‘महाराज’ ने दलितों के साथ खाना खाया, रो पड़ी इमरती ….
ग्वालियर में भावुक पूर्व मंत्री से बोले सिंधिया-चुप रहो, मीडिया वाले हैं …
ग्वालियर में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का अनोखा अंदाज देखने को मिला। उन्होंने अनुसूचित जाति के लोगों को ना केवल अपने हाथ से खाना परोसा, बल्कि साथ बैठकर एक ही थाली में खाना भी खाया। सिंधिया घराने में शायद पहली बार किसी ने ऐसा किया हैं। इस दौरान सिंधिया की कट्टर समर्थक इमरती देवी भी मौजूद थीं। सिंधिया की एक बात पर वह भावुक हो गईं। उन्होंने कहा- ये बात गलत है। इस पर मंत्री सिंधिया बोले- ये बात अभी मत कहो-यहां मीडिया वाले मौजूद हैं।
दरअसल, केंद्रीय मंत्री तीन दिवसीय प्रवास पर ग्वालियर आए हुए हैं। शनिवार को उन्होंने अनुसूचित जाति वर्ग के जनप्रतिनिधियों और आम लोगों के कार्यक्रम में शिरकत की। इस दौरान उन्होंने कहा कि अगर मैं ना भी रहूं तब भी आपके समाज के उत्थान के लिए हमेशा काम होते रहेंगे। यह बात सुनकर सिंधिया की कट्टर समर्थक और पूर्व मंत्री इमरती देवी की आंखों में आंसू आ गए। उसके बाद भीगी आंखों से इमरती देवी ने कहा कि महाराज! कभी ऐसा मत बोलना। उसके बाद सिंधिया ने इमरती देवी का हाथ पकड़कर हौसला बढ़ाया।
एट्रोसिटी के दंगों को प्रदेश आज भी नहीं भूला है: सिंधिया
सिंधिया ने कहा कि 2 अप्रैल 2018 के सामाजिक दंगों को प्रदेश आज भी नहीं भूला है। 2 अप्रैल 2018 का दिन इतिहास का एक काला दिन था, जिसे भुलाकर हम सभी को एक साथ मिलकर आगे बढ़ना होगा। कार्यक्रम में सिंधिया ने जाटव समाज के एक व्यक्ति के साथ एक ही प्लेट में खाना खाया। राज परिवार से होने के बावजूद सिंधिया बेहद आम तरीके से पेश आए तो अनुसूचित जाति समाज के लोग भी महाराज के अंदाज के मुरीद हो गए।
सिंधिया बोले-सभी वर्गों से हमारा प्रेम का नाता
मीडिया से बातचीत करते हुए सिंधिया ने कहा कि हमारी परंपरा है, हम पहले दूसरों को खाना खिलाते हैं, फिर खुद खाना खाते हैं, उसी परंपरा का निर्वहन मैंने किया है। सिंधिया ने कहा कि ग्वालियर चंबल और MP के सभी वर्गों से हमारा प्रेम का नाता है। खुद खाने से पहले दूसरों को अपने हाथों से भोजन परोसना और फिर सबके खाने में उनको संतुष्टि मिलती है।
विधानसभा चुनाव में यहां सबसे ज्यादा BJP को नुकसान
2 अप्रैल 2018 में जातिगत हिंसा के बाद विधानसभा चुनाव में सबसे ज्यादा नुकसान भाजपा को ग्वालियर चंबल अंचल में हुआ था। यहां लगभग 90 प्रतिशत सीट भाजपा के हाथ से चली गई थीं। अब सिंधिया कांग्रेस से भाजपा में आ गए हैं।