नोवा फैक्ट्री से लिए घी, मिल्क पाउडर और टी व्हाइटनर के सैंपल
हाईकोर्ट के आदेश पर खाद्य सुरक्षा विभाग एवं एफएसएसएआई वेस्टर्न रीजन मुंबई के दल ने औद्योगिक क्षेत्र मालनपुर में संचालित नोवा फैक्ट्री से घी, मिल्क पाउडर, टी-व्हाइटनर के सैंपल लिए हैं, जिन्हें जांच के लिए वे साथ ले गए हैं। इसके अलावा भिंड के खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने छह अलग सैंपल लिए हैं, जिन्हें जांच के लिए राज्य खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला भोपाल भेजा जा रहा है।
दरअसल एडवोकेट उमेश बौहरे ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी, जिसमें नाेवा और पारस फैक्ट्री में निर्मित होने वाले दुग्ध उत्पादों की गुणवत्ता पर सवाल खड़े किए थे। इस याचिका पर हाईकोर्ट ने दोनों ही फैक्ट्रियों में बनने वाले दुग्ध उत्पादों की जांच का आदेश खाद्य सुरक्षा विभाग को दिया था। साथ ही दो सप्ताह में कार्रवाई का प्रतिवेदन मांगा था। इसी आदेश के तारतम्य में बुधवार को केंद्रीय खाद्य सुरक्षा अधिकारी वेदांत पवल, टेक्नीकल ऑफिसर गुरुनाथ साठे ने स्थानीय खाद्य सुरक्षा अधिकारी अवनीश गुप्ता, रीना बंसल और रेखा सोनी के साथ नोवा फैक्ट्री में कार्रवाई करने पहुंचे।
जहां केंद्रीय टीम ने नोवा फैक्ट्री से घी, मिल्क पाउडर, टी-व्हाइटनर के सैंपल उठाए हैं। जबकि स्थानीय टीम ने दूध, मिल्क पाउडर, गाय का घी, मिल्क मिक्स, डेयरी मिक्स और मिल्क फेट का सैंपल लिया है। इन सैंपलों को जांच के लिए राज्य खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला भोपाल भेजा जा रहा है।
पामोलिन ऑयल मिलाकर बना था मावा, केस दर्ज
मंगलवार की रात आठ बजे खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने बरोही थाना अंतर्गत रैपुरा गांव में संचालित कमलेश दूध डेयरी पर छापा मारा। डेयरी पर मौजूद बृजेश सिंह लोधी पुत्र कमलेश सिंह निवासी रैपुरा ने डेयरी पर मावा बनाने के लिए एक वायलर और कढ़ाई लगा रखी थी। कमरे में दो डलियों में करीब 60 किलो तैयार मावा रखा हुआ था। साथ ही डेयरी पर करीब 10 किलो रिफाइंड पामोलिन ऑयल रखा था। इस ऑयल को लेकर जब खाद्य सुरक्षा अधिकारी अवनीश गुप्ता और रेखा सोनी ने डेयरी संचालक से सवाल किया तो उसने बताया कि यह ऑयल वह मावा में मिलाता है। ऐसे में खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने मावा और ऑयल के सैंपल लिए हैं। साथ ही खाद्य पदार्थ में मिलावट करने पर बरोही थाना में डेयरी संचालक के बृजेश लोधी के विरुद्ध अपराध भी पंजीबद्ध कराया है।