राज्य में गत वर्ष खुले 453 में से 94 नर्सिंग कॉलेजों को किया बंद

राज्य सरकार की ओर से गुरुवार को मप्र हाईकोर्ट के समक्ष मान्यता सम्बन्धी गड़बड़ियों वाले नर्सिंग कॉलेजों पर अब तक की गई कार्रवाई का ब्यौरा प्रस्तुत किया गया। मप्र नर्सिंग काउंसिल की ओर से कोर्ट को बताया गया कि वर्ष 2020-21 में खुले 453 नर्सिंग कॉलेजों में से 94 नर्सिंग कॉलेजों के मान्यता नवीनीकरण आवेदन निरस्त कर दिए गए….

– मप्र नर्सिंग काउंसिल ने हाईकोर्ट में शपथ पत्र पेश कर बताया

– 55 अन्य अवैध नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता 3 दिन में निलंबित करने का आश्वासन

जबलपुर। …राज्य सरकार की ओर से गुरुवार को मप्र हाईकोर्ट के समक्ष मान्यता सम्बन्धी गड़बड़ियों वाले नर्सिंग कॉलेजों पर अब तक की गई कार्रवाई का ब्यौरा प्रस्तुत किया गया। मप्र नर्सिंग काउंसिल की ओर से कोर्ट को बताया गया कि वर्ष 2020-21 में खुले 453 नर्सिंग कॉलेजों में से 94 नर्सिंग कॉलेजों के मान्यता नवीनीकरण आवेदन निरस्त कर दिए गए। चीफ जस्टिस रवि मलिमठ व जस्टिस डीडी बंसल की डिवीजन बेंच को आश्वासन दिया गया कि नोटिस का जबाब न देने वाले लगभग 55 कॉलेजों की मान्यता आगामी 22 अगस्त तक निलंबित कर दी जाएगी। कोर्ट ने जवाब को रिकॉर्ड पर लेकर अगली सुनवाई 23 अगस्त तक कार्रवाई कर ब्यौरा प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।

लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन म.प्र के अध्यक्ष अधिवक्ता विशाल बघेल की ओर से दायर जनहित याचिका में कहा गया कि राज्य में नियमों और मापदंडों का पालन किए बिना निजी नर्सिंग कॉलेजों का संचालन हो रहा है। गुरुवार को मप्र नर्सिंग काउंसिल की ओर से उप महाधिवक्ता स्वप्निल गांगुली ने कोर्ट के निर्देश पर युगलपीठ के समक्ष रजिस्ट्रार नर्सिंग काउंसिल का शपथ पत्र पेश किया। उन्होंने कोर्ट को बताया कि वर्ष 2020-21 में खुले 453 नर्सिंग कॉलेजों में से 94 नर्सिंग कॉलेजों के मान्यता नवीनीकरण आवेदन निरस्त किये गये हैं। हाईकोर्ट के निर्देश पर दिनांक 10 मई 2022 को मान्यता सम्बन्धी खामियों वाले नर्सिंग कॉलेजों को नोटिस जारी किये गये थे। इसमें इन कॉलेजों के पास उपलब्ध संसाधन , बिल्डिंग आदि के बारे में जबाब चाहा गया था। उसमें से 304 कॉलेजों ने ही जबाब दिए हैं। जिनका परीक्षण किया जा रहा है।
इस पर कोर्ट ने पूछा कि नोटिस का जबाब न देने वाले कॉलेजों की मान्यता अभी तक समाप्त क्यों नही की गयी है? उपमहाधिवक्ता गांगुली ने कोर्ट को आश्वासन दिया कि नोटिस का जबाब न देने वाले लगभग 55 कॉलेजों की मान्यता आगामी सोमवार 22 अगस्त तक निलंबित कर दी जाएगी। याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट को बताया गया कि नर्सिंग काउंसिल ने अपने शपथ पत्र में सिर्फ पिछले वर्ष 2020-21 में खुले हुए कॉलेजों का उल्लेख किया है।जबकि याचिका के लम्बित रहने के दौरान वर्ष 2021-22 में भी नए अपात्र नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता दी गयी है। इस पर कोर्ट ने नर्सिंग काउंसिल से यह भी पूछा कि याचिका लंबित रहने के दौरान कितने नए कॉलेजों को मान्यता जारी की गयी है ? कोर्ट ने नर्सिंग काउंसिल के शपथ पत्र को रिकार्ड पर लेते हुए शेष कारवाई और नए खुले नर्सिंग कॉलेजों के बारे में समस्त जानकारी अगली सुनवाई में पेश करने के लिए निर्देश दिए।

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