जबलपुर के अस्पताल के डायरेक्टर्स पर गैरइरादतन हत्या का केस …?
खूबसूरती के लिए प्लास्टिक क्यूब लगाए, उससे भड़की आग; मैनेजर हिरासत में….
जबलपुर के न्यू लाइफ मल्टी स्पेशयलिटी हॉस्पिटल में हुए भीषण अग्निकांड में 8 लोगों की मौत हुई है। अस्पताल के डायरेक्टर्स और मैनेजर के खिलाफ गैरइरादतन हत्या का केस दर्ज कर लिया गया है। जबलपुर SP सिद्धार्थ बहुगुणा ने ……को बताया, डॉ. निशांत गुप्ता, डॉ. सुरेश पटेल, डॉ. संजय पटेल, डॉ. संतोष सोनी और मैनेजर राम सोनी के खिलाफ FIR की गई है। मैनेजर को हिरासत में लिया गया है।
SP ने ये भी साफ किया कि परमिशन देने वाले सरकारी अफसरों की भूमिका की जांच की जा रही है। यदि उनकी भूमिका मिली तो उनके खिलाफ भी FIR की जाएगी। जबलपुर के न्यू लाइफ अस्पताल में डॉ. सुरेश पटेल और डॉ. निशांत गुप्ता डायरेक्टर हैं। हादसे के प्रत्यक्षदर्शी अतुल जैन, आग में झुलसे देवलाल वरकड़े और हल्की बाई के बयानों के आधार पर विजय नगर पुलिस ने FIR दर्ज की है।
न फायर NOC थी, न इसकी परवाह की
पुलिस के मुताबिक, अस्पताल के डायरेक्टर और मैनेजर ने नर्सिंग होम के लिए जो फायर NOC ली थी, उसकी वैधता मार्च 2022 में समाप्त हो गई थी। प्रोविजनल फायर NOC में स्वीकृत प्लान के मुताबिक अस्पताल में अग्निशमन यंत्र स्थापित किया जाना था, लेकिन अस्पताल में आग बुझाने के लिए यंत्र नहीं लगे थे। न ही रेत की बाल्टियां थीं। न ही इमरजेंसी में बाहर निकलने के लिए कोई अतिरिक्त रास्ता चिन्हित था। अस्पताल प्रशासन ने बिल्डिंग के सौंदर्यीकरण के लिए जिस प्लास्टिक का इस्तेमाल किया था, उसने आग भड़काने का काम किया। यही वजह रही कि आग पर समय रहते काबू नहीं पाया जा सका।
नगर निगम और CMHO ने अस्पताल प्रबंधन को फायर सेफ्टी को लेकर पत्र भी लिखा था, लेकिन प्रबंधन ने इसकी कोई परवाह नहीं की। इन्होंने इलेक्ट्रिसिटी सेफ्टी ऑडिट भी नहीं कराया था। अस्पताल के लोड और जनरेटर के लोड में अंतर था। इस वजह से वायर में शॉर्ट सर्किट हुआ।
पुलिस ने अस्पताल को सील कर दिया
पुलिस ने अस्पताल को बैरिकेडिंग कर सील कर दिया है। यहां किसी को भीतर आने जाने की इजाजत नहीं है। रात में भी यहां पुलिस का कड़ा पहरा रहा। फॉरेंसिक की टीम भी आग के कारणों की जांच कर रही है।
रात में ही पोस्टमॉर्टम कर शव रवाना
एक साथ 8 मौतों के बाद हालात को नियंत्रित करने के लिए रात में ही पोस्टमॉर्टम करने का निर्णय लिया गया। रात में ही पोस्टमॉर्टम के बाद परिजनों को शव देकर रवाना कर दिया गया था। जबलपुर के तीनों शवों को मर्चुरी में रखा गया था।