ग्वालियर हाईकाेर्ट में पुलिस ने दिया जवाब-नर्सिंग कालेजों की संबद्धता का रिकार्ड भीग भी चुका है, अधूरा भी
35 कालेजों का रिकार्ड जब्त किया गया था। कोर्ट ने चिंता जताते हुए कहा कि कालेजों की संबद्धता में जो गड़बड़ियां चल रही हैं, वह कैसे रुकेंगी। अब डीएमई व इंडियन नर्सिंग काउंसिल के सचिव को उपस्थित होना होगा।
-प्रशासक बोले-काउंसिल में अधिकतर कर्मचारी आउट सोर्स के काम कर रहे हैं
-कल फिर से सुनवाई, डीएमई व इंडियन नर्सिंग काउंसिल के सचिव को तलब किया
ग्वालियर : नर्सिंग कालेजों की मान्यता व संबद्धता में किस तरह की गड़बड़ी चल रही है, इसका अंदाजा सोमवार को हाई कोर्ट में पेश हुए रिकार्ड से लगाया जा सकता है। भोपाल पुलिस ने बताया कि कालेजों का रिकार्ड भीग चुका है, उसकाे सुखाकर लेकर आए हैं। रजिस्टर नहीं मिला। अधूरा रिकार्ड मिला है। काउंसिल के प्रशासक डा योगेश शर्मा ने बताया कि अधिकतर स्टाफ आउस सोर्स का है। यहां नियमित कर्मचारी नहीं है। इसलिए दिक्कतें आ रही हैं। कोर्ट ने परिस्थिति को देखते हुए चिंता जताई है और अतिरिक्त महाधिवक्ता एमपीएस रघुवंशी को निर्देशित किया कि पुलिस रिकार्ड जब्त करके लाई है, उसका अवलोकन करके 27 सितंबर को कोर्ट में जानकारी पेश करें। 27 सितंबर को भी याचिका की सुनवाई होगी। 28 सितंबर काे चिकित्सा शिक्षा विभाग के डायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन व इंंडियन नर्सिंग काउंसिल के सचिव को उपस्थित रहना होगा।
अंचल के 37 नर्सिंग कालेजों ने शिक्षण सत्र 2019-20 के विद्यार्थियों का नामांकन कर परीक्षा कराने की मांग को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। इन कालेजों की याचिकाएं 2021 से लंबित हैं। कालेजों की ओर से तर्क दिया गया कि एमएससी व पोस्ट बेसिक नर्सिंग में विद्यार्थियों को प्रवेश दिए थे, लेकिन मेडिकल यूनिवर्सिटी उनका नामांकन करके परीक्षा नहीं करा रही है। ऐसा करने से विद्यार्थियों का भविष्य खराब होगा। 22 सितंबर को नर्सिंग काउंसिल ने कालेजों की संबद्धता का रिकार्ड पेश किया था। यह रिकार्ड अधूरा था, जिसको लेकर कोर्ट ने नाराजगी जताई है। कोर्ट ने रिकार्ड जब्त करने का आदेश दिया था। इस आदेश पर भोपाल के अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर शैलैंद्र सिंह चौहान जब्त रिकार्ड के साथ हाई कोर्ट में उपस्थित हुए। साथ ही सील बंद लिफाफा भी लेकर आए। जब्ती के दौरान पूरा रिकार्ड नहीं मिला। संबद्धता का जो रजिस्टर संधारित किया जाता है, वह नहीं मिला। रिकार्ड भीगा हुआ था, जिसे सुखाना पड़ा। 35 कालेजों का रिकार्ड जब्त किया गया था। कोर्ट ने चिंता जताते हुए कहा कि कालेजों की संबद्धता में जो गड़बड़ियां चल रही हैं, वह कैसे रुकेंगी। अब डीएमई व इंडियन नर्सिंग काउंसिल के सचिव को उपस्थित होना होगा।
फंसते नजर आ रहे कालेजः नर्सिंग कालेजों की मान्यता व संबद्धता में किए जाने वाले फर्जीवाड़े को लेकर जनहित याचिका दायर भी की थी। कोर्ट के आदेश पर कालेजों का निरीक्षण किया गया था। 70 कालेजों में काफी अनियमितताएं मिली थीं, जिसके चलते संबद्धता खत्म की गई थी। 37 नर्सिंग कालेजों ने विद्यार्थियों की परीक्षा कराने के लिए याचिका दायर की थी। अब ये कालेज फंसते नजर आ रहे हैं। चरक इंस्टीट्यूट आफ नर्सिंग कालेज का रिकार्ड देखने के बाद 23 कालेजों का रिकार्ड जब्त करने के निर्देश दिए गए थे।
कोर्ट ने 23 कालेजों का रिकार्ड जब्त करने का दिया था आदेशः ग्वालियर के 16 कालेज, भिंड के दो, दतिया के तीन व शिवपुरी के दो कालेज हैं, जिनका रिकार्ड जब्त किया जाएगा।
ग्वालियर के नर्सिंग कालेज: चरक इंस्टीट्यूट, वीआइपीएस आफ नर्सिंग, एमएलबी कालेज आफ नर्सिंग, प्रेस्टन कालेज, नव संस्कार लोक कल्याण समिति, बाल कृष्णानंदजी शिक्षा, लार्ड एजुकेशन एंड वेलफेयर सोसाइटी, राम कृष्ण कालेज, कालेज आफ नर्सिंग साइंस रिसर्च, सीएसएम कालेज आफ नर्सिंग, केएस नर्सिंग कालेज, अभिषेक नर्सिंग कालेज, जेबी इंस्टीट्यूट आफ नर्सिंग, दयाल नर्सिंग कालेज।
भिंड के कालेजः आएलडी नर्सिंग कालेज, अपेक्स कालेज नर्सिंग, एडीएस कालेज आफ नर्सिंग, सोनामी चैरिटेबल ट्रस्ट।
दतिया के कालेजः सिद्धी विनायक कालेज, अंशुमान आदित्य एजुकेशन, लोर्ड कृष्णा कालेज आफ नर्सिंग
शिवपुरी के कालेजः मीरा देवी कालेज, मैट स्कूल आफ नर्सिंग।