औरैया : गेल के ठेकेदारों की कार्यशैली से भू-विस्थापितों में आक्रोश ..!

गेल के ठेकेदारों की कार्यशैली से भू-विस्थापितों में आक्रोश:बोले-कुछ ही लोगों को मिली है नौकरी, ठेकेदार कर रहे हैं शोषण

औरैया में गेल के ठेकेदारों की कार्यशैली को लेकर बैठक करते भू-विस्थापित..

गेल प्लांट पाता में काम कर रहे भू-विस्थापितों में ठेकेदारों की कार्यशैली को लेकर आक्रोश भड़क रहा है। भू-विस्थापितों ने ठेकेदारों पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए रविवार को एक बैठक की। इसके बाद प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को शिकायती पत्र भेजकर न्याय की मांग की।

पाता पेट्रोकेमिकल प्लांट में ठेकेदारों के अधीन काम कर रहे पाता, सहनगरा, खानपुर, बनके पुरवा, कनहो आदि गांव के भू-विस्थापितों ने रविवार को हनुमान मंदिर परिसर में आपात बैठक की। शिव शंकर सिंह भदौरिया, राघवेंद्र, अमर सिंह, राजेन्द्र, गंगा प्रसाद, अमर सिंह, सत्येंद्र सिंह, तेजपाल समेत सौ से अधिक भू-विस्थापितों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री को भेजे शिकायती पत्र में जानकारी दी।

भू-विस्थापितों की बैठक में पहुंचीं भाजपा जिला उपाध्यक्ष।
भू-विस्थापितों की बैठक में पहुंचीं भाजपा जिला उपाध्यक्ष।

भू-विस्थापित बोले-समय पर नहीं मिलता वेतन

भू-विस्थापितों ने बताया कि प्लांट की स्थापना के वक्त किसानों की जमीन लेते हुए गेल प्रशासन ने हर परिवार से योग्यता के आधार पर नौकरी देने का वादा किया था, लेकिन सिर्फ चंद लोगों को ही नौकरी दी गयी। बाकी लोगों को गेल ने ठेकेदारों के अधीन लगा दिया। दबंग ठेकेदार भू विस्थापितों का जमकर उत्पीड़न कर रहे हैं। समय पर वेतन भी नहीं मिलता।

विरोध करने पर देते हैं नौकरी से निकालने की धमकी

भू-विस्थपितों ने आगे बताया, “अगर गेल से शिकायत की जाए तो गेल अधिकारी कोई सुनवाई नहीं करते। उल्टा ठेकेदार गाली-गलौज करके नौकरी से निकालने की धमकी देते हैं। घास कटिंग में लगे कुछ भू-विस्थापितों की मृत्यु होने के बाद उसकी जगह पर उनके किसी परिजन को नहीं लगाया जा रहा है।”

भाजपा जिला उपाध्यक्ष ने दिया समर्थन

गेल प्रशाlन और ठेकेदारों के उत्पीड़न से आक्रोशित भू-विस्थापितों की बैठक के भाजपा जिला उपाध्यक्ष ललिता दिवाकर भी पहुंचीं। उन्होंने भू-विस्थापितों को आश्वासन देते हुए कहा कि वह उनके साथ हैं। गेल के ठेकेदारों की मनमानी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। वो भू-विस्थापितों को साथ लेकर दिल्ली और लखनऊ जाकर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को शिकायती पत्र देकर जांच की मांग करेंगी।

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