आगरा : 30 हजार लोग ताजमहल के पास व्यापार के लिए लड़ेंगे-केस ..!
30 हजार लोग ताजमहल के पास व्यापार के लिए लड़ेंगे-केस:सुप्रीम कोर्ट ने ताजमहल के 500 मीटर दायरे में बिजनेस एक्टिविटी पर रोक लगाई
बुधवार को हजारों की संख्या में कारोबारी एकत्र हुए। ताजमहल के आसपास की गलियों से लेकर मोहल्ले, नुक्कड़, होटल, शोरूम आदि के संचालकों ने सभा में हिस्सा लिया। सबको चिंता है कि उनके प्रतिष्ठान बचेंगे या बंद होंगे। किसी को 50 साल पुराने शोरूम के बंद होने का डर है तो किसी होटल पर ताला लगने का। सभी मायूस है। सब अपने-अपने हिसाब से सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अर्थ निकाल रहे हैं। ताजमहल के साउथ गेट के पास लम्बी चर्चा के बाद व्यवसाइयों ने फैसला किया कि कानूनी लड़ाई लड़ेंगे। इसके लिए चंदा किया जा रहा है। तय हुआ कि प्रतिष्ठान हटाने के लिए एडीए का नोटिस प्राप्त होते ही सुप्रीम कोर्ट में रिट दायर की जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट ने एडीए को दिए यह आदेश
दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने एडीए को आदेशित किया है कि “आगरा विकास प्राधिकरण को स्मारक ताजमहल की सीमा/परिधीय दीवार से 500 मीटर के भीतर सभी व्यावसायिक गतिविधियों को हटाने का निर्देश देते हैं जो भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 के अनुरूप होगा।” यह आदेश दुकान मालिकों के एक समूह द्वारा दिए गए एक इंटरलोक्यूटरी आवेदन पर आया है, जिन्हें अपना व्यवसाय चलाने के लिए स्मारक के 500 मीटर के दायरे के बाहर भूखंड आवंटित किए गए थे।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए) ने ताज के 500 मीटर के दायरे में बिजनेस एक्टिविटी रोकने के लिए तैयारी तेज कर दी है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग से रिकार्ड मांगा गया। इसके बाद सर्वे कार्य शुरू कर दिया है।
तो छिनेगी हजारों लोगों की रोजी-रोटी
ताजमहल की 500 मीटर की परिधि में पूर्वी, पश्चिमी व दक्षिणी गेट पर बड़े-बड़े हैंडीक्राफ्ट एंपोरियम, कई होटल और रेस्टोरेंट्स हैं। ताज के गेटों पर थोड़ी सी दूरी पर तीनों तरफ सैकड़ों की संख्या में दुकानें हैं। इन दुकान संचालकों और यहां काम करने वाले हजारों लोगों की रोजी-रोटी का जरिया पर्यटक ही हैं। यहां से यह प्रतिष्ठान हटाए गए तो कारोबार उजड़ जाएगा। व्यावसायिक गतिविधियां बंद होने से बड़ी संख्या में लोग बेरोजगार हो जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यहां काम कर रहे लोग बेचैन हैं।
लोगों की नजर एडीए के सर्वे और नोटिस पर
होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश चौहान ने कहा है कि एडीए का सर्वे कर प्रतिष्ठानों का चिह्नांकन करेगा। इसके बाद देखा जाएगा कि किन प्रतिष्ठानों को नोटिस दिया जाता है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण बात यह कि एडीए द्वारा सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुरूप कितनी पारदर्शिता से सर्वे किया जाता है। बड़े-बड़े होटल और एम्पोरियम वर्षों से बने हुए हैं। ये बिना अनुमति के नहीं बने। कई ऑथर्टियों की उनके पास अनुमति है। एडीए इन प्रतिष्ठानों को हटाने का नोटिस देता तो निश्चित रूप से सुप्रीम कोर्ट से ही न्याय मिलेगा और रिट दायर की जाएगी।