड़ियां खड़ी थीं, जो जाम लगा रही थी। यहां तक कि महाराज बाड़े पर भी हाकर्स बैठे थे।

इन हालातों से स्पष्ट है कि पुलिस महकमे के वरिष्ठ अफसरों के आदेश को भी निचला अमला गंभीरता से नहीं लेता। जब नईदुनिया टीम यहां पहुंची तो न तो ट्रैफिक पुलिस के अफसर कहीं दिखे, न ही अमला। पढ़िए लाइव रिपोर्ट..

फोर्स संग पैदल मार्च पर निकले टीआई

एडीजी श्रीनिवास वर्मा के पैदल मार्च के बाद रविवार रात आठ से नौ बजे के बीच जिले के सभी थाना प्रभारी फोर्स के साथ पैदल मार्च पर निकले। रक्षाबंधन तक प्रतिदिन इस तरह से पुलिस अफसर और पुलिसकर्मी बाजार में भ्रमण करेंगे। एसएसपी अमित सांघी भी भ्रमण पर निकले। सबसे पहले वह महाराज बाड़ा पहुंचे, यहां से सराफा बाजार, गश्त का ताजिया होते हुए शिंदे की छावनी पहुंचे। फिर एसएसपी मुरार पहुंचे, यहां ट्रैफिक व्यवस्था का जायजा लिया और ट्रैफिक व्यवस्थित करने के लिए अफसरों को निर्देशित किया।

महाराज बाड़ा@ शाम 6 बजे

यहां गोरखी स्काउट के बाहर ही सड़क किनारे हाकर बैठे थे। गोरखी स्काउट के सामने दुकानदारों ने दुकानों के बाहर सामान रखा हुआ था। पांच-पांच फीट सड़क यहां घेरी हुई थी। विक्टोरिया मार्केट के ठीक बाहर, जहां कार पार्किंग है, पार्किंग चलाने वाले ठेकेदार ने पूरी सड़क घेर ली। जितनी जगह ठेकेदार को गाड़ियां लगवाने के लिए दी गई थी, उससे काफी ज्यादा जगह घेरकर सड़क पर पार्किंग लगवाना शुरू कर दी। महज 20 फीट की जगह बची थी, जिससे चौकी की ओर से आने वाला ट्रैफिक गुजर रहा था। गोरखी स्काउट के सामने ट्रैफिक पुलिस का एक एएसआइ और तीन सिपाही नजर आए तो आपस में बातें कर रहे थे।

सराफा@ शाम 6.15 बजे

रविवार को डीडवाना ओली तक दुकानदारों ने दुकानों के बाहर सामान रखा हुआ था। गाड़ियों की तीन-तीन लाइन लगी हुई थी। पहले दुकानदारों की गाड़ियां फिर खरीदारों की गाड़ियां। पूरे बाजार में एक भी ट्रैफिक पुलिस का जवान नहीं था, ट्रैफिक पुलिस के अफसर यहां नजर नहीं आए। डीडीवाना ओली में भी जहां दुकानदार ने एडीजी वर्मा से कहा था कि आपके आने से पहले गाड़ियां हटवाई गई हैं, वहीं गाड़ियां रखी थीं और दुकानों का सामान बाहर रखा मिला।

दौलतगंज @ शाम 6.30 बजे पूरे बाजार में सड़क पर ही कारोबार हो रहा था। सड़क पर फर्नीचर का सामान रखा था, नागदेवता मंदिर के सामने सैनेट्री का सामान बेचने वाले दुकानदारों ने टंकियां और अन्य सामान सड़क पर रखा हुआ था। पूरे बाजार में कहीं भी ट्रैफिक पुलिस का एक सिपाही तक नहीं था।

एडीजी वर्मा पहली बार शहर में पैदल भ्रमण पर शनिवार को निकले थे। जिम्मेदारों ने अपनी नाकामी छिपाने के लिए पहले पूरा बाजार साफ करा दिया। गाड़ियां हटवा दी गईं, जिससे यहां अव्यवस्था नजर न आए।

मैं पहली बार बाड़ा, सराफा बाजार और आसपास के क्षेत्रों में पैदल भ्रमण पर गया था। ऐसा बिलकुल नहीं चलेगा कि कुछ घंटों के लिए व्यवस्था सुधार दी जाए। अगर यहां हालात नहीं सुधर रहे हैं तो मैं बिलकुल इसकी मानीटरिंग करूंगा। ट्रैफिक पुलिस के जो अफसर व्यवस्था बनाने में नाकाम साबित होंगे, उन पर कार्रवाई होगी। इस तरह के दौरों का उद्देश्य जमीनी हकीकत जानकर व्यवस्था बनाना है, न कि सिर्फ औपचारिकता। इसे लेकर मैं जिम्मेदारों से बात करूंगा।

डी.श्रीनिवास वर्मा, एडीजी, ग्वालियर जोन

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