भावी रेलवे स्टेशन बनेंगे नये भारत के प्रतीक

भारतीय रेलवे 10,000 करोड़ रुपये की लागत से नई दिल्ली, मुंबई छत्रपति शिवाजी टर्मिनस और अहमदाबाद रेलवे स्टेशनों की कायापलट करेगी।
भारतीय रेलवे 10,000 करोड़ रुपये की लागत से नई दिल्ली, मुंबई छत्रपति शिवाजी टर्मिनस और अहमदाबाद रेलवे स्टेशनों की कायापलट करेगी। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को लंबे समय से लटके हुए इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। यह प्रस्ताव पहली बार यूपीए सरकार में पेश हुआ था जब लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री हुआ करते थे।

इन स्टेशनों में रूफ-टॉप प्लाजा, मनोरंजन सुविधाएं, कैफेटेरिया, फूड कोर्ट, वेटिंग लाउंज, बच्चों के खेलने की जगह, मनोरंजन स्थल जैसी तमाम सुविधाएं उपलब्ध होंगी। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि पब्लिक-प्राइवेट-पार्टनरशिप (PPP) के ज़रिये इन स्टेशनों के पुनर्विकास के पुराने प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया है। अब इनका पुनर्विकास भारत सरकार के बजट आवंटन से होगा।  इन प्रोजेक्ट्स के लिए इंजीनियरिंग प्रोक्योरमेंट कंस्ट्रक्शन (EPC) मोड के जरिए टेंडर मंगाए जाएंगे।

नये स्टेशनों में यात्रियों के लिये अधिकाधिक सुविधों पर ज़ोर दिया जायेगा। अश्विनी वैष्णव ने कहा कि अगले 10 दिनों में इन प्रोजेक्टस के लिए टेंडर जारी हो जाएंगे और तब पूरी लागत के बारे में सटीक जानकारी मिल पाएगी। इन तीनों स्टेशनों के पुनर्विकास में ढाई साल से साढे तीन साल लगेंगे। इस काम को 2026 तक पूरा कर लेने का लक्ष्य है। इस बात रक भी ज़ोर रहेगा कि पुर्नविकास कार्य चलते समय इन रेलवे स्टेशनों  के आसपास ट्रैफिक की भीड़भाड़ न हो। पर्याप्त पार्किंग सुविधाओं के साथ ट्रैफिक के सहज संचालन के लिए मास्टर प्लान तैयार किया गया है।

इन तीनों रेलवे स्टेशनों के आसपास की सभी सड़कों, मौजूदा इमारतों और बस एवं मेट्रो स्टेशनों को प्रोजेक्ट के हिस्से के रूप में विकसित किया जाएगा। वैष्णव ने कहा कि यात्रियों के आवागमन को आसान बनाने के लिए एलिवेटेड सड़कों का एक नेटवर्क बनाया जाएगा।

अश्विनी वैष्णव ने कहा, सभी तीनों स्टेशनों की डिजाइन में प्लैटफॉर्म्स और रेल पटरियों के ठीक ऊपर एक विशाल ‘रूफ प्लाजा’ बनेगा, जहां फूड कोर्ट, दुकानें,  बच्चों के खेलने की जगह और मनोरंजन स्थल होंगे। इससे ये रेलवे स्टेशन आधुनिक एयरपोर्ट जैसे नज़र आयेंगे।

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन में दो बड़े गुंबद बनेंगे , जिनमें चार मंज़िला रूफ प्लाजा होंगे। इससे 15 एकड़ की अतिरिक्त जगह बनेगी। रूफ प्लाजा रेल पटरियों से 10 मीटर ऊपर होगा । भीड़भाड़ कम रखने के लिए स्टेशन में आगमन और प्रस्थान द्वार बिलकुल अलग अलग होंगे।  दोनों गुंबदों के चारों ओर एलिवेटेड रोड का जाल बिछाया जाएगा। यात्री रूफ प्लाजा में अपनी ट्रेनों का इंतजार कर सकेंगे और ज्यों ही ट3म के प्रस्थान की घोषणा होगी, वे एलीवेटर या लिफ्ट के ज़रिए रुफ प्लाज़ा से उतर कर प्लेटफॉर्म पर पहुंच सकेंगे।  इसी तरह ट्रेन के स्टेशन पहुंचने के बाद यात्री रूफ प्लाजा से होते हुए स्टेशन से बाहर निकल सकेंगे।

मुंबई CST के लिए, स्टेशन में दो मंज़िला रूफ प्लाजा होगा और पूरा परिसर करीब साढे पांच  एकड़ पर फैला होगा। छत्रपति शिवाजी टर्मिनस की मुख्य इमारत को यूनेस्को ने विरासत घोषित किया  है, इसलिये उसमें कोई छेड़छाड़ नहीं की जाएगी। इस मुख्य इमारत के आसपास के इलाकों का विकास होगा और लंबी दूरी की ट्रेनों के लिए नया ब्लॉक बनाया जाएगा। प्रतिदिन कई लाख यात्री लोकल ट्रेनों का इस्तेमाल करते हैं, इसलिये इन दैनिक यात्रियों की सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जाएगा।

अहमदाबाद रेलवे स्टेशन के लिए जो डिजाइन बनई  है, उसमें  मोढेरा सूर्य मंदिर और सूर्य के थीम वाली वास्तुकला से प्रेरित एक विशाल मेहराब होगा। स्टेशन में रेल पटरियों के  ठीक ऊपर एक बड़ा  रुफ प्लाजा बनेगा। लोग आसानी से स्टेशन पहुंच सकें, या स्टेशन से बाहर निकल सकें, इसके लिए चारों ओर एलिवेटेड सड़कें बनाई जाएंगी। सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन के लिए स्टेशन के पास एक एम्फीथिएटर बनेगा।

भारत में मुसाफिरों के लिये रेल यात्रा हमेशा एक झंझट वाला काम रहा है। रेलवे स्टेशन तक पहुँचने में,  अथवा यात्रा के बाद रेलवे स्टेशन से निकलने में हमेशा दिक्कतें होती थी। ऑटो और टैक्सी वाले यात्रियों से मनमाना किरया वसूलते थे, और पार्किंग एरिया में हमेशा सैकडों गाड़ियों का जमघट होता था । इन तीनों रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास के बाद यात्रियों को अब बिलकुल अलग किस्म का अनुभव होगा। वे ट्रेन का इंतजार करते समय रूफ प्लाजा में टहल सकते हैं, भोजन  या  नाश्ता कर सकते हैं, उनके बच्चे खेल सकते हैं। यात्रियों को स्टेशन पहुंचती ही प्लैटफॉर्म पर गाड़ियों का इंतज़ार नहीं करना पडेगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने रेल यात्रा का चेहरा बदलने का फैसला किया है, ताकि यात्रियों को बढ़िया अनुभव मिल सके। कमर्शियल प्लाजा की तर्ज़ पर रेलवे स्टेशनों को बदला जायेगा, ताकि वे महज रेलवे स्टेशन न रहकर उस शहर की शान बन सके।

नई दिल्ली, मुंबई और अहमदाबाद स्टेशनों के पुनर्विकास के साथ-साथ 199 स्टेशनों की तस्वीरें भी बदली जाएंगी। ये ऐसे स्टेशन हैं, जहां हर साल 50 लाख से ज्यादा यात्री पहुंचते हैं। ये पहले चरण का काम होगा। 37 स्टेशनों पर काम शुरू हो चुका है, जबकि 42 अन्य स्टेशनों के लिए टेंडर मंगाए गए हैं। दूसरे चरण में, ऐसे स्टेशनों को चुना जाएगा जहां 10 लाख से ज्यादा यात्री हर साल पहुंचते हैं।

अपनी कैबिनेट बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, रेलवे स्टेशन किसी भी शहर की पहचान होता है। रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास ऐसा होना चाहिए जिससे कि उस शहर के निवासी गर्व महसूस कर सकें। इसके साथ ही उसका बुनियादी ढांचा मजबूत होना चाहिए ताकि वह अगले 50 साल की जरूरतों को पूरा कर सके।

आजादी के 75 साल पूरे हो चुके हैं, पर आज भी स्टेशनों पर रेल मुसाफिरों को तमाम असुविधाओं का सामना करना पड़ता है। देश के तीनों बड़े रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास की योजना निश्चित रूप से उत्साहजनक है। इन मॉडलों को बनाने में काफी प्लानिंग की गई है। उम्मीद है, अपने नए रंग रूप में ये रेलवे स्टेशन न सिर्फ लाखों यात्रियों को सुविधा प्रदान करेंगे, बल्कि एक नये, बदलते भारत के गौरवपूर्ण प्रतीक के रूप में खड़े होंगे

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