प्रदेश में फायर एक्ट ही नहीं…:हर हादसे के बाद ऑडिट की रस्म अदायगी, खामियां मिल भी जाएं तो कार्रवाई कुछ नहीं

9 महीने पहले हमीदिया की आग के बाद भी हुआ था फायर ऑडिट, पर कार्रवाई के नाम पर सिर्फ नोटिस दिया …

जबलपुर के अस्पताल में आग लगने से 8 लोगों की हुई मौत के बाद हर बार की तरह भोपाल के अस्पतालों का फायर ऑडिट कराने के लिए नगर निगम का फायर अमला सक्रिय हुआ है। यह पहली बार नहीं है, जब किसी हादसे के बाद निगम का अमला सक्रिय हुआ है।

इससे पहले इंदौर के अस्पताल और हमीदिया अस्पताल के पीडियाट्रिक विभाग में आग लगने के बाद भी शहर में बड़े स्तर पर अभियान चलाकर अस्पताल और बहुमंजिला इमारतों का फायर ऑडिट कराया गया था, लेकिन कार्रवाई क्या हुई, आज तक पता नहीं चल सका।

इसकी एक वजह प्रदेश में फायर सेफ्टी एक्ट लागू नहीं होना भी है। ऐसे में खामियां मिलने पर भी जिम्मेदार लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर पाते हैं। ऐसे में यह सक्रियता सिर्फ रस्म अदायगी बनकर रह जाती है।

यह है हकीकत- सिस्टम चालू किया तो नहीं आया पानी, 2 बाल्टी भरा… तब आया

कलेक्टर अविनाश लवानिया की समझाइश का असर ये हुआ है कि शहर के अस्पताल संचालकों ने बुधवार से अपने-अपने स्तर पर मॉकड्रिल की शुरुआत कर दी है। सुरेंद्र गार्डन होशंगाबाद रोड स्थित दुलार हॉस्पिटल में दोपहर करीब ढाई बजे स्टॉफ ने यहां लगाए गए फायर हाईडेंट सिस्टम को चालू किया, लेकिन नोजल से पानी ही नहीं आया।

ऐसे में मोटर बंद कर पानी के स्टोर टैंक से जुड़े पाइप का वाॅल्व चैक किया गया। एक कर्मचारी ने सुझाव दिया कि हो सकता है एयर आ गई हो, पाइप में पानी भरके देखना चाहिए। इस पर एक कर्मचारी बाल्टी में पानी और एक डिब्बा लेकर आया। करीब 5-5 मिनट की मशक्कत से पाइप में दो बाल्टी पानी भरा गया। इसके बाद जब मोटर चालू की तो नोजल से पूरे प्रेशर से पानी आया।

इधर, मीटिंगों का दौर जारी, फील्ड में नहीं उतरी टीम
जबलपुर हादसे के बाद मंगलवार को खुद कलेक्टर ने शहर के सभी अस्पताल संचालकों को बुलाया और इंतजामों को परखने के आदेश दिए। उन्होंने औचक निरीक्षण और इंतजाम नाकाफी मिलने पर रजिस्ट्रेशन निरस्त करने की बात भी कही। बुधवार को निगम दफ्तर में इस संबंध में सभी जिम्मेदारों को बुलाकर बैठक की गई। इस दौरान अलग-अलग लोगों को क्षेत्रवार जिम्मेदारी दी गई है लेकिन, टीमें फील्ड में सक्रिय नहीं हुईं।

हमीदिया में आग- 250 अस्पतालों ने ली एनओसी

8 नवंबर 2021 को हमीदिया के पीडियाट्रिक डिपार्टमेंट में आग लगने के बाद शहर में फायर ऑडिट किया था। तब ज्यादातर अस्पतालों के पास एनओसी नहीं थी। निगम की सख्ती का असर ये हुआ कि 250 अस्पतालों ने फायर सिस्टम लगवाए और टेम्परेरी एनओसी ले ली।

इंदौर में हादसा- 70% में फायर सिस्टम नहीं थे

मई में इंदौर की बहुमंजिला इमारत में लगाई गई आग के बाद निगम अमला सक्रिय हुआ। भोपाल की 350 जी प्लस 4 बिल्डिंगों का फायर ऑडिट किया। इसमें 70% में फायर सेफ्टी सिस्टम नहीं निकला। इनमें फायर एक्सटिंग्विशर लगाकर खानापूर्ति की जा रही थी।

पिछले एक साल से हमारी टीम लगातार काम कर रही हैं। यही वजह है कि अभी 250 से भी ज्यादा अस्पतालों ने टेम्परेरी एनओसी ली है। गुरुवार से हमारी 4 टीमें फायर ऑडिट करने मैदान में उतरेंगी।
-केएस परिहार, अपर आयुक्त, नगर निगम (फायर)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *