सिविल लाइन थाना प्रभारी दंडित ..?
अदालत को गुमराह करना महंगा पड़ा थाना प्नभारी को, गलत जानकारी देने पर 10 हजार रुपए का मिला दंड …
दि्तीय अपर सत्र न्यायालय ने एक मामले में न्यायालय के समक्ष गलत जानकारी देने पर मुरैना पुलिस के सिविल लाइन थाना प्रभारी प्रवीण चौहान को 10 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। उन्हें यह दंड मूल ड्राफ्ट पेश न करने पर दिया गया है। जुर्माने की वसूली के लिए न्यायालय ने पुलिस अधीक्षक को कुर्की वारंट जारी कर यह राशि प्रवीण चौहान के वेतन में से काटने के आदेश दिए हैं।
बता दें, कि सिविल लाइन थाना प्रभारी प्रवीण चौहान ने न्यायालय में 2 नवंबर को मूल ड्राफ्ट पेश नहीं किया था जिसके कारण न्यायालय ने की राशि उनके वेतन में से वसूलने के आदेश पुलिस अधीक्षक को दिए हैं।
यह है पूरा मामला
मामला माध्यमिक शिक्षा मंडल की परीक्षा में नकल प्रकरण का है। मंडल की वर्ष 2018 की परीक्षा के दौरान केन्द्राध्यक्ष श्रीनिवास गुप्ता ने 26 वर्षी आशीष पुत्र नरेश धाकड़ को दूसरे की जगह परीक्षा देते पकड़ा था। जब सिविल लाइन थाना पुलिस ने उससे कड़ाई से पूछताछ की तो उसने अपना गलत नाम पुलिस को बता दिया। पुलिस ने उसकी सही जांच-पड़ताल न करते हुए उसकी बात पर विश्वास करते हुए गलत नाम पर मामला दर्ज कर लिया। जब बाद में इसकी पड़ताल की गई तो उसका नाम रामवरन पुत्र जगदीश रावत, निवासी अलीपुरा खेरोन सबलगढ़ होना पाया गया। केन्द्राध्यक्ष की शिकायत पर सिविल लाइन थाना पुलिस ने आरोपी आशीष धाकड़ के खिलाफ मार्च 2018 में दफा 419 ताहि. व परीक्षा अधिनियम के तहत अपराध दर्ज कर लिया। बाद में इस मामले में धारा 465, 467 व 468 का इजाफा कर दिया गया।
मूल ड्राफ्ट नहीं किया पेश
पुलिस ने केस से संबंधित मूल ड्राफ्ट को जांच के लिए भोपाल भेजा लेकिन उसे न्यायालय में पेश नहीं किया। इस पर विवेचक तक द्वारा पूरे साक्ष्य लेखबद्ध नहीं किए जा सके। न्यायालय ने 28 अप्रेल 2022 को थाना प्रभारी प्रवीण चौहान को मूल ड्राफ्ट पेश करने पत्र लिखा जिसकी एक कॉपी पुलिस अधीक्षक को भेजी गई। इस पत्र में 2 नवंबर तक पुलिस इस मामले में मूल ड्राफ्ट न्यायालय में पेश नहीं कर सकी जिस पर न्यायालय ने टीआई के खिलाफ एक्शन लेते हुए उनके खिलाफ 10 हजार रुपए का अर्थदंड लगाने के आदेश जारी कर दिए।