ग्‍वालियर में बिलौआ खदानों का कल दो माह का समय होगा पूरा, जुर्माना जमा नहीं, दो गए कोर्ट

दो माह पहले कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने जिन बिलौआ के छह खदान संचालकों पर 60 करोड़ का जुर्माना लगाया था,उनके जुर्माना जमा करने का दो माह का समय कल पूरा हो जाएगा। अभी तक किसी ने जुर्माने की राशि जमा नहीं की है।

बिलौआ खदानों पर कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने दो माह पहले लगाया था जुर्माना,दो माह था जुर्माना जमा करने का समय

-60 करोड़ का लगाया गया था जुर्माना

ग्वालियर.  दो माह पहले कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने जिन बिलौआ के छह खदान संचालकों पर 60 करोड़ का जुर्माना लगाया था,उनके जुर्माना जमा करने का दो माह का समय कल पूरा हो जाएगा। अभी तक किसी ने जुर्माने की राशि जमा नहीं की है। दो खदान संचालकों ने कोर्ट का रास्ता अपनाया है। बिलौआ-रफादपुर की खदानों का मामला कलेक्टर कोर्ट में लंबित था लेकिन सालों से जुर्माने नहीं लगाए गए थे,दो माह पहले जैस तैसे छह खदान संचालकों पर जुर्माना ठोका गया। दो माह की अवधि तक जुर्माना न जमा होने की दशा में वसूली के लिए अब आगामी कार्रवाई की जा सकती है,इसमें कुर्की का भी प्रविधान है।

यहां यह बता दें कि नईदुनिया ने 21 अगस्त को पांच साल पांच पांच कलेक्टर,425 करोड़ नहीं वसूले क्योंकि मंत्री-नेताओं की हैं खदानेंशीर्षक से प्रमुखता से बिलौआ-रफादपुर की खदानों के मामले को उठाया था। इसमें बताया था कि पिछले पांच साल में पांच कलेक्टर बदल गए लेकिन लीज क्षेत्र के अलावा सरकारी जमीन पर काले पत्थर का खनन करने के बाद भी कलेक्टर कोर्ट कार्रवाई नहीं कर सका। 425 करोड़ रूपए के जुर्माने का प्रस्ताव तैयार कर कलेक्टर कोर्ट में भेजा गया था लेकिन जुर्माना के आदेश जारी नहीं किए जा रहे थे। इन खदानों में नेता-मंत्रियों की खदानें भी शामिल हैं। इस पूरे मामले के खुलासे के बाद तत्काल कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने अगले दिन यानि 22 अगस्त को कलेक्टर कोर्ट के जरिए 6 मामलों में जुर्माने के आदेश जारी कर दिए। दो खदान संचालक कांग्रेस नेता सुनील शर्मा व तेजवन जैन ने कोर्ट में आवेदन लगाया है।

यह थी अनियमितता: इसलिए लगा था जुर्माना

जिले के डबरा अनुविभाग के अंतर्गत रफादपुर बिलौआ क्षेत्र में इन क्रेशर आधारित खदान संचालकों ने स्वीकृत लीज के बाहर सरकारी जमीन पर अवैध उत्खनन कराया था। यह जांच वर्ष 2017 में डबरा के तत्कालीन एसडीएम अमनवीर सिंह बैंस ने कराई थी। इस जांच रिपोर्ट में यह उल्लेख था कि खदान संचालकों ने स्वीकृत लीज से बाहर खनन कर सरकार को राजस्व की हानि पहुंचाई है। इस जांच के आधार पर खनिज विभाग ने कलेक्टर न्यायालय में मामले दायर किए थे। विधिवत सुनवाई की प्रक्रिया पूर्ण करने के बाद कलेक्टर न्यायालय ने यह आदेश जारी किए। एसडीएम डबरा व संबंधित तहसीलदारों के प्रतिवेदन और विभिन्न गवाहों के बयानों के आधार पर कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी के न्यायालय ने इन क्रेशर आधारित उत्खनन पट्टेधारियों को दोषी पाया और जुर्माना अधिरोपित किया।

इनपर लगाए जुर्माने

1-सरदार सिंह पुत्र प्रताप सिंह गुर्जर- 35 करोड़ 69 लाख

2-मुनेंद्र मंगल पुत्र दिनेश चंद मंगल,तेजवन जैन,वेदप्रकाश गाेयल,गुलाब सिंह- 7 करोड़ 51 लाख

3-सुनील शर्मा,सरदार सिंह गुर्जर-3 करोड़ 69 लाख

4-राजेश नीखरा पुत्र भगवत नीखरा- 6 करोड़ 43 लाख

5-धर्मेंद्र सिंह गुर्जर- 9 करोड़ 43 लाख

6-बहादुर सिंह पुत्र धर्मेंद्र सिंह-45 लाख 75 हजार

 

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