संयुक्त राष्ट्र मानव विकास सूचकांक में इन पड़ोसी देशों से पीछे है भारत ..

मिला 132वां रैंक …
HDI Report: भारत में मानव विकास लगातार दो सालों में घटा है. इससे पिछले पांच सालों में हुई प्रगति प्रभावित हुई है. यूएनडीपी की ताजा रिपोर्ट में देश को 191 देशों की सूची में 132वें स्थान पर रखा गया है.

ये चुनौतियां भारत (India) के मानव विकास मूल्य के लिए भी जिम्मेदार थीं, जो 2021-22 में 2020 की रिपोर्ट में 0.645 से गिरकर 0.633 हो गई. नए विश्लेषण के अनुसार, इस कमी ने देश को मध्यम मानव विकास श्रेणी में रखा है.

इन चार मापदंडों से तय होती है रैंकिंग

आपतो बता दें कि यह रैंक किसी देश के स्वास्थ्य, शिक्षा और औसत आय की स्थिति को दर्शाता है. इसे चार मापदंडों पर मापा जाता है – जन्म के समय जीवन प्रत्याशा, स्कूली शिक्षा के औसत वर्ष, स्कूली शिक्षा के अपेक्षित वर्ष और प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय (GNI).

मानव विकास सूचकांक में भारत की स्थिति

वैश्विक रुझानों की तरह, भारत के एचडीआई में 2018 में 0.645 से 2021 में 0.633 तक की गिरावट को जन्म के समय गिरती जीवन प्रत्याशा के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है. इसके अलावा, भारत में स्कूली शिक्षा के अपेक्षित वर्ष 11.9 वर्ष हैं और स्कूली शिक्षा के औसत वर्ष 6.7 वर्ष हैं. वहीं प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय 5.25 लाख रुपये है.

अंतर सरकारी संगठन ने स्वास्थ्य और शिक्षा में भारत के निवेश की सराहना की, जिससे इसे 1990 के बाद से वैश्विक मानव विकास औसत के करीब आने में मदद मिली. संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, “देश स्वच्छ पानी, स्वच्छता और सस्ती स्वच्छ ऊर्जा तक पहुंच में सुधार कर रहा है.” देश द्वारा किए गए हालिया नीतिगत निर्णयों ने कमजोर आबादी समूहों के लिए सामाजिक सुरक्षा तक पहुंच बढ़ा दी है.

भारत के पड़ोसी देशों की स्थिति

मानव विकास सूचकांक में श्रीलंका को 73वां रैंक मिला है. इसी के साथ चीन को 79वां, भूटान को 127वां, बांग्लादेश को 129वां, नेपाल को 143वां और पाकिस्तान को 161वां रैंक प्राप्त हुआ है.

टॉप 5 देश कौन से हैं?

संयुक्त राष्ट्र की मानव विकास सूचकांक की रिपोर्ट में स्विटजरलैंड को पहला स्थान मिला है. इसके बाद नॉर्वे, फिर आइसलैंड, होंग कोंग और पांचवें स्थान पर ऑस्ट्रेलिया रहा है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *