फेसबुक और ट्विटर कैसे कमाते हैं अरबों रुपये
दुनियाभर में सोशल मीडिया को लेकर दीवानगी सिर चढ़कर बोल रही है. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसे इस्तेमाल करने वालों की संख्या इस्तेमाल नहीं करने वालों से ज्यादा हो गई है.
, समझिए क्या है इनका बिजनेस मॉडल …
इन आंकड़ों को देखें तो ये समझना मुश्किल नहीं कि राजनीतिक पार्टियां ऑनलाइन कैंपेन या कहें सोशल मीडिया के इस्तेमाल को तवज्जो क्यों दे रहीं हैं. बीते कुछ सालों में प्रोफेशनल से लेकर पर्सनल कामों तक सोशल मीडिया की भूमिका काफी बढ़ गई है. दुनियाभर में सोशल मीडिया का क्रेज किस तरह बढ़ रहा है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अब दुनियाभर में सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने वालों की संख्या, इसे इस्तेमाल नहीं करने वालों की संख्या से ज्यादा हो गई है.
चाहे पोस्ट करने या नौकरी खोजने के लिए कोई तस्वीर या वीडियो साझा करना हो, इन प्लेटफार्मों के उपयोग में पिछले कुछ वर्षों में काफी विविधता आई है. फेसबुक और ट्विटर बिलकुल फ्री है इसके इस्तेमाल के लिए हमें अभी तक कोई पैसा डाटा को छोड़कर खर्च नहीं करना पड़ता है. ऐसे में सवाल उठता है कि फेसबुक या ट्विटर अरबों रुपये कैसे कमाते हैं और आखिर इनका बिजनेस मॉडल क्या है?
कहां से कितना कमाती है फेसबुक
किसी भी बिजनेस को सफल बनाने में उसके बिजनेस मॉडल का बहुत बड़ा योगदान देता है. फिर चाहे वह छोटा सा स्टार्टअप ही क्यों ना है. हर कंपनी को सही तरीके से बिजनेस चलाने के लिए बिजनेस मैनेजमेंट मॉडल की जरूरत पड़ती है.
सबसे बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की बात करें तो फेसबुक सिर्फ विज्ञापन के जरिए अरबों रुपये कमा रहा है. आसान भाषा में कहे तो फेसबुक की कमाई का सबसे बड़ा जरिया विज्ञापन हैं जिसे कंपनी अपनी वेबसाइट और ऐप पर भी विज्ञापन करती है.
साल 2020 में से फेसबुक ने 6.38 लाख करोड़ रुपये का रेवेन्यू जुटाया था. जिसका 98 प्रतिशत रेवेन्यू सिर्फ विज्ञापन से आया था. इसमें 45 प्रतिशत कमाई अमेरिका और कनाडा से आती है जबकि बाकी 55 प्रतिशत कमाई बाकी दुनिया से आती है. फेसबुक ने 2020 में अकेले भारतीय बाजार से 9 हजार करोड़ की कमाई की थी.
कैसे आते हैं फेसबुक पर विज्ञापन
जब भी आप अपने कंप्यूटर के ब्राउजर पर या स्मार्टफोन पर फेसबुक खोलते होंगे तो उस दौरान आपके दोस्तों के पोस्ट के साथ-साथ यूजर्स को कुछ ऐसे पोस्ट भी नजर आते होंगे जिनको अपने कभी लाइक या फॉलो नहीं किया है. ऐसे में इस तरह के पोस्ट ज्यादातर किसी बिजनेस, प्रोडक्ट या सर्विस से जुड़े होते है और इन पोस्ट के साथ स्पॉन्सर्ड शब्द जुड़ा होता है.
यूजर्स को फेसबुक इस्तेमाल करते वक्त नजर आने वाले ऐसे सभी पोस्ट पेड होते है यानी इन्हे पैसा देकर फेसबुक पर प्रोमोट किया जाता है. यह स्पॉन्सर्ड पोस्ट फोटो, वीडियो, स्लाइड या और भी किसी दिए गए ऑप्शन में से हो सकते है.
फेसबुक कैसे कमाता है पैसे
फेसबुक पूरी दुनिया में फैला हुआ है और इसके पास जैसे अनगिनत यूजर्स हैं ऐसे में फेसबुक के पास वैसे ही छोटे-बड़े अनगिनत विज्ञापन भी आते होंगे. इसलिए फेसबुक ने एक नया प्लेटफॉर्म तैयार किया है जिसका नाम है ‘फेसबुक बिजनेस’. इस प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल विज्ञापनों के लिए ही किया जाता है. इसका इस्तेमाल कर यूजर अपने प्रोडक्ट के लिए विज्ञापन बना कर सकते है और उसे इस ऐप को इस्तेमाल करने वाले यूजर्स तक पंहुचा सकता है. भारत में फेसबुक पर विज्ञापन को प्रकाशित करने का न्यूनतम बजट 40 रुपये है और यह अलग-अलग देश के हिसाब से अलग-अलग होता है.
ऐसे में जब भी कोई यूजर स्क्रीन पर नजर आ रहे विज्ञापन पर क्लिक करता है तो इससे फेसबुक को पैसे मिलते है और कुछ विज्ञापन ऐसे भी होते है जिन्हें अगर यूजर देख भी लेते है तो फेसबुक को पैसे मिल जाते है.
कहां से कितना कमाती है ट्विटर?
बीते 27 अक्टूबर एलॉन मस्क ने ट्विटर को खरीदने का ऐलान किया था. ट्विटर के साथ उनकी ये डील 44 अरब डॉलर यानी 3.65 लाख करोड़ रुपये में हुई थी. वहीं ट्विटर के नए बॉस बनते ही एलॉन मस्क ने नियम बदल दिए और अब ब्लू टिक रखने वालों को पैसे देने होंगे. मस्क ने इसका कारण बताते हुए कहा कि ये नियम स्पैम और स्कैम से निपटने के लिए ये जरूरी था. साथ ही ट्विटर को रेवेन्यू भी मिलेगा.
बता दें कि ट्विटर के पास मेटा की तरह बहुत सारी सेवाएं नही हैं. इसके पास बस एक ही सोशल मीडिया कंपनी है. ट्विटर की सालाना रिपोर्ट के अनुसार इस प्लैटफॉर्म पर सिर्फ दो तरह से कमाई होती है. पहला- एडवरटाइजिंग से और दूसरा- डेटा लाइसेंसिंग से. एडवरटाइजिंग को आसान भाषा में समझे तो वह कंटेंट या प्रोडक्ट जो प्रमोटेड है. जबकि, डेटा लाइसेंसिंग यानी कंपनी यूजर्स का कुछ डेटा बेचती है ताकि उन्हें उनकी पसंद के विज्ञापन दिखाए जा सके.
पिछले साल यानी 2021 कंपनी का कुल रेवेन्यू 5 बिलियन डॉलर (42,160 करोड़ रुपये) रहा था. इसमें से विज्ञापन से 4.6 बिलियन डॉलर यानी 37,410 करोड़ रुपये और डेटा लाइसेंसिंग से 0.51 बिलियन डॉलर यानी 4,750 करोड़ रुपये का रेवेन्यू आया था. यानी, ट्विटर के रेवेन्यू में 89 प्रतिशत हिस्सेदारी सिर्फ विज्ञापन की है.
कई सालों से घाटे में चल रही है ट्विटर
ट्विटर पिछले कई सालों से घाटे में चल रही है इसलिए वर्तमान में एलॉन मस्क के सामने सबसे बड़ी चुनौती कंपनी की आमदनी बढ़ाना है. इसी साल जून तिमाही में कंपनी को 270 मिलियन डॉलर का घाटा हुआ था. जबकि, पिछले साल 221 मिलियन डॉलर (1,800 करोड़ रुपये) का नुकसान हुआ था.