भोपाल निगम छह माह में टैक्स से 209 करोड़ रुपए वसूल चुका, इसका 10% खर्च करता तो 165 सड़कें सुधर जातीं
बारिश से सड़कें जर्जर …
दिवाली पर पूरा शहर जगमग है, लेकिन सड़कों की हालत बदतर है। हाल यह है कि इस बार की रिकॉर्ड बरसात से शहर की 165 सड़कें जर्जर हो गई। निगम, पीडब्ल्यूडी अफसर इस सड़कों को ठीक करने के लिए मानसून विदा होने का इंतजार करते रहे। कहीं-कहीं सड़कों की मरम्मत की गई, लेकिन दो-चार दिन बाद वह फिर उबड़-खाबड़ हो गई।
ये हालत है जब की शहर सरकार जनता से सरकारी और गैर सरकारी मद से 15 से ज्यादा तरह के टैक्स वसूल रही है। इस साल अप्रैल से 2 अक्टूबर तक ही निगम लोगों 209 करोड़ रुपए वसूल चुका है। खास बात यह है कि निगम हमेशा बजट नहीं होने का हवाला देकर काम करने में आना-कानी करता है, लेकिन टैक्स के रूप में वसूली राशि का 10% (20 करोड़ रुपए) भी यदि सड़कों की देख-रेख पर खर्च कर दे तो, शहर की साड़ी सड़कें चकाचक हो सकती है।
एक किमी बिटुमिन सड़क बनाने में खर्च होते हैं करीब 80 लाख रुपए
मैनिट के सिविल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. कमल सिंह के अनुसार 20 करोड़ रु. में भोपाल की सभी सड़कें रिपेयरिंग हो सकती हंै। इंडियन रोड कांग्रेस के मानकों के आधार पर सिंगल लेन की 1 किमी बिटुमिन (डामर) सड़क बनाने पर करीब 80 लाख रुपए खर्च होते हैं।
यदि आईआरसी के मानदंडों के हिसाब से बात करें तो 1 क्यूबिक मीटर में गिट्टी के वजन का 5% बिटुमिन इस्तेमाल होता है। इसकी कीमत 10 लाख रु. होती है। 20 करोड़ रुपए से 165 किमी सड़कों को आसानी से रिपेयर किया जा सकता है।