दिल्ली में पर्यावरण मंजूरी के बिना हाई-वे बनाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने किया नोटिस जारी, चार सप्ताह में जवाब तलब

दिल्ली और मुंबई को जोड़ने वाले हाईवे पर भी तेजी से निर्माण कार्य चल रहा है. सड़क मार्ग से जोड़ने वाले दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के काम को साल 2023 तक खत्म करने का लक्ष्य साधा गया है.

सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने बिना पर्यावरण मंजूरी के दिल्ली के द्वारका से होकर गुजरने वाले राजमार्ग परियोजना (Highway project) के निर्माण के खिलाफ दायर याचिका पर नोटिस जारी किया है. जिसपर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने नोटिस जारी कर चार सप्ताह में NHAI समेत अन्य से जवाब तलब किया. वकील प्रशांत भूषण ने दलील दी कि हाई के दिन-रात निर्माण होने से वहां का हरित क्षेत्र में बर्बाद हो रहा है.

उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट ने कहा कि किसी मौजूदा सड़क को नेशनल हाईवे बनाने के लिए किसी मंजूरी की आवश्यकता नहीं है. पेड़ काटने, सार्वजनिक परामर्श या पर्यावरण मंजूरी के लिए बिना किसी वैध अनुमति के वे निर्माण कर रहे हैं और वो भयावह है.

मालूम हो कि दिल्ली में द्वारका से होकर गुजरने वाले हाईवे के अलावा दिल्ली और मुंबई को जोड़ने वाले हाईवे पर भी तेजी से निर्माण कार्य चल रहा है. सड़क मार्ग से जोड़ने वाले दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के काम को साल 2023 तक खत्म करने का लक्ष्य साधा गया है. अगर निर्धारित किए गए समय पर सड़क बना दी जाती है तो यात्री दो साल बाद अपने वाहन से सिर्फ 12 घंटे का सफर तय करके दिल्ली से मुंबई पहुंच सकेंगे.

8-लेन का एक्‍सप्रेस-वे तैयार किया जा रहा है

मिली जानकारी के अनुसार 8-लेन का एक्‍सप्रेस-वे तैयार किया जा रहा है. यह केंद्र सरकार की महत्‍वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक है. केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि आने वाले सभी बाधाओं के बीच दिल्ली-मुंबई एक्‍सप्रेस-वे प्रोजेक्‍ट (Delhi-Mumbai Expressway Project) का काम जल्‍द से जल्‍द पूरा करने का लक्ष्‍य निर्धारित किया गया है. उन्होंने कहा कि जिस तेजी से निर्माण कार्य चल रहा है मुझे उम्मीद है कि एक्सप्रेस-वे को 2023 तक पूरा कर लिया जाएगा.

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