क्या MP में नेता पुत्रों को टिकट देगी भाजपा…:

संसदीय बोर्ड के सदस्य जटिया का जवाब- ऐसा कुछ नहीं, पार्टी को जिताऊ उम्मीदवार चाहिए …

भाजपा केंद्रीय संसदीय बोर्ड के सदस्य सत्यनारायण जटिया पार्टी लाइन के खिलाफ जाकर नेता पुत्रों को टिकट देने की वकालत कर रहे हैं। जटिया ने भोपाल में कहा कि नेता पुत्रों को टिकट न देने जैसा कुछ नहीं है। पार्टी को जीत चाहिए। अच्छा उम्मीदवार चाहिए। बता दें, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा कह चुके हैं कि चुनावों में नेता पुत्रों को टिकट नहीं देंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी 8 महीने पहले भाजपा संसदीय दल की बैठक में कह चुके हैं कि पार्टी में पारिवारिक राजनीति की इजाजत नहीं दी जाएगी। दूसरी पार्टियों की वंशवाद की राजनीति के खिलाफ लड़ाई लड़ी जाएगी।

सूत्रों का कहना है कि भाजपा गुजरात विधानसभा चुनाव में नेता पुत्रों और विधायकों, सांसदों के रिश्तेदारों को टिकट देने से किनारा कर सकती है। हालांकि, भाजपा ने अब तक अपने प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की है। यहां पहले चरण में होने वाले मतदान के नामांकन की प्रक्रिया 14 नवंबर तक होनी है।

जानिए, किन नेताओं के बेटे राजनीति में आने को आतुर…

नरेंद्र सिंह तोमर: केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के बडे़ बेटे देवेंद्र प्रताप सिंह (रामू) ग्वालियर शहर की राजनीति में पिछले कई सालों से एक्टिव हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में देवेंद्र के मुरैना जिले की दिमनी और ग्वालियर शहर से विधानसभा से चुनाव लड़ने की चर्चाएं थीं। टिकट की दौड़ में नेताओं का समर्थन न मिलने से नरेंद्र सिंह तोमर चुप रहे। टिकट न मिलने के बावजूद देवेंद्र ग्वालियर की राजनीति में खूब एक्टिव हैं। पिता के संसदीय क्षेत्र मुरैना की राजनीति को भी उनकी गैर मौजूदगी में संभालते हैं।

अगले साल विधानसभा चुनाव के लिए नरेंद्र सिंह तोमर अपने बेटे देवेंद्र के लिए टिकट की सिफारिश कर सकते हैं। हालांकि, तोमर ने कभी खुलकर अपने बेटे को चुनाव लड़ाने की बात नहीं कही।

नरेंद्र सिंह तोमर अपने बेटे देवेंद्र प्रताप सिंह के साथ। अगले साल विधानसभा चुनाव के लिए नरेंद्र सिंह तोमर उनके लिए टिकट की सिफारिश कर सकते हैं।
नरेंद्र सिंह तोमर अपने बेटे देवेंद्र प्रताप सिंह के साथ। अगले साल विधानसभा चुनाव के लिए नरेंद्र सिंह तोमर उनके लिए टिकट की सिफारिश कर सकते हैं।

प्रभात झा: BJP के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लंबे समय से राजनीतिक परिदृश्य से गायब हैं। BJP की बैठकों से लेकर कार्यक्रमों में प्रभात झा नजर नहीं आ रहे हैं, लेकिन वे अपने बेटे तुष्मुल को ग्वालियर से चुनाव लड़ाने की तैयारी में हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में भी झा ने अपने बेटे को टिकट दिलाने के लिए काफी प्रयास किए थे।

प्रभात झा ग्वालियर से राजनीति में सक्रिय हुए। उन्होंने अपना घर भी ग्वालियर में बनवाया है। वे ग्वालियर की सुरक्षित सीट से बेटे को टिकट दिलाने की कोशिश में जुटे हैं।

प्रभात झा ने पीएम नरेंद्र मोदी से अपने बेटे तुष्मुल के साथ मुलाकात की थी। पिछले विधानसभा चुनाव में भी झा ने अपने बेटे को टिकट दिलाने के लिए काफी प्रयास किए थे। (फाइल फोटो)
प्रभात झा ने पीएम नरेंद्र मोदी से अपने बेटे तुष्मुल के साथ मुलाकात की थी। पिछले विधानसभा चुनाव में भी झा ने अपने बेटे को टिकट दिलाने के लिए काफी प्रयास किए थे। (फाइल फोटो)

गौरीशंकर बिसेन: बिसेन अपनी बेटी मौसम को विधानसभा चुनाव लड़वाने के लिए खुलकर पैरवी कर रहे हैं। कई कार्यक्रमों में गौरीशंकर बिसेन सार्वजनिक तौर पर यह कह चुके हैं कि अगले विधानसभा चुनाव उनकी बेटी मौसम मैदान में होंगी। 2018 के विस चुनाव में बिसेन ने अपनी बेटी के लिए टिकट की सिफारिश की थी। उस वक्त कार्यकर्ताओं का विरोध भी झेलना पड़ा था।

गौरीशंकर बिसेन अपनी बेटी मौसम के साथ। कई कार्यक्रमों में गौरीशंकर बिसेन सार्वजनिक तौर पर यह कह चुके हैं कि अगले विधानसभा चुनाव में उनकी बेटी मौसम चुनावी मैदान में होंगी।
गौरीशंकर बिसेन अपनी बेटी मौसम के साथ। कई कार्यक्रमों में गौरीशंकर बिसेन सार्वजनिक तौर पर यह कह चुके हैं कि अगले विधानसभा चुनाव में उनकी बेटी मौसम चुनावी मैदान में होंगी।

ये नेता पुत्र भी कर रहे विधानसभा की तैयारी…

कार्तिकेय सिंह चौहान: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बेटे कार्तिकेय ने पिता की परंपरागत सीट बुधनी में राजनीतिक बागडोर संभाल रखी है। खेल के आयोजनों से लेकर पार्टी और कार्यकर्ताओं की बैठकों में कार्तिकेय पूरी तरह एक्टिव हैं। कई बार कार्तिकेय के बुधनी से अगला विधानसभा चुनाव लड़ने की चर्चाएं उठी हैं।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने बेटे कार्तिकेय के साथ। कार्तिकेय के बुधनी से अगला विधानसभा चुनाव लड़ने की चर्चाएं कई बार उठी हैं।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने बेटे कार्तिकेय के साथ। कार्तिकेय के बुधनी से अगला विधानसभा चुनाव लड़ने की चर्चाएं कई बार उठी हैं।

महाआर्यमन सिंधिया: केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बेटे महाआर्यमन लंबे समय से पिता के संसदीय क्षेत्र गुना, शिवपुरी के साथ ही ग्वालियर की राजनीति में एक्टिव हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में महाआर्यमन ने अपने पिता के लिए घर-घर जाकर वोट मांगे थे। ज्योतिरादित्य भी अपने बेटे महाआर्यमन को चुनावी राजनीति में लाकर विधानसभा पहुंचाने की तैयारी में लगे हैं। हालांकि, सिंधिया ने खुलकर कभी महाआर्यमन के विधानसभा चुनाव लड़ने की बात नहीं कही, लेकिन सूत्र बताते हैं कि गुना संसदीय क्षेत्र की सेफ सीट से महाआर्यमन विधानसभा का चुनाव लड़ सकते हैं।

ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने बेटे महाआर्यमन के साथ। ज्योतिरादित्य उनको चुनावी राजनीति में लाकर विधानसभा पहुंचाने की तैयारी में लगे हैं। हालांकि, उन्होंने अभी तक खुलकर कुछ नहीं कहा है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने बेटे महाआर्यमन के साथ। ज्योतिरादित्य उनको चुनावी राजनीति में लाकर विधानसभा पहुंचाने की तैयारी में लगे हैं। हालांकि, उन्होंने अभी तक खुलकर कुछ नहीं कहा है।

सुकर्ण मिश्रा: गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के बेटे सुकर्ण मिश्रा बीजेपी प्रदेश कार्य समिति में सदस्य हैं। ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में सक्रिय हो चुके हैं। पिता की तरह वे लोगों के बीच जगह बना रहे हैं।

गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा अपने बेटे सुकर्ण मिश्रा के साथ। सुकर्ण अपने पिता की तरह लोगों के बीच जगह बना रहे हैं।
गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा अपने बेटे सुकर्ण मिश्रा के साथ। सुकर्ण अपने पिता की तरह लोगों के बीच जगह बना रहे हैं।

बीजेपी में इन नेताओं के परिजन सक्रिय राजनीति में

  • पूर्व सीएम सुंदरलाल पटवा: सुरेंद्र पटवा (भतीजा), पूर्व मंत्री
  • पूर्व सांसद कैलाश सारंग: विश्वास सारंग (पुत्र), मंत्री
  • पूर्व विधायक सत्येंद्र पाठक: संजय पाठक (पुत्र), मंत्री
  • पूर्व सीएम वीरेंद्र कुमार सखलेचा: ओमप्रकाश सखलेचा, मंत्री
  • पूर्व सीएम बाबूलाल गौर: कृष्णा गौर (बहू), विधायक
  • पूर्व सीएम कैलाश जोशी: दीपक जोशी (पुत्र), पूर्व मंत्री
  • पूर्व केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत: जितेंद्र गहलोत (पुत्र), पूर्व विधायक
  • पूर्व विधानसभा अध्यक्ष बृजमोहन मिश्रा: अर्चना चिटनीस (पुत्री), पूर्व मंत्री

मुदित शेजवार: सांची सीट से उतारा था

साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में BJP ने गौरीशंकर शेजवार की जगह उनके बेटे मुदित शेजवार को सांची विधानसभा से प्रत्याशी बनाया था, तब वे कांग्रेस प्रत्याशी प्रभुराम चौधरी से 10,571 वोटों से हार गए थे। कमलनाथ सरकार के तख्तापलट के दौरान चौधरी के भाजपा में आने के बाद उपचुनाव के लिए एक बार फिर मुदित का नाम चला, तो पार्टी के अंदर ही इनके खिलाफ माहौल बना था।

ये नेता कर चुके हैं चुनाव लड़ने से इनकार

BJP में उम्रदराज नेता खुलकर यह कह चुके हैं कि अगला विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। गौरीशंकर बिसेन (70) और नागेंद्र सिंह नागौद (80) चुनाव लड़ने से मना कर चुके हैं। बिसेन सार्वजनिक रूप से बेटी मौसम बिसेन को चुनाव लड़ाने की बात कर चुके हैं। नागौद के रिश्तेदार सक्रिय हो गए हैं। गुढ़ से विधायक नागेंद्र सिंह (80) के रिश्तेदार भी टिकट की दावेदारी रख रहे हैं। गुढ़ के नागेंद्र सिंह ने कहा कि पार्टी का जो निर्णय होगा, वो स्वीकार करेंगे। पार्टी को क्षेत्र में सर्वे कराना चाहिए। जो जीतने लायक हो, उसको टिकट देना चाहिए।

वंशवाद को लेकर PM मोदी का बयान
करीब 8 महीने पहले हुई भाजपा संसदीय दल की बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी ने सांसदों से कहा कि अगर विधानसभा चुनाव में आपके बच्चों के टिकट कटे हैं, तो उसकी वजह मैं हूं। मेरा मानना है कि वंशवाद लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा है। PM ने कहा कि परिवारवाद से जातिवाद को बढ़ावा मिलता है। उन्होंने कहा कि पार्टी में पारिवारिक राजनीति की इजाजत नहीं दी जाएगी। दूसरी पार्टियों की वंशवाद की राजनीति के खिलाफ लड़ाई लड़ी जाएगी।

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