कम जमीन पर कंप्लीशन और अधिक जमीन पर रजिस्ट्री कैसे ..!
कम जमीन पर कंप्लीशन और अधिक जमीन पर रजिस्ट्री कैसे:नोटिस के बाद भी हुए टीएम, सीसी जारी होने के बाद कैसे खरीदी अतिरिक्त जमीन
ग्रैंड ओमेक्स सोसायटी में अवैध निर्माण ध्वस्त करता प्राधिकरण का बुलडोजर
प्राधिकरण के नियोजन विभाग ने दो वर्ष पहले जारी नोटिस और इस सप्ताह कराए ग्रैंड ओमेक्स सोसायटी में सर्वे के जरिये 132 फ्लैट में अवैध निर्माण चिह्नित किया। कार्रवाई के दौरान फ्लैट खरीदारों के पास बिल्डर से अतिरिक्त खरीदी गई जमीन की रसीद व रजिस्ट्री मौजूद रही। ऐसे में बिल्डर ने कंप्लीशन सार्टिफिकेट लेने के बाद कैसे अतिरिक्त जमीन खरीदारों को बेची, उस समय नियोजन विभाग क्या कर रहा था।

खरीदारों की अतिरिक्त जमीन की रजिस्ट्री बिल्डर ने प्राधिकरण ग्रुप हाउसिंग से कैसे सांठगांठ कर कराई। जिसने पूरे सिस्टम को लेकर नया बखेड़ा खड़ा कर दिया है। हैरानी की बात यह है कि ग्रैंड ओमेक्स सोसायटी में पिछले दो वर्ष से अतिक्रमण का नोटिस जारी होने के बावजूद कैसे खरीदारों ने फ्लैटों को दूसरे खरीदारों को बेच दिया। अतिक्रमण नोटिस का संज्ञान तक नहीं लिया गया
क्योंकि ट्राई एग्रीमेंट के तहत ग्रुप हाउसिंग में जितनी जगह पर कंप्लीशन होता है। उतनी जगह वाले फ्लैट का ट्रांसफर ऑफ मेमोरेंडम (टीएम) जारी किया जाता है। उसके बाद ही रजिस्ट्री होती है। ऐसे में कम जमीन पर कंप्लीशन और अधिक जमीन पर रजिस्ट्री कैसे हुई। यह जांच का विषय बना गया है। बिना कंप्लीशन लिए ही बिल्डर ने कितनी सफाई से अधिक जगह बेचकर खरीदारों की रजिस्ट्री करवा दी।
नोएडा में 700 सोसायटी का यही हाल
अधिकारी-कर्मचारी दलालों के साथ सुविधा शुल्क लेकर अतिक्रमण को नजर अंदाज कर सकते है। यह स्थित सभी 700 ग्रुप हाउसिंग सोसाटियों की है। इससे अछूते नोएडा प्राधिकरण की ओर से तैयार किए गए 250 सोसायटी के अतिक्रमण भी नहीं रहे। हालांकि नोएडा प्राधिकरण की मुख्य कार्यपालक अधिकारी रितु माहेश्वरी का कहना है कि नियोजन विभाग में महज पांच लोगों की टीम है, जिससे पूरे शहर की सोसायटी की निगरानी कराना संभव नहीं है।

धारा 10 के नाम पर चल रहा खेल
भवन विभाग में सभी सोसाटियों में धारा 10 (अतिरिक्त निर्माण) का नोटिस जारी कर दिया है। जिसका निस्तारण प्राधिकरण की ओर से गठित कमेटी करती है लेकिन दलालों के माध्यम से यह निस्तारण भी सुविधा शुल्क के माध्यम से कर दिया जाता है। एक शपथ पत्र लेकर खानापूर्ति कर दी जाती है। यह व्यवस्था प्राधिकरण में कमाई का हिस्सा बन चुकी है। ऐसे में कोई भी व्यक्ति फ्लैट खरीद बेच में अतिक्रमण को हटाने का प्रयास भी नहीं करता है।

जहां आती है शिकायत वहां होती है कार्यवाही
प्राधिकरण ने बताया कि जिस सोसायटी से शिकायत आती है वहां पर प्राधिकरण टीम भेजकर जांच करवाता है। इसके बाद वहां कार्यवाही की जाती है। इसके कई उदाहरण है हालांकि अधिकारियों का यही कहना है कि इतने बड़े शहर में हर घर को देख पाना उनके बस की बात नहीं है।

अपार्टमेंट ऑनर एसोसिएशन को मिले अधिकारी
इस मामले में फेडरेशन ऑफ अपार्टमेंट ऑनर एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीवा सिंह ने बताया कि प्राधिकरण को इस तरीके की कार्यवाही करने से पहले वहां की एओए से बातचीत करनी चाहिए। एओए को अधिकार दिया जाए कि वह अपनी सोसायटी में इस तरह के अवैध निर्माण को रोक सके उसे लीगल राइट दिया जाए।