पुल का रिनोवेशन तो ठीक से ही हुआ, पर क्या करें? मैनेजर का मायावी बयान
पुलिस ने मंगलवार को इस मामले में गिरफ्तार सभी नौ आरोपियों को अदालत में पेश किया. इस दौरान पुलिस ने ब्रिज के रिनोवेशन में खामियां गिनाई और सभी आरोपियों से आगे की पूछताछ के लिए रिमांड की मांग की.
गुजरात के मोरबी ब्रिज हादसे के लिए जिम्मेदार कंपनी ओरिवो कुशल इंजीनियर नहीं है. उसने ब्रिज के मरम्मत के नाम पर केवल फ्रेब्रिकेशन का काम किया है. पुलिस की रिपोर्ट के आधार कोर्ट ने माना कि भारी चूक हुई है. इसी के साथ कोर्ट ने मामले की गंभीरता से जांच के लिए गिरफ्तार किए गए नौ में से चार आरोपियों को दस दिन के रिमांड पर भेजा है. उधर, कंपनी ने इस घटना को भगवान की इच्छा बताया. कहा कि पुल का रिनोवेशन तो ठीक से ही हुआ, लेकिन भगवान की मर्जी को कौन टाल सकता है.
चार आरोपियों को दस दिन की रिमांड
डीएसपी जाला ने बताया अदालत ने नौ में से चार आरोपियों के लिए दस दिन की रिमांड मंजूर की है. उन्होंने बताया कि रिमांड अवधि में आरोपियों को पुल पर ले जाया जाएगा. जहां रिनोवेशन की जरूरत और इस जरूरत के मुताबिक कराए गए काम की रिपोर्ट तैयार की जाएगी. इसके अलावा रिमांड अवधि में कंपनी के अधिकारियों के साथ साठ गांठ की परतों को भी उधेड़ने का प्रयास किया जाएगा. उन्होंने बताया कि रिमांड में चारो आरोपियों से अलग पूछताछ होगी, आवश्यकता के मुताबिक इन सभी को आमने सामने भी बैठाया जाएगा.
पुलिस ने गिनाई खामियां
पुलिस ने कोर्ट में बताया कि पुल की खामियों की लंबी सूची पेश की है. बताया कि पहली खामी तो पुल पर निर्धारित क्षमता से अधिक भार देना रहा है. इसके अलावा सरकार की अनुमति के बिना व क्वालिटी चैक के बिना इसे खोल देना था. 26 अक्टूबर को जब पुल खोला भी गया तो ना तो वहां लाइफ सेविंग इक्वीपमेंट दिए गए और ना ही लाइफ गार्ड ही तैनात किए गए. जबकि यह मरम्मत और रखरखाव का एक पार्ट है. पुलिस ने एफएसएल रिपोर्ट के आधार पर बताया कि कंपनी ने मरम्मत के नाम पर केवल प्लेटफार्म बदला है. इसके अलावा कोई और काम नहीं किया है.
ब्रिज की ऑयलिंग तक नहीं हुई
पुलिस ने कोर्ट में दाखिल अपने पहले पर्चे में बताया कि ब्रिज केबल पर टिका था, कायदे से इसके केबल में ऑयलिंग और ग्रीसिंग होनी चाहिए, लेकिन कंपनी ने इतना भी काम नहीं किया. जहां से केबल टूटे हैं, वहां तो भयंकर रूप से जंक लगा हुआ था. यदि केबल की रिपेयरिंग होती तो शायद यह अनहोनी नहीं होती. पुलिस ने बताया कि कंपनी ने इस ब्रिज की मरम्मत में क्या काम कराया, इसका कोई दस्तावेजी साक्ष्य नहीं है.