भोपाल : घरेलू कामों के लिए छुट्टी पर रहती ज्यादातर महिला पुलिसकर्मी,
नई व्यवस्था तैयार …
कई के पति भी पुलिस में, अब दंपती की होगी काउंसलिंग; दोनों में बंटेगी जिम्मेदारियां
- महिला पुलिसकर्मियों के छुटि्टयों के आवेदन के एनालिसिस के आधार पर पीएचक्यू ने तैयार की नई व्यवस्था
यहा फैसला महिला पुलिसकर्मियों के अवकाश के लिए मिल रहे आवेदन के एनालिसिस के आधार पर लिया गया है। महिला सुरक्षा शाखा ने एनालिसिस में पाया कि घरेलू कामों के लिए सिर्फ महिला पुलिसकर्मी ही अवकाश ले रही हैं। ऐसे में थानों समेत अन्य शाखाओं में महिला पुलिसबल की कमी हो जाती है। इसे देखते हुए महिला सुरक्षा शाखा ने सभी आईजी और एसपी को कहा है कि सभी पुलिस जोड़ों की काउंसलिंग करें और उन्हें घरेलू काम को आपस में मिल बांट कर करने के लिए प्रोत्साहित करें। काउंसलिंग के बाद ट्रेनिंग प्रोग्राम भी रखा जाएगा। ट्रेनिंग में सिखाया जाएगा कि कैसे महिला पुलिसकर्मी के लिए काम करने के अनुकूल घरेलू वातावरण बनाएं।
नर्मदापुरम में प्रयोग
नर्मदापुरम जोन की आईजी दीपिका सूरी ने मार्च में दो दिवसीय सम्मेलन किया था। इसमें सामने आया था कि महिला पुलिसकर्मियों को घर की जिम्मेदारी उठानी पड़ती है। पुलिसकर्मी पति भी इसे नहीं समझते। इसके बाद, जिले के 26 पुलिस जोड़ों के लिए काउंसलिंग और ट्रेनिंग प्रोग्राम किया था।
80% आवेदन घरेलू काम के नाम पर
छुट्टियों के आवेदन के एनालिसिस में सामने आया कि महिला पुलिसकर्मियों के 80% आवेदन बच्चों की पढ़ाई समेत अन्य घरेलू जिम्मेदारी के लिए होते हैं। जबकि सूत्रों के अनुसार कुल उपलब्ध महिला पुलिसबल में से करीब 8% हमेशा मैटरनिटी या चाइल्ड केयर अवकाश पर होती है।
बढ़ेगा महिला पुलिसबल, पार्टनर मिलकर काम करें तो काम आसान और बेहतर होगा
मध्यप्रदेश में महिला पुलिसकर्मियों का अभी प्रतिशत करीब 6.5% है, जबकि देश का करीब 10% है। यह आने वाले समय में और बढ़ेगा। दोनों पार्टनर मिलकर घरेलू काम करेंगे तो काम आसानी और बेहतर तरीके से हो जाएंगे।
-दीपिका सूरी, आईजी
महिला पुलिसकर्मियों को काम करने का अनुकूल वातावरण मिले इसके लिए परिवार की भूमिका महत्वपूर्ण है। अभी पुलिस जोड़ों की काउंसलिंग करेंगे, बाद में बाकी महिला पुलिसकर्मियों की काउंसलिंग की जाएगी।
-प्रज्ञा ऋचा श्रीवास्तव, एडीजी, महिला सुरक्षा शाखा