इंदौर : नई शहर सरकार का पुराना एजेंडा:अफसरों ने जिन कामों के लिए जुलाई-अगस्त की तारीख तय की थी, उनके लिए 3 माह का वक्त मांगा
- उन्होंने स्मार्ट सिटी, प्रमुख मार्गों, ब्रिज, बिजली विभाग व संजीवनी क्लिनिक सहित कई प्रोजेक्ट्स की नई डेडलाइन तीन महीने तय की
- भार्गव ने 15 बिंदुओं का संकल्प पत्र साझा किया
महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने तीन महीने की प्लानिंग के संकल्प के साथ शनिवार को पद संभाला। उन्होंने स्मार्ट सिटी, प्रमुख मार्गों, ब्रिज, बिजली विभाग व संजीवनी क्लिनिक सहित कई प्रोजेक्ट्स की नई डेडलाइन तीन महीने तय की। अब ये अलग बात है कि इनमें कई काम ऐसे भी हैं, जिनकी डेडलाइन खुद निगम अफसरों ने 15 अगस्त व 31 अगस्त तय कर रखी है। भार्गव ने 15 बिंदुओं का संकल्प पत्र साझा किया।
Q. सारे पुराने प्रोजेक्ट्स हैं?
A. हमने प्राथमिकता तय की है। शहर के हित में किन कामों को पहले पूरे किया जाना चाहिए।
Q. कोई नया काम नहीं लिया?
A. नया काम शुरू करने से पहले हमारी जिम्मेदारी है कि जो प्रोजेक्ट्स चल रहे हैं, उनकी मॉनिटरिंग को मजबूत कर पहले उन्हें पूरा करवाएं।
Q. कई प्रोजेक्ट की डेडलाइन निकल चुकी है। मानसून में काम कैसे पूरे करेंगे?
A. प्रोजेक्ट अब न पिछड़े, इसीलिए तीन महीने की समय सीमा तय की है। काम की गति और निगरानी बढ़ाएंगे।
ग्रीन ऑडिट जरूरी है। जल संरक्षण को लेकर रेन वाटर हार्वेस्टिंग ठीक है, लेकिन शहर के तालाबों की दुर्दशा हो रही है। सीमांकन करवाकर तालाबों को पुनर्जीवित करना चाहिए। खान नदी में पानी ट्रीटमेंट कर डाल रहे हैं, लेकिन उसका रंग बताता है कि गंदा पानी मिल रहा है। इसलिए नालों में छोड़े जाने वाले पानी के ट्रीटमेंट का ऑडिट करवाना चाहिए। यशवंत सागर के रखरखाव को लेकर सजगता की जरूरत है। स्काडा सिस्टम पर बात नहीं हुई। वह बहुत जरूरी है। हमारे इंदौर में बहुत महंगा पानी आता है।
-प्रो. संदीप नारूलकर, SGSITS