300-सब इंस्पेक्टर ने सीखी इंवेस्टीगेशन स्किल्स…:
गुना के केस के बाद पड़ी पुलिस को ट्रेनिंग की जरुरत, जज बोले-खुद को विक्टिम समझ करें जांच …
- IIITM इंस्टीट्यूट ग्वालियर में चल रहा है दो दिवसीय वर्कशॉप
इंवेस्टीगेशन में गलतियों की वजह से अपराधी को तो लाभ मिलता ही है पुलिस को भी कोर्ट के सामने बार-बार खड़ा होना पड़ता है। पिछले कुछ महीनों में कई मौको पर कोर्ट ने पुलिस विवेचना में खामियां पकड़ी हैं। जिसको लेकर पुलिस अफसरों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हुए थे। विशेषकर गुना में पांच साल से लापता लड़की के केस के बाद पुलिस को ग्वालियर-चंबल अंचल के 8 जिलो के करीब 300 से ज्यादा सब इंस्पेक्टर को इंवेस्टीगेशन स्किल्स की ट्रेनिंग की जरुरत पड़ी है। शनिवार को ग्वालियर के IIITM संस्थान में शुरू हुए दो दिवसीय बिहेवियर एंड एटीट्यूशनल चेंज इन पुलिसिंग इंवेस्टीगेशन स्किल्स में अफसरों ने इंवेस्टीगेशन स्किल्स की बारीकियां सीखीं है। शनिवार शाम तक वर्कशॉप चली है। रविवार को भी सब इंस्पेक्टर को ट्रेनिंग दी जाएगी।
स्वयं को विक्टिम समझ कर करे जांच: आर्या
थाने में आने वाला पीड़ित आपसे मदद मांगने आता है, उसे विश्वास होता है कि पुलिस उसकी मदद करेगी। इसलिए जब भी किसी पीड़ित से बात करे खुद को विक्टिम मानकर उससे बातचीत करे, तो आप उसकी परेशानी समझ पाएंगे। यह बात शनिवार को IIITM संस्थान के सेमिनार हॉल में चल रही दो दिवसीय “बिहेवियर एंड एटीट्यूशनल चेंज इन पुलिसिंग इंवेस्टीगेशन स्किल्स’ वर्कशॉप में मुख्य अतिथि प्रशासनिक न्यायमूर्ति रोहित आर्या ने कही। वर्कशॉप में न्यायमूर्ति जीएस अहलूवालिया, न्यायमूर्ति आनंद पाठक, वर्चुअल रूप से DGP सुधीर सक्सेना व कार्याशाला में पुलिस अफसर मौजूद थे। ADG ए सार्इं मनोहर, ADG ग्वालियर डी श्रीनिवास, ADG चंबल राजेश चावला, SSP ग्वालियर अमित सांघी सहित अन्य अफसर मौजूद रहे।
ज्यादा से ज्यादा DIGITAL साक्षय एकत्रित करें
न्यायामूर्ति रोहित आर्या ने कहा कि विवेचना के दौरान आप सबसे ज्यादा डिजीटल साक्ष्य एकत्रित करें, जिससे अपराधी को बचने का मौका ना मिले। साथ ही आपकी विवेचना मजबूत होगी और कोई भी आप पर उंगली नहीं उठा सकता है। इसलिए समय-समय पर आप खुद को अपडेट करे। उससे आपकी इंवेस्टीगेशन की स्किल्स बेहतर होगी और अपराधी को लाभ नहीं मिलेगा। यहां न्यायामूर्ति आनंद पाठक ने कहा कि थानों में आने वाली छोटी-छोटी शिकायतों पर तत्काल एक्शन लें कई बार छोटी सूचनाओं व घटनाओं पर कार्रवाई बड़ी घटना को टाल देते हैं।
चुनौती भरा काम है पुलिसिंग
कार्यशाला में वर्चुअल शामिल हुए DGP मध्य प्रदेश सुधीर सक्सैना ने कहा कि पुलिसिंग चुनौती भरा काम है और अपराधी भी खुद को अपडेट कर पुलिस से आगे निकलने का प्रयास करता है, इसलिए पुलिस को भी समय-समय पर अपडेट होकर अपराधी से आगे आना होता है, इसलिए खुद को अपडेट रखे।
गुना के एक केस के बार पड़ी जरुरत
बीते कुछ महीनों में कई मौके ऐसे आए जिसमें विवेचना में की गई चूक या गलतियों के कारण पुलिस को कोर्ट में खड़ा होना पड़ा। हाल ही में जुलाई माह मंे गुना का एक केस जिसमें पांच साल से लापता लड़की के मामले में पुलिस अफसरों की लापरवाही से जांच के कारण पिछली सुनवाई मंे एडीजी को हाईकोर्ट में खड़ा होना पड़ा था। उस समय एडीजी ने कहा था कि इस तरह की गलतियां इंवेस्टीगेशन में न हो इसके लिए एक रोड मैप तैयार कर वर्कशॉप करने जा रहे हैं। गुना के केस में एक लड़की पांच साल से लापता है। पुलिस उसे अभी तक नहीं तलाश पाई थी। दो संदेही पकड़े थे एक ने दुष्कर्म कर शव फेंकने की बात कही, लेकिन न शव मिला न दुष्कर्म के सबूत पुलिस जुटा पाई। जिस कारण लड़की का पिता ने कोर्ट मंे बेटी को तलाशने गुहार लगाई थी। जिस पर पुलिस को कोर्ट ने फटकार लगाई थी।