ग्वालियर में पांच ब्लैक स्पाट, यहां तीन साल में 62 मौत, विभाग नहीं कर रहे सुधार
पुलिस का सर्वे-अगर यहां सुधार कार्य किए जाएं तो सड़क हादसों में कमी लाकर लोगों की जान बचाई जा सकती है।
ग्वालियर,। ग्वालियर में पांच ब्लैक स्पाट हैं, जहां लगातार सड़क हादसे हो रहे हैं और यहां हादसों में लोग अपनी जान गंवा रहे हैं। तीन साल में इन स्पाट पर 62 लोग अपनी जिंदगियां गंवा चुके हैं। लगातार हो रहे हादसों को देखते हुए पुलिस अफसरों ने यहां खुद जाकर हादसे के कारणों को जाना। पांच में से चार ब्लैक स्पाट एनएचएआइ और एक ब्लैक स्पाट पर एमपीआरडीसी को सुधार कार्य करना है, लेकिन पुलिस की रिपोर्ट के मुताबिक यह छोटे-छोटे सुधार भी नहीं किए जा रहे हैं। पुलिस अफसरों का कहना है- हर महीने इस संबंध में विभाग के अफसरों से बात की जाती है, कई बार पत्राचार किया, लेकिन छोटी-छोटी अड़चनों के चलते यहां सुधार नहीं हो पा रहे। कहीं दूसरे विभाग की जमीन को लेकर सुधार कार्य अटका है तो कहीं किसी अन्य कारण से। अगर यहां सुधार कार्य किए जाएं तो सड़क हादसों में कमी लाकर लोगों की जान बचाई जा सकती है।
यह हैं ब्लैक स्पाट:
1- सिकरोदा तिराहा: यह मार्ग एनएचएआइ के अंतर्गत आता है। यहां सूचना बोर्ड, थर्माप्लास्ट, रंबल स्ट्रिप, चेतावनी बोर्ड लगाए जाने की रिपोर्ट पुलिस ने दी थी। यहां भारी वाहन आमने-सामने आ जाते हैं, जिसके चलते यहां हादसे होते हैं। इसके सुधार के लिए सिग्नल यहां लगाए गए, लेकिन सिग्नल अक्सर बंद रहता है। यहां झांसी की ओर से ग्वालियर की तरफ जाने वाले वाहनों के लिए तिराहे से पहले ही कट निकाला गया है, दिन में तो यह नजर आता है, लेकिन रात में पर्याप्त रोशनी न होने के चलते यह नजर नहीं आता। गाड़ियां आगे निकल जाती हैं। रात में ही यहां अक्सर हादसे होते हैं।
2- जौरासी घाटी: एनएचएआइ के अंतर्गत यह मार्ग आता है। यहां भी रंबल स्ट्रिप, चेतावनी बोर्ड, गति सीमा के बोर्ड, रिफ्लेक्टर लगाए जाने हैं। पिछले माह ही यहां पुलिस अफसर पहुंचे। यहां सुधार के लिए रिपोर्ट एनएचएआइ को भेजी है। यहां पुलिस अफसरों को बताया गया है मोड़ पर हादसे होते हैं, यहां वन विभाग की जमीन है, इसके चलते यहां मोड़ पर काम नहीं हो पा रहा।
3- सिमरिया टेकरी: सिमरिया टेकरी पर हादसे बहुत होते हैं। यह मार्ग भी एनएचएआइ के अंतर्गत ही आता है। यहां सुधार कार्य चल रहा है। यहां तेज गति की वजह से हादसे होते हैं।
4- पुरानी छावनी: यह मार्ग एमपीआरडीसी चंबल के अंतर्गत आता है। पुलिस की रिपोर्ट के अनुसार यहां चेतावनी बोर्ड, स्पीड ब्रेकर, कैमरे लगवाए गए हैं। लेकिन यहां हादसे की सबसे बड़ी वजह शोल्डर हैं, सड़क किनारे शोल्डर खाली हैं, जिससे हादसे होते हैं। पीटीआरआइ की टीम यहां आई थी, जब हादसे में चौदह लोगों की मौत हुई थी। इन शोल्डर को ही हादसे की वजह बताया गया था। यह सुधार अभी तक नहीं हुआ।
5- कल्याणी चौराहा: आंतरी में स्थित कल्याणी चौराहे पर आमने-सामने वाहन आ जाते हैं। इसलिए यहां हादसे होते हैं। करीब पांच साल से ग्वालियर में यह चौराहा ब्लैक स्पाट है।
कहां कितनी मौत:
सिकरोदा तिराहा: 2019- 3, 2020- 2, 2021- 4
जौरासी घाटी: 2019- 3, 2020- 6, 2021- 15
सिमरिया टेकरी: 2019- 3, 2020- 3, 2021- 2
कल्याणी चौराहा: 2019- 2, 2020- 2, 2021- 3
पुरानी छावनी: 2019- 0, 2020- 0, 2021- 14
शहर के अंदर बना नया ब्लैक स्पाट, पुलिस ने भेजी रिपोर्ट: शहर के अंदर बहोड़ापुर इलाके में नया ब्लैक स्पाट बन गया है। एएसपी अभिनव चौकसे ने बताया कि यहां भारी वाहनों ने रात में होने वाली दुर्घटनाओं की संख्या बढ़ी है, जिसमें लोगों की मौत हुई। इसलिए इसे ब्लैक स्पाट में शामिल करने के लिए रिपोर्ट भेजी है। जिससे यहां सुधार कार्य किए जा सकें।
वर्जन-
ग्वालियर में पांच ब्लैक स्पाट हैं, जहां सुधार के लिए हमने खुद यहां सर्वे किया और रिपोर्ट तैयार कर जिन विभागों को सुधार कार्य करने हैं, उन्हें भेजी। छोटे प्रयासों से यहां हादसे रोके जा सकते हैं। लेकिन कुछ अड़चनें बताकर यहां सुधार कार्य शुरू नहीं किए गए हैं। हम हर माह इस संबंध में सूचित करते हैं, अगर यह कार्य हाे जाएं तो हादसों में कमी लाई जा सकती है।
अभिनव चौकसे, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, यातायात