गृह मंत्री अमित शाह की वह ऐतिहासिक घोषणा, जिससे बदल जाएगा कश्मीर का नक्शा

नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर को लेकर ऐतिहासिक कदम उठाते हुए राज्य से अनुच्छेद 370 हटाने की सिफारिश करते हुए जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2019 पेश किया. गृह मंत्री अमित शाह ने इस विधेयक को राज्यसभा में पेश करते हुए कहा कि कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने में एक सेकेंड की भी देरी नहीं करनी चाहिए. इसके साथ ही सरकार ने कश्मीर से आर्टिकल 35ए को हटा दिया. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हस्ताक्षर के बाद 35ए को हटाने को लेकर गजट नोटिफिकेश भी जारी कर दिया गया है.

राज्यसभा में गृह मंत्री ने कहा, ‘राज्यसभा में गृह मंत्री ने कहा, ‘जम्मू और कश्मीर राज्य के लद्दाख डिवीजन में एक बड़ा इलाका है, लेकिन बहुत दुर्गम क्षेत्र में बसा है. वहां के लोग काफी लंबे से समय इसे लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा देने की मांग कर रहे थे. लद्दाख अब बिना विधानसभा वाला केंद्र शासित होगा. उन्होंने कहा कि यह कदम सीमा पार आतंकवाद के लगातार खतरे को देखते हुए उठाया गया है”

अमित शा ने कहा, ‘अब जम्मू कश्मीर अलग से केंद्र शासित होगा. जम्मू कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश विधानसभा के साथ होगा’

आपको बताते हैं कि अगर केंद्र की सिफारिशों पर संसद की मुहर लग जाती है तो जम्मू कश्मीर में क्या क्या बदलाव देखने को मिलेंगे. यानि संसद के दोनों सदनों में जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2019 पास हो जाता है तो कुछ इस तरह के बदलाव होंगे.

  • जम्मू-कश्मीर: विशेष राज्य का दर्जा खत्म
  • जम्मू कश्मीर में अब देश का कानून लागू होगा
  • अब जम्मू कश्मीर का ध्वज अलग नहीं होगा
  • जम्मू कश्मीर से 35A को हटाया गया
  • कोई भी नागरिक जम्मू कश्मीर में ज़मीन खरीद सकेगा
  • दूसरे राज्य का नागरिक सरकारी नौकरी कर पाएगा
  • दूसरे राज्यों के निवासी जम्मू कश्मीर के नागरिक बन पाएंगे
  • बाहर शादी करने पर लड़की के अधिकार नहीं छिनेंगे

बता दें कि केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर को लकर पांच बड़े फैसले किए है.

पहला फैसलाः जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया गया

दूसरा फैसलाः जम्मू से 35A हटाया गया

तीसरा फैसलाः जम्मू कश्मीर का दो हिस्सों में बंटवारा किया गया

चौथा फैसलाः जम्मू कश्मीर अब विधानसभा के साथ केंद्र शासित प्रदेश होगा

पांचवा फैसलाः लद्दाख अब बिना विधानसभा का केंद्र शासित प्रदेश होगा

जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए जाने का समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने स्वागत किया है. वहीं टीएमसी और पीडीपी ने इस पर विरोध जताया है.

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