टीम मेंबर्स का मानसिक रूप से सुरक्षित महसूस करना सबसे जरूरी, मार्वेल एवेंजर्स से सीखिए टीम वर्क का सबक

गूगल की रिसर्च टीम ने पाया है कि जो बेस्ट टीम्स होती हैं वो इसलिए ज्यादा असरदार और प्रोडक्टिव होती हैं कि वो साथ मिलकर काम करना जानती हैं। उन्हें इस बात से जरा भी फर्क नहीं पड़ता कि टीम में कौन है और कौन नहीं।

आज के मैनेजमेंट मंत्रा में जानिए उन खूबियों के बारे में जिससे आप बना सकते हैं ऑफिस में अपनी एक बेस्ट टीम…

1. टीम मेंबर्स का मानसिक रुप से सुरक्षित होना
साइकोलॉजिकल सेफ्टी बहुत हद तक माहौल पर निर्भर करती है। यह बात करती है एक ऐसे कल्चर की जिसमें टीम के सभी सदस्य इंटरपर्सनल रिस्क लेने में सुरक्षित महसूस करते हैं। जब टीम मेंबर्स मानसिक रूप से सुरक्षित महसूस करते हैं, तो वो रिस्क लेते हैं। जब वो रिस्क लेते हैं तो आगे बढ़ते हैं। जहां मानसिक सुरक्षा होती है वहां विचार स्वतंत्र रूप से बहते हैं।

2. टीम की निर्भरता
यहां निर्भरता का आशय जवाबदेही है, विश्वसनीयता है, भरोसा है। अगर टीम के सभी सदस्य भरोसेमंद हैं, विश्वसनीय हैं तो टीम की सफलता तय है। जिस टीम पर पूरी तरह से निर्भर किया जा सकता है, उसका हर मेंबर यह जानता है कि वो सही समय पर हाय क्वालिटी काम ही देगा।

3. टीम में एक ढांचा और स्पष्टता होना
हर टीम के लिए बहुत जरूरी होता है- ढांचा और स्पष्टता। लेकिन नियम इतने भी सख्त नहीं होने चाहिए कि ग्रोथ के आड़े आने लगें। जब टीम के पास ढांचा और स्पष्टता मौजूद होती है, तो परफॉर्मेंस का स्तर भी सटीक और स्पष्ट होता है। इस तरह टीम का हर सदस्य अपने लक्ष्य और जिम्मेदारी को बेहतर समझ पाता है।

4. टीम के पास एक उद्देश्य होना
बिना उद्देश्य या लक्ष्य वाले संस्थान में कोई काम नहीं करना चाहता। उसी तरह कोई बिना उद्देश्य की टीम के साथ भी काम नहीं करना चाहता। टीम का उद्देश्य तलाशने के कई रास्ते हैं। उद्देश्य या तो काम से जुड़ा हो सकता है या फाइनल प्रोडक्ट से। गूगल ने जाना कि काम में उद्देश्य पैदा करने के लिए फाइनेंशियल सिक्योरिटी, फैमिली सपोर्ट, टीम का दिल जीतना जैसी चीजें शुरू करनी होंगी।

5. टीम के काम में प्रभाव का होना
काम का मतलब होता है दूसरों के लिए मूल्य और प्रभाव पैदा करना। टीम मेंबर्स जानना चाहते हैं कि उनका काम कितना प्रभाव पैदा करता है। वो ये भी जानना चाहते हैं कि उनका काम टीम के लक्ष्य, उद्देश्य, मिशन पूरे करने में किस हद तक योगदान देता है। अपने काम के प्रभाव को जानने के लिए हर मेंबर के लिए टाइम रिवर्सिंग एक्सरसाइज बेहद काम की साबित हो सकती है।

आइए अब हम टीम वर्क के महत्व को कुछ गूगल-एपल कंपनियों की कहानियों द्वारा समझने की कोशिश करते हैं…

1. गूगल के अनुसार सर्वश्रेष्ठ टीम के सदस्य एक दूसरे को सुनते हैं
कंपनी के एग्जेक्यूटिव्स खूब मेहनत करके कर्मचारियों का मिक्स तैयार करते हैं। उनका मानना है कि एक स्टेलर टीम बनाने के लिए बेस्ट लोगों को साथ लाने की जरूरत होती है। लेकिन ये इतना आसान नहीं था। 2012 में गूगल ने एक प्रोजेक्ट की शुरुआत की जिसका नाम रखा ‘प्रोजेक्ट एरिस्टोटल’। इसमें कई साल लगे। हजारों कर्मचारियों के इंटरव्यू लिए गए। डेटा तैयार करने के लिए करीब 100 एक्टिव टीम्स तैयार की गईं। मैट साकागूची जो गूगल के एक मध्यम स्तर के मैनेजर थे चाहते थे कि इस प्रोजेक्ट पर काम किया जाए।

उन्होंने अपनी टीम को एक खुले मैदान में ले जाकर उनसे अपनी कुछ दिल की बातें शेयर कीं। अपने कैंसर ट्रीटमेंट से जुड़ी बातें भी साझा कीं। धीरे धीरे कर्मचारी अपनी व्यक्तिगत कहानियां भी शेयर करने लगे। साकागूची की रणनीति और गूगल की सोच साइकोलॉजिकल कॉन्सेप्ट पर आधारित है। साइकोलॉजिकल सेफ्टी को गूगल एक सफल टीम बनाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण कारक मानता है।

2. स्टीव जॉब्स मानते थे बेस्ट काम तब होता है जब अलग-अलग क्षेत्र के लोग मिलकर काम करते हैं
1986 में जब स्टीव जॉब्स को एपल से बाहर कर दिया गया था, तो वो एक कंप्यूटर मैन्युफैक्चरर लेकर आए थे, नाम था पिक्सर। 2000 में उन्होंने कंपनी को रीलोकेट किया। मूल प्लान में तीन अलग इमारतें थीं, जिसमें कंप्यूटर साइंटिस्ट और एनिमेटर्स के लिए अलग ऑफिस थे। जॉब्स ने इसे तुरंत ही बदल दिया।

तीन अलग इमारतों की बजाय उन्होंने एक सिंगल बड़ी जगह रखी जिसके बीचोंबीच एक एट्रियम भी निकाला। जॉब्स केवल एक स्पेस तैयार नहीं कर रहे थे। वो चाहते थे कि अलग-अलग कल्चर के लोग यहां एक साथ काम करें। यही पिक्सर के लिए बड़ी चुनौती थी। स्टीव जॉब्स को अलग-अलग ऑफिस को एक बड़ी डिजाइन समस्या की तरह देखते थे।

3. एवेंजर्स का टीम वर्क को लेकर एक ही सबक है – ‘ एक से बेहतर एक’
मारवल की एवेंजर्स जिसमें आयरन मैन, कैप्टन अमेरिका, हल्क और थॉर जैसे किरदार थे, कॉमिक फैन्स को प्रेरित करती है। लेकिन शायद ही किसी ने ध्यान दिया होगा कि इसमें टीम वर्क को लेकर एक बड़ा सबक है। वो है – ‘वन इज़ बेटर दैन वन’। इसका अर्थ है कि एक टीम एक व्यक्ति से हमेशा बेहतर है। एवेंजर्स में कैप्टन अमेरिका और आयरन मैन के नजरिए बिल्कुल अलग थे, लेकिन फिर भी वो एक दूसरे की इज्जत करते हैं, एक दूसरे पर भरोसा करते हैं।

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