ग्वालियर में 30 महीने के स्थान पर लगा तीन साल का वक्त, अब सुपुर्द होगा अस्पताल
हजार बिस्तर अस्पताल भवन का निर्माण हो चुका है। अब रंग रोशन का काम चल रहा है। इस कार्य को पूरा होने में दस से पन्द्रह दिन लगेंगे। इसके बाद दिसंबर में अस्पताल काे गजराराजा मेडिकल कालेज के सुपुर्द कर दिया जाएगा और उसका उद्घाटन भी दिसंबर में हो सकताहै।
ग्वालियर. । हजार बिस्तर अस्पताल भवन का निर्माण हो चुका है। अब रंग रोशन का काम चल रहा है। इस कार्य को पूरा होने में दस से पन्द्रह दिन लगेंगे। इसके बाद दिसंबर में अस्पताल काे गजराराजा मेडिकल कालेज के सुपुर्द कर दिया जाएगा और उसका उद्घाटन भी दिसंबर में हो सकता है। डीन डा अक्षय निगम का कहना है कि अस्पताल को जल्द ही सुपुर्द ले लिया जाएगा। उसमें जो भी कमियां होंगी। उसकी सूची तैयार कर पूरी कमेटी के हस्ताक्षर होने पर ही सुपुर्दगी ली जाएगी। यदि इसमें कोई कमी आगे मिलती है तो निर्माण कंपनी का मेंटिनेंश का तीन साल का समय है जो इस वक्त में करा ली जाएगी। इसलिए दीपावली के बाद अस्पताल में सामान शिफ्ट करने की तैयारी है। भले ही तीस महीने में अस्पताल तैयार होना था जिसमें विलंब लगा और तीन साल का वक्त हो चुका है। लेकिन अब जब भवन बनकर तैयार है तो उसे सुपुर्द लेना ही होगा।
गौरतलब है कि हजार बिस्तर भवन को 30 अगस्त 2022 तक जीआर मेडिकल कालेज के सुपुर्द करने का कंपनी ने दाबा किया था। जब ऐसा नहीं हो सका तो तत्कालीन संभागायुक्त आशीष सक्सेना के निर्देश पर पीआइयू ने एक करोड़ प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना ठोका और 22 सितंबर तक भवन सुपुर्दगी का समय दिया था। यदि 22 सितंबर तक भवन सुपुर्द नहीं होता तो जुर्माना की राशि बढ़ाई जाएगी। हजार बिस्तर अस्पताल के सुपुुर्दगी में बिलंब पर लगा जुर्माना मजाक बन गया है। हजार बिस्तर के निर्माण में देरी को लेकर पीआइयू ने एक 22 सितंबर के बीच प्रतिदिन एक करोड़ रुपये के हिसाब से जुर्माना ठोका था। अब खुद पीआइयू के अफसर जुर्माना की राशि वसूलने की जगह कोविड काल में बंद रहे काम का हवाला देकर कंपनी से जुर्माना वसूली के नाम पर बगलें झांक रहे हैं। इधर क्षेत्रीय विधायक सतीष सिकरवार ने अस्पताल की गुणवत्ता पर सवाल खड़े किए हैं। विधायक का कहना है कि चंबल की रेत का उपयोग अस्पताल निर्माण में किया गया। अस्पताल की छतों से पानी टपक रहा, दीवारों सीलन आ चुकी है, अस्पताल की नींव में गिट्टी मुरम के स्थान पर मिट्टी भर दी गई है। इसलिए वह शासन से अस्पताल निर्माण में उपयोग हुई सामग्री के गुणवत्ता की मांग करेंगे।