IIIT में नौकरी करने वाले AE की डिग्री फर्जी निकली…?

17 साल से कर रहा था नौकरी, कॉलेज प्रशासन कुछ बोलने को तैयार नहीं…

प्रयागराज के भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (IIIT) में पिछले 17 साल से नौकरी कर रहे सहायक इंजीनियर AE की डिग्री फर्जी निकली। इंजीनियर की फर्जी डिग्री लगाकर नौकरी करता रहा। शिकायत के बाद हुई जांच में AE की इंजीनियरिंग की डिग्री और डिप्लोमा दोनों फर्जी मिला। इस मामले में IIIT का कोई भी प्रशासनिक अधिकारी बोलने को तैयार नहीं है।

जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय की फर्जी मार्कशीट

जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय ने जांच के बाद मार्कशीट को फर्जी बताया।
जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय ने जांच के बाद मार्कशीट को फर्जी बताया।

जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के सहायक रजिस्ट्रार परीक्षा ने 2 अगस्त को IIIT के सहायक रजिस्ट्रार स्थापना पवन कुमार सैनी को पत्र भेजकर बताया था। सहायक अभियंता (AE) गजराज सिंह की सत्यापन को भेजी गई BE इलेक्ट्रिकल और डिप्लोमा इलेक्ट्रिकल की डिग्रियां और अंक पत्र फर्जी हैं।

AE के फर्जी इंजीनियर के आईकार्ड की फोटो।
AE के फर्जी इंजीनियर के आईकार्ड की फोटो।

शिकायत के बाद डिग्री की हुई जांच
AE की डिग्री फर्जी होने की शिकायत मिली थी। संस्थान ने 24 मई को सत्यापन के लिए विश्वविद्यालय को भेजा था। रिपोर्ट नहीं आई तो 23 जुलाई को सहायक रजिस्ट्रार की ओर से फिर पत्र भेजा गया। जिसके जवाब में सत्यापन रिपोर्ट भेजी गई है।

सिविल इंजीरियरिंग की नहीं कोई डिग्री
सूत्रों की माने तो AE के पास इंजीनियरिंग की डिग्री और डिप्लोमा तो फर्जी है ही। सिविल इंजीनियरिंग में उसके पास कोई डिग्री ही नहीं है। शिकायती पत्र में कहा गया है कि AE गजराज सिंह ने बतौर संविदा अभियंता 2006 से संस्थान में काम शुरू किया।

2010 में अवर अभियंता इलेक्ट्रिकल का पद विज्ञाप्ति होने के बाद इस पद पर नियुक्ति मिली। 2018 में उसकी नियुक्ति सहायक अभियंता के पद पर हुई। संस्थान के PRO पंकज मिश्रा ने बताया कि इस प्रकरण के बारे में अभी कोई जानकारी नहीं है।

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