मरते दम तक चीन के राष्ट्रपति रहेंगे शी जिनपिंग?
जानें तानाशाह की वापसी का भारत और दुनिया पर क्या होगा असर …
न में विश्लेषक ये मान रहे हैं कि शी जिनपिंग को तीसरा कार्यकाल हासिल करने में कोई दिक्कत नहीं होगी. इस तीसरे कार्यकाल में भी जिनपिंग देश के सबसे ताकतवर इंसान बने रहेंगे.
दुनियाभर के देशों और खासतौर पर अपने पड़ोसी मुल्कों के लिए नासूर बन चुके चीन पर सबकी निगाहें टिकी हैं. यहां शी जिनपिंग एक बार फिर से राष्ट्रपति बने रह सकते हैं. इस बार सीसीपी की बैठक में जिनपिंग को राष्ट्रपति के तौर पर तीसरा कार्यकाल मिलना तय माना जा रहा है. अगर राष्ट्रपति के तौर पर तीसरी बार जिनपिंग को समर्थन मिलता है तो शी जिनपिंग मरते दम तक चीन के राष्ट्रपति रहेंगे. इसके साथ ही जनपिंग की तानाशाही और ज्यादा बढ़ जाएगी. फिलहाल इस सबसे चीन के इतिहास में जिनपिंग का नाम काफी ऊंचा हो गया है.
ठीक 5 साल पहले यानी अक्टूबर 2017 में शी जिनपिंग को दूसरी बार चीन के राष्ट्रपति बने रहने का समर्थन मिला था. चाइनीज कम्यूनिस्ट पार्टी यानी सीसीपी का हर कार्यकर्ता शी जिनपिंग का तालियां बजाकर स्वागत कर रहा था. तब जिनपिंग के चेहरे पर घमंड के साथ-साथ एक मुस्कुराहट भी थी. इस बार भी ऐसे ही शी जिनपिंग का स्वागत होगा और चीन की मिलिट्री उन्हें पहले की ही तरह सलाम करेगी.
क्या जिनपिंग अपराजेय बन गए ?
चीन में विश्लेषक ये मान रहे हैं कि शी जिनपिंग को तीसरा कार्यकाल हासिल करने में कोई दिक्कत नहीं होगी. इस तीसरे कार्यकाल में भी जिनपिंग देश के सबसे ताकतवर इंसान बने रहेंगे और उनके पास दो सबसे शक्तिशाली पद कम्यूनिस्ट पार्टी के महासचिव और सेंट्रल मिलिट्री कमिशन के चेयरमैन का पद भी बरकरार रहेगा. ये भी कहा जा रहा है कि चीन में जिनपिंग ने अपराजेय ताकत हासिल कर ली है. जिसका असर ये होगा कि वो अब तानाशाही भरे फैसले लेने में पीछे नहीं हटेंगे.
विरोध प्रदर्शन रोकने के लिए लॉकडाउन?
चीन में कोरोना का बहाना करते हुए लॉकडाउन लगाए जा रहे हैं. कई शहरों को पूरी तरह से बंद किया जा रहा है और बाहरी लोगों को आने की इजाजत नहीं दी जा रही है. कहा जा रहा है कि शी जिनपिंग को ये आशंका है कि जब उनके तीसरे कार्यकाल की दावेदारी पर मुहर लगेगी तो कहीं चीन में उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन ना हों. इसीलिए जिनपिंग ने कोविड-19 का बहाना लेकर एक बार फिर से लॉक