साइरस मिस्त्री के हादसे वाले रास्ते का हुआ ऑडिट, 70 किलोमीटर के दायरे में पाई गईं खामियां
आईआरएफ ने एनएच-48 के करीब 70 किलोमीटर खंड का ऑडिट किया है, इसमें वह जगह भी शामिल है जहां साइरस मिस्त्री की कार दुर्घटनाग्रस्त हुई थी. ऑडिट के जरिये कई खामियां सामने आईं.
टाटा संस (Tata Sons) के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री (Cyrus Mistry) की कार दुर्घटना (Car Accident) में मौत जिस राजमार्ग (Highway) पर हुई थी, उसके सुरक्षा ऑडिट (Road Safety Audit) में खराब रखरखाव, चालकों की मदद के लिए अपर्याप्त संकेतकों और संबंधित खंड पर दो दर्जन से ज्यादा स्थानों पर खुले मार्ग (Open Road) को लेकर चिंता जताई गई है.
इंटरनेशनल रोड फेडरेशन (IRF) के भारत चैप्टर की एक टीम द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग-48 पर महाराष्ट्र (Maharashtra) में मंडोर और गुजरात (Gujarat) में अछाड के बीच 70 किलोमीटर के खंड का सड़क सुरक्षा ऑडिट किया गया था. मिस्त्री और एक अन्य सह-यात्री की पिछले चार सितंबर को इस खंड पर कार दुर्घटना में मौत हो गई थी.
क्या कहा गया ऑडिट में
फेडरेशन के मानद अध्यक्ष केके कपिला ने कहा कि ऑडिट में दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कम लागत वाले तात्कालिक उपायों की सिफारिश की गई है. कपिला ने कहा कि इन तात्कालिक उपायों के तहत घुमावदार मार्गों और पुलों से पहले अधिकतम गति सीमा बताने वाले संकेतकों, ओवरटेकिंग के खिलाफ चेतावनी, त्वरित रखरखाव, बीच-बीच में खुली जगहों को बंद करने और चालकों को गाइड करने के लिए उचित संकेतकों को अंकित करने की सिफारिश की गई है.
पालघर में घातक दुर्घटना के एक हफ्ते बाद ही ऑडिट किया गया था. आईआरएफ ने एक बयान में कहा कि ऑडिट भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) की सहमति के बाद किया गया था और कार्रवाई के लिए रिपोर्ट सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय और एनएचएआई को सौंप दी गई है.
आईआरएफ-इंडिया चैप्टर के अध्यक्ष सतीश पारख ने यह कहा
आईआरएफ-इंडिया चैप्टर के अध्यक्ष सतीश पारख ने कहा कि ऑडिट में पाया गया है कि महाराष्ट्र के मंडोर और गुजरात के अछाड के बीच एनएच-48 के 70 किलोमीटर के हिस्से में फ्लाईओवर, वाहनों के अंडरपास, पैदल यात्री अंडरपास, पुल और पुलिया सहित कई छोटे-बड़े ढांचे हैं. बयान में पारख के हवाले से कहा गया है, ‘‘यह पाया गया कि जिस स्थान पर यह घातक दुर्घटना हुई, वहां तीसरी लेन के लिए एक साधारण मोड़ है, जिसे उचित संकेतकों के बिना अवैज्ञानिक और गैर-मानक तरीकों से बनाया गया है.’’
रिपोर्ट में कहा गया है कि मानक डिजाइन के अनुसार, किसी भी छह लेन वाले राजमार्ग पर कोई मध्य मार्ग नहीं होना चाहिए.बयान के मुताबिक, रिपोर्ट में बीच से खुले मार्गों को जल्द से जल्द बंद करने की सिफारिश की गई है.
2021 में सड़क हादसों में देश में इतने लोगों ने गंवाई जान
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार, 2021 में पूरे भारत में सड़क दुर्घटनाओं में 1.55 लाख से अधिक लोगों की जान गई यानी प्रतिदिन औसतन 426 या हर घंटे 18 लोग दुर्घटना के शिकार हुए हैं, जो अब तक किसी भी कैलेंडर वर्ष में दर्ज मौत का सर्वाधिक आंकड़ा है.